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नाम से अंजान हैं, लेकिन आईपीएल में अपने काम से धमाल मचाने को तैयार

आईपीएल 2022 की नीलामी में बिके कुछ अपरिचित खिलाड़ियों का क्रिकेट सफ़र

आईपीएल 2022 की नीलामी में कई खिलाड़ियों पर धनवर्षा हुई। कई बड़े खिलाड़ी करोड़ों में ख़रीदे गए। हालांकि, इस बीच कई ऐसे खिलाड़ी भी रहे जो अधिकतर लोगों के लिए अंजान थे। उन्हें 20 लाख की बेस प्राइज़ में ख़रीदा गया, लेकिन ये कौन हैं, क्या करते हैं, कहां से हैं इसके बारे में किसी को कोई ख़बर नहीं। वहीं कुछ ऐसे अंजान नाम थे, जिनका बेस प्राइज़ तो 20 लाख़ था, लेकिन बोली चलती चली गई और वह करोड़पति बन गए।

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वैभव अरोड़ा, पंजाब किंग्स (2 करोड़)

पहले घरेलू क्रिकेट में पंजाब के लिए खेला करते थे वैभव  Shailesh Bhatnagar

वैभव अरोड़ा 14 साल की उम्र में 2011 में अंबाला से चंडीगढ़ आ गए थे। वह तीन बार पंजाब की अंडर-19 टीम के कैंप में शामिल किए गए लेकिन इससे आगे नहीं जा पाए। 2018 में वह पंजाब से हिमाचल प्रदेश पहुंचे और पेशेवर क्रिकेटर बन गए। इससे पहले 2017 में बाइक से एक्सीडेंट ने उन्हें एक साल तक क्रिकेट से दूर कर दिया था। सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में दायें हाथ के इस गेंदबाज़ ने हिमाचल प्रदेश के लिए छह मैचों में 10 विकेट लिए थे। इसके बाद ये आईपीएल टीमों की नज़रों में आ गए। कोलकाता नाइट राइडर्स, मुंबई इंडियंस, राजस्थान रॉयल्स ने उनको ट्रायल्स के लिए बुलाया था। पिछले साल केकेआर ने उन्हें 20 लाख की बेस प्राइस में अपने साथ जोड़ा था। इससे पहले वह हालांकि आईपीएल 2020 में पंजाब किंग्स के साथ नेट बॉलर के तौर पर शामिल किए गए थे। केकेआर ने इस बार भी उन्हें अपने साथ शामिल करने की कोशिश की लेकिन, बीच में पंजाब आ गई, दोनों में लड़ाई चली लेकिन पंजाब ने उन्हें 2 करोड़ रुपये में ख़रीद लिया।

सौरभ दुबे, सनराइज़र्स हैदराबाद (20 लाख)

एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले महाराष्ट्र के वर्धा के सौरभ दुबे को जब सनाइज़र्स हैदराबाद ने बेस प्राइस 20 लाख रुपये में शामिल किया तो सौरभ भावुक हो गए। सौरभ ने जिस तरह हार्दिक पंड्या और उमेश यादव की लाइफ स्टाइल चेंज होते देखी, ऐसी ही अब उन्होंने अपने लिए उम्मीद की है। विदर्भ के बायें हाथ के तेज़ गेंदबाज़ सौरभ ने भी क्रिकेट खेलने की शुरुआत उमेश की तरह टेनिस बॉल से की थी। 2016 में भाई के कहने पर उन्होंने वर्धा के ब्रदरहुड क्लब को ज्वाइन किया। तब लोकल कोच रवि लंगे ने उन्हें विदर्भ के ट्रायल में जाने को कहा। सौरभ सबसे पहले लाल गेंद से गुज़दार लीग के सी डिविजिन टूर्नामेंट में खेले और सभी को प्रभावित किया। 2017 में उन्हें रणजी ट्रॉफ़ी टीम में लिया गया लेकिन डेब्यू नहीं कर सके। इसके बाद उन्हें भारत की अंडर 23 टीम में चुना गया और बांग्लादेश का दौरा किया। 2018-19 में विदर्भ ने सीके नायुडु ट्रॉफ़ी जीती जिसमें सौरभ का अहम योगदान रहा। इसके बाद दो साल तक सौरभ मुंबई इंडियंस में नेट बॉलर रहे, जहां उन्होंने अपनी यॉर्कर से प्रभावित किया, जिसका फल उन्हें अब सनराइज़र्स हैदराबाद की टीम में शामिल होकर मिला।

अशोक शर्मा, केकेआर (55 लाख)

