कोहली: मुझे नहीं लगता कि पिछले 2-3 सालों में मैंने इस स्तर पर खेला है

ESPNcricinfo स्टाफ़

Virat Kohli ने 45 गेंदों में 65 रनों की तेज़ नाबाद पारी खेली © Associated Press

विराट कोहली ने कहा कि उनका संपूर्ण खेल एक साथ बेहतरीन तरीके से सामने आ रहा है और वह पिछले 2-3 सालों में इस स्तर पर नहीं खेले हैं। कोहली ने साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ तीसरे और निर्याणक वनडे में 65 रनों की नाबाद पारी खेली और भारतीय टीम ने 10 ओवर से ज़्यादा शेष रहते 9 विकेट से एकतरफ़ा जीत हासिल कर ली।

पिछले 2 मैचों में लगातार दो शतक लगाने के बाद कोहली ने अर्धशतक लगाया और 151 के जबरदस्त औसत से उन्होंने 302 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ वनडे सीरीज़ के पहले दो मैचों में ख़ाता खोले बिना आउट होने के बाद कोहली ने पिछले चार वनडे मैचों में लगातार 50+ स्कोर बनाया है।

कोहली ने मैच प्रेज़ेंटेशन के दौरान कहा," सच कहूं तो जिस तरह से इस सीरीज़ में मैं खेला, वह काफी संतोषजनक रहा। मुझे नहीं लगता कि पिछले 2-3 सालों में मैंने इस स्तर पर खेला है। मैं दिमाग़ से बहुत फ़्री महसूस कर रहा हूं और मेरा संपूर्ण खेल एक साथ बेहतरीन तरीके से आ रहा है। मैंने अपने लिए जिस तरह का मानक तय किया हुआ है, उस स्तर पर खेलकर मैं टीम के प्रदर्शन पर असर डाल पा रहा हूं। मुझे लगता है कि मैं कब परिस्थिति के हिसाब से लंबी पारी खेल सकता हूं और टीम को संभाल सकता हूं।"

कोहली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 22वीं बार और वनडे क्रिकेट में 12वीं बार प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ का ख़िताब जीता। उन्होंने तीन मैचों में रिकॉर्ड 12 छक्के भी लगाए और यह किसी भी वनडे सीरीज़ में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। उनका सीरीज़ का 117.05 का स्ट्राइक रेट भी जनवरी 2023 के बाद से किसी सीरीज़ में उनका सर्वश्रेष्ठ है।

कोहली ने कहा," अगर मैं फ़्री होकर खेल रहा हूं तो मुझे पता है कि मैं छक्के लगा सकता हूं। इसलिए मैं बल्लेबाज़ी करते हुए मज़े लेना चाहता था क्योंकि मैं बढ़िया खेल रहा था और ज़्यादा रिस्क लेकर अपना दायरा बढ़ाना चाहता था। आप हमेशा अलग स्तर पर जा सकते हैं और इसके लिए बस आपको रिस्क लेना होता है।"

कोहली ने आगे बताया कि वह 15 साल से ज़्यादा समय से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे हैं और उनके करियर में कई बार उन्हें अपने क़ाबिलियत पर संदेह हुआ क्योंकि एक बल्लेबाज़ के तौर पर एक गलती ही काफ़ी है। उन्होंने कहा," यह पूरी यात्रा सीखने की रही है।"

"आप एक समय ऐसी स्थिति में होते हैं, जब आपको अपनी ही क़ाबिलियत पर शक़ होने लगता है कि आप उतने अच्छे नहीं हैं। यह इस खेल की ख़ूबसूरती है कि एक बल्लेबाज़ के तौर पर आपको हर गेंद पर अपने डर पर क़ाबू रखते हुए आगे बढ़ना होता है। इसी कारण आप बड़ी पारी खेल पाते हैं और ऐसे ज़ोन में पहुंचते हैं जहां से आत्मविश्वास के साथ खेल सकते हैं। यह पूरा सफ़र सीखने का रहता है और एक इंसान को तौर पर आप अपने आप को और बेहतर तरीके से जान पाते हैं। एक बल्लेबाज़ के तौर पर मैं यह बता सकता हूं कि किसी तरह की नकारात्मक सोच मेरे अंदर है, कौन सा ऐसा ज़ोन है जब मुझे ख़ुद के ऊपर विश्वास नहीं होता, छोटी-छोटी जानकारियां क्या है, यह सब चीज़ें एक इंसान के तौर पर आपको और बेहतर बनाती है और आपके स्वभाव में काफ़ी सुधार होता है। तो हां, ऐसे कई मौके आये हैं जब मुझे ख़ुद की क़ाबिलियत पर शक़ हुआ है और यह बताने में मुझे कोई शर्म नहीं है।"

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