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विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी: रो-को का प्रभाव, सूर्या पर नज़रें; दावेदारों के लिए बड़ा मौक़ा

हमेशा की तरह बड़े खिलाड़ी रहेंगे चर्चा का विषय, विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी के इस संस्करण में कम पहचान वाले खिलाड़ियों को ख़ुद को साबित करने का मौक़ा 

Shashank Kishore
शशांक किशोर
23-Dec-2025 • 5 hrs ago
Virat Kohli celebrates his 53rd ODI century, India vs South Africa, 2nd ODI, Raipur, December 3, 2025

विराट कोहली ने साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ शानदार बल्लेबाज़ी की थी  •  AFP/Getty Images

विराट कोहली ने जब पिछली बार विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी का मैच खेला था, तब भारत ने 2011 का विश्व कप नहीं जीता था, सचिन तेंदुलकर तब भी भारत के वनडे ओपनर थे, एमएस धोनी भारत के वनडे और टेस्ट कप्तान थे और राहुल द्रविड़ एवं वीवीएस लक्ष्मण संन्यास से काफ़ी दूर थे। कोहली ने ख़ुद भारत के लिए टेस्ट नहीं खेला था।
अब 16 साल बाद कोहली (और रोहित शर्मा) क्रिकेट के दो फॉर्मैट से रिटायर हो गए हैं और सिर्फ़ एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय खेल रहे हैं। रोहित शर्मा ने आख़िरी बार विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में 2017-18 में हिस्सा लिया था और अब 2027 विश्व कप को ध्यान में रखते हुए इस बार खेलने वाले हैं क्योंकि इन दोनों के ऊपर पहले से कहीं ज़्यादा सबकी नज़र है।
हालांकि जिस तरह से रणजी ट्रॉफ़ी में कोहली की वापसी पर दिल्ली में जबरदस्त भीड़ देखने को मिली थी, बेंगलुरु के फ़ैंस को वह मौका नहीं मिलेगा। पहले यह मैच अलूर में होने वाला था और उसके बाद उसे एम चिन्नास्वामी स्टेडियम शिफ़्ट कर दिया गया था लेकिन दर्शकों की ज़्यादा भीड़ को ध्यान में रखते हुए इस मैच को अब BCCI के सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस (CoE) में स्थानांतरित कर दिया गया है। इस साल रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के IPL जीतने के बाद चिन्नास्वामी स्टेडियम में भगदड़ हुई थी जिससे वह अभी भी उबर रहे हैं।
कोहली के खेलने पर हफ़्तों से अनुमान लगाए जा रहे थे और वह एक बेहतरीन फ़ॉर्म में इस टूर्नामेंट में वापसी कर रहे हैं। साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ पिछली वनडे सीरीज़ में उन्होंजे दो शतक और एक अर्धशतक लगाया था और उन्हें प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ चुना गया था। रोहित ने भी पिछली दो वनडे सीरीज़ में बढ़िया प्रदर्शन किया था और ऑस्ट्रेलिया में शतक लगाने के बाद उन्होंने साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ तीन पारियों में दो अर्धशतक लगाया था।
रो-को के अलावा इस टूर्नामेंट में भारत के T20I कप्तान सूर्यकुमार यादव के ऊपर भी नज़रें रहेंगी, जिनका फ़ॉर्म पिछले कुछ समय से अच्छा नहीं रहा है। पिछले एक साल में नंबर 3 और 4 पर खेलते हुए सूर्यकुमार ने 22 पारियों में बिना अर्धशतक और सिर्फ़ 12.84 की औसत एवं 117.87 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं।