लगभग छह फ़िट लंबे राजस्थान के जयपुर के तेज़ गेंदबाज़ अशोक शर्मा को आईपीएल नीलामी में कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) ने 55 लाख रुपये में ख़रीदा। राजस्थान रॉयल्स ने सबसे पहले उनके लिए बोली लगाई थी, लेकिन केकेआर मैदान में उतरा और तब आख़िर में जाकर उन्होंने 55 लाख में अशोक को ख़रीदा। अशोक को राजस्थान की ओर से मौक़े नहीं ​मिल रहे थे। तब एक बार रेडबुल के ट्रायल में अशोक ने सबसे तेज़ 138 किमी प्रति घंटा की गति से गेंद की और अशोक की ज़िदगी बदल गई। राजस्थान रॉयल्स की नज़र उन पर पड़ी और उन्हें आईपीएल 2021 में अपना नेट बॉलर बनाया। दिशांत या​ग्निक उनसे बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने केकेआर टीम प्रबंधन का हिस्सा अभिषेक नायर को उनके बारे में बताया। यही वजह थी कि केकेआर उन्हें अपनी टीम में शामिल करना चाहती थी।

सीवी मिलिंद, आरसीबी (25 लाख)

हैदराबाद के सीवी मिलिंद को आरसीबी ने खरीदा है  Courtesy of CV Milind

हैदराबाद के तेज़ गेंदबाज़ चामा मिलिंद आईपीएल में कोई नया नाम नहीं हैं। मिलिंद 2014 और 2015 में सनराइज़र्स हैदराबाद और साल 2017 में दिल्ली डेयरडेविल्स (अब कैपिटल्स) का हिस्सा रह चुके हैं। हालांकि इस दौरान उन्हें मैच खेलने का मौक़ा नहीं मिला था। मिलिंद ने सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में सर्वाधिक 18 विकेट झटके थे। इस दौरान उन्होंने पहले उत्तराखंड और फिर उत्तर प्रदेश के ख़िलाफ़ पांच-पांच विकेट भी अपने नाम किए। हालांकि, मिलिंद निचले क्रम पर अपनी आक्रामक बल्लेबाज़ी के लिए भी जाने जाते हैं। सौराष्ट्र और दिल्ली के ख़िलाफ़ उन्होंने अंतिम समय पर बल्ले से जीत दिलाई थी। गेंदबाज़ी में विविधता उनकी क़ाबिलियत है, वह लेग कटर, ऑफ़ कटर, नकल गेंद से बल्लेबाज़ों को परेशान करते हैं। इसके बाद दिल्ली के ख़िलाफ़ 171 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए अंतिम गेंद पर टीम को जीत दिलाई। उनके इसी प्रदर्शन ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) का ध्यान उनकी ओर ख़ींचा। सनराइज़र्स हैदराबाद ने उन पर 20 लाख की बोली लगाई थी, लेकिन बाज़ी 25 लाख में आरसीबी के हाथ लगी।

जितेश शर्मा, पंजाब किंग्स (20 लाख)

विदर्भ के ही एक और खिलाड़ी जितेश शर्मा दायें हाथ के विकेटकीपर बल्लेबाज़ हैं। सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में उनकी आक्रामक बल्लेबाज़ी ने पंजाब किंग्स का उन पर ध्यान खींचा। जितेश ने सभी का ध्यान सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में मणिपुर के ख़िलाफ़ 18 गेंद में टूर्नामेंट का सबसे तेज़ अर्धशतक लगाकर ​खींचा था। उन्होंने टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा 19 छक्के भी लगाए थे। यही कारण रहा कि पंजाब किंग्स ने अपनी बल्लेबाज़ी को मज़बूत करने के लिए उन पर दांव लगाया और उन्हें बेस प्राइस 20 लाख में अपनी टीम में शामिल किया। जितेश घरेलू क्रिकेट में कोई नया नाम नहीं है। 2012-13 में कूच बिहार ट्रॉफ़ी में 12 पारियों में रिकॉर्ड 537 रन बनाकर उन्हें विदर्भ की सीनियर टीम में शामिल किया गया। 2015-16 में सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में जितेश रन बनाने के मामले में तीसरे नंबर पर रहे। उन्होंने 143.51 के स्ट्राइक रेट से 343 रन बनाए, जिसमें एक शतक और दो अर्धशतक शामिल थे। यही कारण था कि 2016 की आईपीएल नीलामी में उन्हें मुंबई इंडियंस ने 10 लाख रुपये में ख़रीदा था।

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निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26