print icon
Preview

विश्व टेस्ट चैंपियन न्यूज़ीलैंड को गुज़रना होगा भारतीय स्पिन की अग्निपरीक्षा से

वरिष्ठ खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में न्यूज़ीलैंड के पास टीम इंडिया में अनुभव के अभाव का फ़ायदा उठाने का सही मौक़ा है

बड़ी तस्वीर

यह अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट रैंकिग की शीर्ष दो टीमें है। इन्होंने पहली विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फ़ाइनल भी खेला था। इन दो टीमों के बीच खेले गए पिछले तीनों मुक़ाबले में जीत न्यूज़ीलैंड की हुई है लेकिन यह उन पिचों पर खेले गए थे जहां स्पिन गेंदबाज़ी नदारद थी।
भारत के पास अब न्यूज़ीलैंड को अपने घर पर खेलने का मौक़ा है। न्यूज़ीलैंड के पास भी यह साबित करने का अवसर है कि वह न केवल विश्व टेस्ट चैंपियन है बल्कि सभी परिस्थितियों में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टेस्ट टीम हैं।
यह हाल के दिनों में उत्सुकता से भरी हुई सीरीज़ होनी चाहिए लेकिन ज़रा नज़र डालिए कि कौन कौन पूरी तरह से फ़िट होने के बावजूद कानपुर में मैदान पर नहीं उतरेगा - विराट कोहली, रोहित शर्मा, ऋषभ पंत, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, ट्रेंट बोल्ट और कॉलिन डी ग्रैंडहोम। यही आज के समय की हक़ीक़त है कि लगातार क्रिकेट खेला जा रहा है और इसके अधिकांश हिस्से में खिलाड़ियों को बायो-बबल में रहना पड़ता है जिसके बाद उन्हें विश्राम की आवश्यकता होती है।
दोनों पक्षों के कुछ वरिष्ठ खिलाड़ियों की ग़ैरमौजूदगी के बावजूद एक रोमांचक टेस्ट सीरीज़ होने की पूरी संभावना है। तेज़ गेंदबाज़ी के लिए अनुकूल इंग्लैंड के दौरे पर टीम से बाहर रहने के बाद रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जाडेजा की स्पिन जोड़ी दोबारा एक साथ होगी और इस आक्रमण को ख़तरनाक बनाने के लिए अक्षर पटेल पूरी तरह तैयार होंगे।
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में हमेशा बल्लेबाज़ों के सामने भारत में भारतीय गेंदबाज़ों (स्पिनरों और तेज़ गेंदबाज़ों) का सामना करने की कड़ी चुनौती रही है। हालांकि न्यूज़ीलैंज के पास बल्लेबाज़ी में गुणवत्ता और अनुभव है। साथ ही उनके पास केन विलियमसन के रूप में एक विश्व स्तरीय बल्लेबाज़ है, भारत में स्पिन के ख़िलाफ़ जिनका रिकॉर्ड उनके अपार कौशल को नहीं दर्शाता है।
वैसे तो यह साफ़ नहीं हो पाया है कि ग्रीन पार्क की पिच कैसी होगी लेकिन बात पक्की है कि हाल के दिनों में न्यूज़ीलैंड ने इस प्रकार की सतह का अनुभव न के बराबर ही किया होगा। उनके पास बढ़िया तेज़ गेंदबाज़ हैं लेकिन उनके हालिया आंकड़ों का श्रेय तेज़ गेंदबाज़ी के लिए अनुकूल पिचों को जाता है। अपने पिछले नौ टेस्ट मैच उन्होंने या तो घर पर या इंग्लैंड में खेले हैं। इसके चलते इस दौरान अपने करियर के सभी आठ टेस्ट मैच खेलने वाले काइल जेमीसन की अविश्वसनीय गेंदबाज़ी औसत 14.17 की रही है।
न्यूज़ीलैंड इस दौरे से कितने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप अंक अर्जित करता है वह तो स्पिनरों के साथ-साथ उनके तेज़ गेंदबाज़ों पर भी निर्भर करेगा। तेज़ गेंदबाज़ी का दारोमदार जेमीसन के अलावा नील वैगनर और टिम साउदी के कंधों पर होगा। एशिया में साउदी के आंकड़ें कमाल के हैं लेकिन उन्होंने आख़िरी बार साल 2012 में भारत में टेस्ट मैच खेला था। डैनियल वेटोरी के समय की तुलना में न्यूज़ीलैंड का वर्तमान स्पिन आक्रमण अधिक बेहतर है। एजाज़ पटेल ने दो बार अबू धाबी और एक बार कोलंबो में टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई है और दो मौक़ों पर विल सॉमरविल ने उनका साथ दिया था।
भारत घरेलू परिस्थितियों में हर बार की तरह इस बार भी सीरीज़ जीतने का प्रबल दावेदार होगा। हालांकि कोहली, रोहित, पंत और केएल राहुल की अनुपस्थिति में बल्लेबाज़ी थोड़ी फींकी नज़र आएगी। चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे पिछले दो वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं और इस दौरान उनका बल्ला शांत रहा है। साथ ही टीम में एक या दो खिलाड़ी अपना पदार्पण कर सकते हैं। न्यूज़ीलैंड के पास इस भारतीय टीम में अनुभव के अभाव का फ़ायदा उठाने का सही मौक़ा है।

