June 6, 2025

KSCA प्रशासकों को मिली अंतरिम राहत, RCB अधिकारी ने दी गिरफ़्तारी को चुनौती

संपादित PTI कॉपी

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कर्नाटका उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कर्नाटका राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) के प्रमुख पदाधिकारियों को गिरफ़्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया। यह संरक्षण रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की IPL जीत का जश्न मनाने के लिए बुधवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत और कई अन्य के घायल होने के मामले में दिया गया है।

न्यायमूर्ति एस आर कृष्ण कुमार ने KSCA पदाधिकारियों के ख़िलाफ़ FIR को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस को अगली सुनवाई तक पदाधिकारियों के ख़िलाफ़ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई करने से रोक दिया। न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं को चल रही जांच में सहयोग करने का भी निर्देश दिया। FIR को रद्द करने की याचिका पर 16 जून को फिर से सुनवाई होगी।

KSCA के प्रमुख पदाधिकारियों में कर्नाटका के पूर्व स्पिनर रघुराम भट्ट (अध्यक्ष), के श्रीराम (उपाध्यक्ष), ए शंकर (सचिव), ई एस जयराम (कोषाध्यक्ष) और पूर्व अंपायर शाहवीर तारापोर (संयुक्त सचिव) शामिल हैं।

राज्य की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता शशि किरण शेट्टी ने स्पष्ट किया कि पुलिस की तत्काल किसी को गिरफ़्तार करने की कोई योजना नहीं है और उन्होंने जांच जारी रखने की अनुमति मांगी।

KSCA का बचाव करने वाले वकील ने हाल ही में RCB के मार्केटिंग और राजस्व प्रमुख निखिल सोसाले की गिरफ़्तारी पर चिंता जताई और दावा किया कि यह एक लक्षित दृष्टिकोण का संकेत है। राज्य के महाधिवक्ता ने जवाब दिया कि सोसाले को दुबई भागने की कोशिश करते समय हवाई अड्डे पर पकड़ा गया था।

KSCA की याचिका में तर्क दिया गया कि उनके ख़िलाफ़ FIR दर्ज करना राज्य सरकार के दबाव में पुलिस की "आवेगपूर्ण" प्रतिक्रिया थी। सोसाले और RCB द्वारा दायर एक संबंधित याचिका पर भी शुक्रवार को सुनवाई हुई। हालांकि, अदालत ने कोई आदेश पारित किए बिना मामले को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया।

उच्च न्यायालय ने भी घटना का स्वत: संज्ञान लिया है और राज्य से स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। उस मामले की सुनवाई 10 जून को होगी।

बेंगलुरु पुलिस ने शुक्रवार को (RCB) के वरिष्ठ अधिकारी सोसाले को बुधवार को चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास हुई भगदड़ मामले में गिरफ़्तार किया था। यह गिरफ़्तारी गुरुवार को कर्नाटका राज्य सरकार द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निलंबन के बाद की गई। वहीं सीमांत कुमार सिंह को नया पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया है।

गुरुवार को अपनी FIR में बेंगलुरु पुलिस ने दावा किया कि उन्होंने RCB को एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में विजय परेड करने की अनुमति नहीं दी, जिसके आसपास भगदड़ मच गई और कई लोग हताहत हुए। RCB को DNA एंटरटेनमेंट, फ्रैंचाइज़ी के इवेंट पार्टनर और कर्नाटका स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) के साथ पहले आरोपी के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।

बेंगलुरु पुलिस के अनुसार, IPL फ़ाइनल में RCB की जीत के अगले दिन 4 जून को सुबह 5:30 बजे तक अधिकारी स्टेडियम के आसपास ड्यूटी पर थे और एक और बड़ी भीड़ को संभालने में कठिनाई के कारण, कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी गई। FIR में कहा गया है, "इसके बावजूद KSCA, RCB और DNA ने पुलिस के निर्देशों की अनदेखी करते हुए कार्यक्रम आयोजित किया।"

"बिना किसी आधिकारिक अनुमति के, 4 जून को RCB ने अपने सोशल मीडिया और वेबसाइट पर अपने जश्न और विजय परेड की घोषणा की और प्रशंसकों को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। जब यह ख़बर टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर फ़ैली, तो हमने (पुलिस ने) अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया और सुरक्षा और आवश्यक व्यवस्था करने का अनुरोध किया।"

पुलिस के अनुसार, RCB द्वारा अपने सोशल मीडिया चैनलों पर निःशुल्क प्रवेश पास पोस्ट करने से स्थिति और ख़राब हो गई, क्योंकि फ़्रैंचाइज़ी ने पुलिस या प्रशंसकों को यह सूचित नहीं किया था कि पास कैसे वितरित किए जाएंगे, जिससे बाहर एकत्रित प्रशंसकों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई।

गिरफ़्तारी के बाद से फ़्रैंचाइज़ी की ओर से कोई आधिकारिक बयान या प्रतिक्रिया नहीं आई है। गुरुवार शाम को, राज्य सरकार के साथ-साथ शराब की दिग्गज कंपनी डियाजियो के स्वामित्व वाली RCB ने मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये के मुआवज़े की घोषणा की, जबकि घायलों के लिए सभी चिकित्सा व्यय को कवर किया। ESPNcricinfo ने टिप्पणी के लिए सोसले और आरसीबी से संपर्क किया है।

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