एक कदम की दूरी पर है स्वर्णिम इतिहास - क्या भारत वह जीत दर्ज कर पाएगा?

ESPNcricinfo स्टाफ़

भारत चाहेगा कि वह उसी मानसिकता के साथ फ़ाइनल खेले, जैसे उन्होंने सेमीफ़ाइन खेला था © ICC/Getty Images

भारत बनाम साउथ अफ़्रीका, विश्व कप फ़ाइनल। ये कीवर्ड्स इस समय भारत की आभासी और वास्तविक दोनों दुनिया में हर किसी की जुबान पर हैं। सेमीफ़ाइनल में इतिहास रचते हुए भारत ने ऑस्ट्रेलिया जैसी मज़बूत टीम को हराकर फ़ाइनल में जगह बनाई, लेकिन मंज़िल अब भी एक कदम दूर है। भारत पहले भी कई बार इस मुक़ाम के क़रीब पहुंचा है, लेकिन मामूली चूक ने जीत को हार में बदल दिया। इस बार टीम ऐसी कोई ग़लती नहीं दोहराना चाहेगी।

जीत किसी की भी हो लेकिन एक बात तय है कि विजेता नया होगा। पिछले एक महीने में दोनों टीमों ने अलग-अलग रंग दिखाए हैं। साउथ अफ़्रीका ने अपने पहले मैच में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ सिर्फ़ 69 रन पर ढेर होकर टूर्नामेंट की सबसे निराशाजनक शुरुआत की थी। बाद में लीग स्टेज में वे सिर्फ़ 97 रन तक सीमित रहे, लेकिन सेमीफ़ाइनल में उन्होंने इंग्लैंड के सामने कमाल का प्रदर्शन किया।

भारत की शुरुआत ठीक-ठाक रही। टीम ने शुरुआती दो मैच जीते, लेकिन उसके बाद ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और साउथ अफ़्रीका से हार झेलनी पड़ी। न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ करो या मरो वाले मुकाबले में जीत हासिल कर सेमीफ़ाइनल तक पहुंचना पड़ा। लेकिन वहां भारत ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ जो प्रदर्शन किया, वह कई सालों तक याद रखा जाएगा।

अब मामला यह है कि दोनों टीमों ने महिला क्रिकेट की सबसे मज़बूत टीमों को बाहर का रास्ता दिखाते हुए इतिहास रच दिया है। जो भी टीम ट्रॉफ़ी उठाएगी, वह न केवल पहली बार विश्व कप जीतेगी बल्कि अपने देश में महिला खेलों की दिशा भी बदल सकती है। भारत और साउथ अफ़्रीका दोनों ही समाजों में अब भी ऐसी गहरी जड़ें हैं जो महिलाओं की शिक्षा और रोज़गार की राह में बाधा बनती हैं।

रविवार शायद वनडे क्रिकेट के एक नए युग की शुरुआत साबित हो। यह दिखाएगा कि विश्व कप फ़ाइनल अब सिर्फ़ ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच की कहानी नहीं रहेगा। यह याद दिलाएगा कि जो टीमें लीग स्टेज में तीसरे या चौथे स्थान पर रहीं, वे भी नॉकआउट में जीत दर्ज कर सकती हैं।

हालिया प्रदर्शन

भारत: WWLLL
साउथ अफ़्रीका: WLWWW

इन खिलाड़ियों पर होंगी नज़रें

शेफ़ाली वर्मा को इस विश्व कप में वाइल्ड कार्ड एंट्री मिली। प्रतिका रावल के चोटिल होने के बाद उन्हें घरेलू T20 प्रतियोगिता से सीधे विश्व कप में शामिल किया गया। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ उन्होंने शुरुआत में कुछ आकर्षक शॉट खेले, और अब भारत उनसे मज़बूत शुरुआत की उम्मीद करेगा। शेफ़ाली का पिछला वनडे अर्धशतक जुलाई 2022 में आया था, लेकिन वह साउथ अफ़्रीकी गेंदबाज़ों को अच्छी तरह जानती हैं। 2022 विश्व कप में उन्होंने उनके ख़िलाफ़ 46 गेंदों पर 53 रन बनाए थे, और 2024 में इसी गेंदबाज़ी आक्रमण के ख़िलाफ़ एक दोहरा शतक भी जड़ा था। अब उनके पास एक और बड़ी पारी खेलकर टीम में स्थाई जगह पक्की करने का सुनहरा मौक़ा है।

नडीन डी क्लर्क ने भारत के ख़िलाफ़ इस विश्व कप में अपनी धमाकेदार पारी (54 गेंदों पर नाबाद 84 रन) से सबको चौंका दिया था, और तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। इस टूर्नामेंट में उनके नाम 10 सिक्सर हैं, जो ऋचा घोष के साथ संयुक्त रूप से सर्वाधिक हैं। वह औसतन हर 4.8 गेंद पर एक बाउंड्री मारती हैं। उनका स्ट्राइक रेट 136.69 का है, जो इस विश्व कप में सबसे बेहतर है। गेंदबाज़ी में उनके ऑफ़-कटर और अन्य विविधता भी भारत के लिए चुनौती बन सकती हैं।

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