हालिया फ़ॉर्म

न्यूज़ीलैंड : जीत, हार, जीत, ड्रॉ, हार
भारत : जीत, जीत, ड्रॉ, जीत, जीत

इन पर रहेगी नज़र

पिछली बार जब न्यूज़ीलैंड ने भारत का पूरा दौरा किया था, रहाणे ने तीसरे टेस्ट मैच में अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ 188 रनों की पारी खेली थी। ऐसा करते हुए वह 29 मैचों के बाद अपनी औसत को 51 के पार लेकर गए थे। अब 78 टेस्ट के बाद उनकी यह औसत 40 से नीचे गिर गई है और कई नए और प्रतिभाशाली युवा बल्लेबाज़ राष्ट्रीय टीम का दरवाज़ा खटखटा रहे हैं। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए यह इस मैच के लिए टीम के कप्तान और इस अनुभवी बल्लेबाज़ के करियर का महत्वपूर्ण मैच हो सकता है।
एजाज़ पाकिस्तान के ख़िलाफ़ संयुक्त अरब अमीरात में 29.61 की औसत से 13 और श्रीलंका के ख़िलाफ़ 26.88 से नौ विकेट लेकर इस सीरीज़ में आ रहे हैं। यह काफ़ी अच्छे आंकड़ें हैं, हालांकि भारत में गेंदबाज़ी करना एशिया के अन्य देशों में गेंदबाज़ी करने से बहुत अलग है। स्पिन गेंदबाज़ी के दिग्गज शेन वॉर्न और मुथैया मुरलीधरन भी इच चीज़ से गुज़र चुके हैं। यह किसी भी विपक्षी टेस्ट स्पिनर की अग्निपरीक्षा होती है लेकिन अगर वह नियंत्रण के साथ लगातार गेंदबाज़ी करते रहें तो न्यूज़ीलैंड ने बाक़ी गेंदबाज़ उनके इर्द-गिर्द अपना काम कर सकते हैं।

टीम न्यूज़

रहाणे ने पुष्टि की कि श्रेयस अय्यर गुरुवार को अपना पदार्पण करेंगे। उन्होंने सूर्यकुमार यादव के रूप में एक और नए खिलाड़ी को मौक़ा देने की बात से इनकार नहीं किया है। साथ ही भारत ने यह खुलासा नहीं किया है कि वह पांच विशेषज्ञ बल्लेबाज़ों (जो वह पिछले कुछ समय से घरेलू टेस्ट मैचों में करता आया है) के साथ जाएगा या छह। उन्हें किस तेज़ गेंदबाज़ को बाहर रखने का कठिन निर्णय भी लेना होगा क्योंकि यह मैदान की पिच तेज़ गति और उछाल के लिए जानी जाती है।
भारत : (संभावित) 1 मयंक अग्रवाल, 2 शुभमन गिल, 3 चेतेश्वर पुजारा, 4 अजिंक्य रहाणे (कप्तान), 5 श्रेयस अय्यर, 6 रवींद्र जाडेजा, 7 ऋद्धिमान साहा (विकेटकीपर), 8 रविचंद्रन अश्विन, 9 अक्षर पटेल/सूर्यकुमार यादव, 10 और 11 मोहम्मद सिराज/इशांत शर्मा/उमेश यादव
न्यूजीलैंड के लिए बड़ा सवाल उनके आक्रमण की संरचना का है - दो स्पिनर या तीन, और यदि दो, तो कौन से दो और यदि केवल दो तेज़ गेंदबाज़ हैं, तो किसे बाहर रखना है। डेवन कॉन्वे की चोट के कारण खाली हुए ओपनिंग स्थान पर विल यंग बल्लेबाज़ी करेंगे और बीजे वॉटलिंग ने संन्यास लेने के बाद पहले टेस्ट मैच में विकेटकीपिंग का भार संभालेंगे टॉम ब्लंडल।
न्यूज़ीलैंड : (संभावित) 1 विल यंग, 2 टॉम लेथम, 3 केन विलियमसन (कप्तान), 4 रॉस टेलर, 5 हेनरी निकल्स, 6 टॉम ब्लंडल (विकेटकीपर), 7 मिचेल सैंटनर/काइल जेमीसन, 8 टिम साउदी, 9 नील वैगनर, 10 विल सॉमरविल, 11 एजाज़ पटेल

पिच और परिस्थितियां

पिछली बार जब कानपुर में भारत और न्यूज़ीलैंड का सामना हुआ था, अश्विन और जाडेजा ने कुल मिलाकर 16 विकेट अपने नाम किए थे। मैच से पहले प्रेस कॉन्फ़्रेंस में रहाणे ने पिच के बारे में विस्तार से तो नहीं बताया। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत डब्ल्यूटीसी में हर दूसरी टीम की तरह घरेलू परिस्थितियों का पूरा फ़ायदा उठाएगा। ऐसे में अगर दोनों टीमों ने तीन स्पिनरों को चुना तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा।

कार्तिक कृष्णस्वामी ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।