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मांधना: इस हार की ज़िम्मेदारी मैं ख़ुद पर लेती हूं

'मैंने ग़लत समय पर ख़राब शॉट खेला और फिर बाक़ी के बल्लेबाज़ों ने भी ऐसा किया'

Daya Sagar
दया सागर
20-Oct-2025 • 3 hrs ago
रविवार को इंदौर में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ हुए मैच में जब तक भारत की सलामी बल्लेबाज़ स्मृति मांधना क्रीज़ पर थीं, तब तक भारत की जीत सुनिश्चित लग रही थी। 41वें ओवर तक भारत का स्कोर 233 रनों पर तीन विकेट था और उन्हें आख़िरी नौ ओवरों में सात विकेट शेष रहते हुए सिर्फ़ 56 रन बनाने थे। मांधना उस समय 88 रन बनाकर शतक के क़रीब थीं, जबकि दीप्ति शर्मा भी 38 गेंदों में 35 रन बनाकर उनका अच्छा साथ दे रही थीं।
42वें ओवर में इंग्लैंड की बाएं हाथ की स्पिनर लिंसी स्मिथ ने मांधना को ऑफ़ स्टंप से काफ़ी बाहर की फ़ुल गेंद देकर उन्हें हवाई ड्राइव के लिए ललचाया। मांधना उसको कवर के ऊपर से मारना चाहती थीं, लेकिन शॉट मिसटाइम हुआ, गेंद हवा में गई और लांग ऑफ़ बाउंड्री पर उनका एक आसान कैच लपका। इसके बाद भारतीय टीम का एक छोटा सा कोलैप्स हुआ। ऋचा घोष और दीप्ति ज़रूरी रन रेट को बना नहीं पाईं और ग़लत समय पर अपना विकेट भी फेंकती गईं। भारत आख़िरी ओवर में यह मैच चार रनों से हार गया।
मैच के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मांधना ने कहा, "सबने देखा कि एक कोलैप्स हुआ। मुझे लगता है कि हम सबने ग़लत शॉट सेलेक्शन किया, जो कि बेहतर हो सकता था। हालांकि यह मुझसे शुरू हुआ, इसलिए मैं अपने ऊपर इसकी ज़िम्मेदारी लेती हूं। हमें सिर्फ़ 6 रन प्रति ओवर की गति से रन बनाने थे। हम मैच को और डीप ले जा सकते थे। मैं इस हार की ज़िम्मेदारी लेती हूं क्योंकि कोलैप्स मुझसे शुरू हुआ।"
जब मांधना से पूछा गया कि क्या यह अन्य बल्लेबाज़ों ख़ासकर घोष की ज़िम्मेदारी नहीं थी, कि वह एक फ़िनिशर के रूप में टीम को जीत तक ले जाए, तो उन्होंने कहा, "ऋचा पिछले कुछ महीनों में हमारे लिए बेहतरीन रही हैं। हमें सिर्फ़ 6 या 6.5 के रन रेट से रन बनाने थे, ना कि 9 रन प्रति ओवर से। मैं यह नहीं कहूंगी कि यह सिर्फ़ ऋचा की ज़िम्मेदारी थी। अमनजोत (कौर) ने WPL में ऐसे कुछ मैच अपनी टीम को जिताए हैं, वहीं स्नेह (राणा) भी पिछले 3-4 मैच में आख़िरी ओवरों में शानदार थीं। इसलिए किसी एक खिलाड़ी पर आप यह ज़िम्मेदारी नहीं डाल सकते। हम सब आख़िरी 6 ओवरों में कुछ बेहतर कर सकते थे।"
उस समय स्मिथ पर वह शॉट खेलने के सवाल पर मांधना ने कहा, "मुझे लगा कि मैं उनको निशाना बना सकती हूं, लेकिन शायद उस समय उस शॉट की ज़रूरत नहीं थी। मुझे थोड़ा और धैर्य दिखाना चाहिए था। मैं पूरी पारी के दौरान धैर्य रखने की कोशिश कर रही थीं और हवाई शॉ़ट नहीं खेल रही थीं। लेकिन शायद उस गेंद पर इमोशन मुझ पर हावी हो गए, जो कि क्रिकेट में कभी मददग़ार साबित नहीं आते। मैं कॉन्फ़िडेंट थी कि हम इस मैच को जीत लेंगे। लेकिन यह क्रिकेट है, आप ज़्यादा दूर तक नहीं सोच सकते।"
भारतीय टीम ने इस मैच में एक बल्लेबाज़ जेमिमाह रॉड्रिग्स को कम कर एक अतिरिक्त छठा गेंदबाज़ रेणुका सिंह ठाकुर को खिलाया था। हालांकि कौर ने सिर्फ़ चार ओवर गेंदबाज़ी की और अंत में भारतीय टीम को एक बल्लेबाज़ की कमी भी महसूस हुई।
उस निर्णय पर मांधना ने कहा, "पिछले दो मैचों में हमें लगा था कि फ़्लैट पिचों पर पांच गेंदबाज़ काफ़ी नहीं हैं। हमारे पास ऐसे बल्लेबाज़ नहीं हैं, जो कुछ ओवर गेंदबाज़ी भी कर सकें। ऐसे में अगर किसी एक गेंदबाज़ का बुरा दिन जाता है, तो यह हमारे लिए बहुत महंगा साबित हो सकता था। जेमी (रॉड्रिग्स) को बाहर करने का निर्णय बहुत मुश्किल था, लेकिन आपको टीम में संतुलन बनाने की ज़रूरत होती है। लेकिन यह हर मैचों में नहीं होगा। हम हर मैच से पहले पिच और परिस्थितियों का आंकलन करेंगे और तभी एकादश पर कोई निर्णय लेंगे।"
इस मैच के बाद भारत को अब न्यूज़ीलैंड और बांग्लादेश से करो या मरो के दो मुक़ाबले खेलने हैं। इन मैचों में एक में भी हार मिलने पर भारतीय टीम की सेमीफ़ाइनल में पहुंचने की संभावनाओं पर करारा प्रहार मिलेगा।
मांधना ने कहा, "अगला मैच हमारे लिए वर्चु्अल क्वार्टर फ़ाइनल की तरह होगा। क्रिकेट में कुछ भी आसानी से नहीं मिलता। हमें पता है कि हमें क्या चीज़ें बेहतर करनी हैं, हमने कहां ग़लतियां की। जब आप कोई खेल खेलते हो, जब अच्छे और ख़राब दोनों दिन आते हैं। यह इस पर निर्भर करता है कि आप ख़राब दिनों को कैसे लेते हो। हम आगे बढ़ेंगे और न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करेंगे।"
भारत का अगला मुक़ाबला 23 अक्तूबर को नवी मुंबई में न्यूज़ीलैंड से है।

दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।dayasagar95