न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ 21 जनवरी से T20 सीरीज़ की शुरुआत होने वाली है और उससे पहले वह टूर्नामेंट के कुछ मैचों में खेलेंगे। वह बता रहे थे कि नेट्स में वह काफ़ी अच्छी बल्लेबाज़ी कर रहे हैं और अब उनके पास इस टूर्नामेंट में मौक़ा है कि वह इसे रनों में भी तब्दील करें।
रोहित और कोहली के अलावा इस टूर्नामेंट में ऋषभ पंत के पास भी ख़ुद को साबित करने का मौका होगा, क्योंकि इससे पहले इशान किशन ने भी सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में शानदार प्रदर्शन किया था और उसकी बदौलत उन्हें जितेश शर्मा की जगह भारत की T20I टीम में शामिल किया गया है। अब चूंकि पंत को भारत की वनडे और T20 टीम में फ़िलहाल मौक़ा नहीं मिला रहा है, ऐसे में उनके ग्रुप स्टेज के सात मैचों के अलावा नॉकआउट मैचों में खेलने की भी उम्मीद है (अगर दिल्ली ने क़्वालीफ़ाई किया)।
कोहली और पंत, दोनों दिल्ली की टीम में हैं और ऐसे में सभी की नज़रें बेंगलुरु में उनके ही मैच पर रहेगी। इसके अलावा जयपुर, अहमदाबाद और रांची में भी सभी की नज़रें रहेंगी जहां दूसरे मुक़ाबले भी खेले जाएंगे। कुछ सालों में विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में काफ़ी नज़दीकी मुक़ाबले देखने को मिले हैं और पिछले पांच सीज़न में पांच अलग-अलग विजेता का मिलना इस बात का सबसे बड़ा सबूत है।
कर्नाटक की टीम गत विजेता और करुण नायर की वापसी से उन्हें मज़बूती मिली है। पिछले सीज़न नायर ने आठ पारियों में 389.5 की औसत से 779 रन बनाए थे जिसमें 6 शतक शामिल थे। उसके बाद रणजी ट्रॉफ़ी के आखिरी चरण में बेहतरीन प्रदर्शन करके उन्होंने आठ साल भारतीय टेस्ट टीम में वापसी की थी।
इसी तरह, अर्शदीप सिंह और वरुण चक्रवर्ती सबसे ज़्यादा विकेट लेने के मामले में दूसरे और तीसरे नंबर पर रहे थे और इसी कारण से उनकी वनडे टीम में वापसी हुई थी। विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में शानदार प्रदर्शन के बाद दोनों भारत की चैंपियंस ट्रॉफ़ी की विजेता टीम का हिस्सा भी थे। इंग्लैंड के ख़िलाफ़ वनडे सीरीज़ में टीम में वापसी करने के बाद वरुण चैंपियंस ट्रॉफ़ी में सबसे ज़्यादा विकेट लेने के मामले में दूसरे स्थान पर रहे थे।
हालांकि IPL नीलामी तो हो गई है लेकिन इसके बावजूद 50 ओवर वाले इस टूर्नामेंट में बढ़िया प्रदर्शन करने वालों पर चयनकर्ताओं के अलावा IPL टीमों की भी नज़र रहती है। पिछले साल फ़ाइनल में विदर्भ के ख़िलाफ़ शतक लगाने वाले आर स्मरण को सनराइज़र्स हैदराबाद ने ऐडम ज़ैम्पा की जगह अपनी टीम में शामिल किया था। कर्नाटक को अपनी कप्तानी में ख़िताब जितवाने वाले मयंक अग्रवाल को RCB में अपनी टीम में रिप्लेसमेंट के तौर पर शामिल किया था और उन्होंने टीम की ख़िताबी जीत में अहम पारियां खेली थी।
टूर्नामेंट में परिस्थितियां भीं काफ़ी मायने रखती है। ओस के प्रभाव को देखते हुए टूर्नामेंट के सभी मैच 9 बजे सुबह शुरू होंगे। मैच के इतनी जल्दी शुरू होने के कारण टॉस का महत्व काफ़ी ज़्यादा बढ़ जाएगा और शुरुआत में तेज़ गेंदबाज़ों को मदद मिल सकती है।

शशांक किशोर ESPNcricinfo में वरिष्ठ संवाददाता हैं