भारत ने इस साल की शुरुआत में सबसे पहले सिडनी में एक संघर्षपूर्ण तरीके से टेस्ट मैच को ड्रॉ किया था और बाद में गाबा में फ़तह हासिल की थी। इस साल अंत में भारतीय टीम ने सेंचूरियन का किला भी भेद दिया, जो साउथ अफ़्रीका का एक अभेद किला था। मेज़बान टीम 27 टेस्ट में मात्र तीसरी बार यहां पर हारी है। भारत के संपूर्ण और गहराई वाले गेंदबाज़ी आक्रमण ने साउथ अफ़्रीकी बल्लेबाज़ों को कोई राहत नहीं दी। एक पूरे दिन का खेल बारिश से धुलने और अंतिम दिन अधिक बारिश की उम्मीद के बावज़ूद उन्हें 113 रनों से हरा दिया।
साउथ अफ़्रीका ने जब दिन की शुरुआत की तो उन्हें 211 रनों की दरकार थी और हाथ में छह विकेट बचे थे, लेकिन असली मुक़ाबला तो भारत और समय के बीच था। मौसम का पूर्वानुमान था कि आख़िरी सत्र में बारिश हो सकती है और कप्तान डीन एल्गर के नेतृत्व में साउथ अफ़्रीका मैच को अंतिम सत्र तक ले जाना चाहता था जिससे कि बारिश हो तो मुक़ाबला बचाया जा सके।
एल्गर ने अपनी एक विशिष्ट पारी खेली, लेकिन आख़िरकार जसप्रीत बुमराह और परिस्थितियां उनके लिए बहुत अच्छी साबित हुईं। दिन के 10वें ओवर में, जैसे ही भारत को विकेटों की भूख बढ़ने लगी। बुमराह ने एल्गर को एक शानदार गेंद फेंकी। इस पिच पर यह शानदार नहीं थी, लेकिन यह एक दुर्लभ प्रकार की गेंद थी, जिसे आप गेंदबाज़ के तौर पर करने का इरादा नहीं कर सकते।
राउंड द विकेट बॉलिंग करते हुए बुमराह ने एक शॉर्ट लेंथ गेंद डाली, सीम को सीधा रखा, लेकिन गेंद एक दरार से टकराई और अंदर की ओर कट गई। एक पल के लिए ऐसा लगा कि एल्गर ने वह मूवमेंट कवर कर लिया है, लेकिन फिर गेंद आगे स्विंग करती रही। आपने यह देखा है इंग्लैंड में गेंद के उछलने के बाद स्विंग, लेकिन यह विकेट के पीछे विकेटकीपर तक गेंद पहुंचने के बीच होता है, यहां पर यह बल्लेबाज़ की ओर गेंद आते हुए हुआ। एल्गर ने कवर करने की कोशिश की, लेकिन वह बल्ले को अपने पैड पर मार बैठे और एलबीडब्ल्यू के जाल में फंस गए।
अब साउथ अफ़्रीका के लिए अगला प्लान क्विंटन डिकॉक का पलटवार था। यह एक अलग किस्म का दृष्टिकोण था, लेकिन दिन में जितना समय बचा था, उसे देखते हुए एकमात्र समझदारी भरा तरीक़ा था। गेंद 50 ओवर से अधिक पुरानी थी और 175 रन की दरकार थी। पिच भले ही थोड़ी धीमी हो गई हो, लेकिन ऐसी नहीं थी कि डिकॉक ड्रॉ के गेंद को ब्लॉक कर सकें। ख़ासकर इस गेंदबाज़ी आक्रमण के ख़िलाफ़ तो नहीं।
इसलिए डिकॉक ने पलटवार करने की कोशिश की, लेकिन एक विशेष शॉट ने उन्हें मुश्किल में डाल दिया। थपकी चलाने वाला शॉट, जिसने उन्हें पहली पारी में आउट भी करा दिया था। तेजी से 20 रन बनाने के बावज़ूद, डिकॉक को अभी भी कोई ढीली गेंद नहीं मिली थी। भारत अब अपने दूसरे स्तर के आक्रमण के साथ था - मोहम्मद सिराज और आर अश्विन, लेकिन हिट करने के लिए कुछ भी उपलब्ध नहीं था। पहली दो गेंद पर लेट कट से चूकने के बाद आख़िरकार डिकॉक सिराज के जाल में फंस गए। चौथे स्टंप की गेंद पर कट लगाने के प्रयास में गेंद उनके बल्ले के अंदरूनी किनारे से लगती हुई स्टंप्स पर जा टकराई और साउथ अफ़्रीका का स्कोर 161 रनों पर छह विकेट हो गया।
लंच में ज़्यादा समय नहीं बचा था और विराट कोहली ने मोहम्मद शमी को गेंदबाज़ी के लिए बुलाया और शमी ने ऑलराउंडर वियान मुल्डर को आउट कर दिया। यह गेंद बेहद ही खूबसूरत गेंद थी। 60 से अधिक पुरानी गेंद लेंथ पर सीधी सीम पर गिरकर उठी, ऑफ़ स्टंप के हल्का सा बाहर, जिससे बल्लेबाज़ इसको खेलने पर मज़बूर हो। गेंद बहुत हल्का सा बाहर की ओर निकली और मुल्डर के बल्ले का बेहद ही महीम किनारा लेने के बावजूद सीम उसी तरह रहती हुई गर्व के साथ पंत के दस्तानों में जा समाई।
साउथ अफ़्रीका लंच तक बच गया लेकिन दो ओवर में ही मैच समाप्त हो गया और अश्विन के लिए दो गेंद पर दो विकेट बोनस सरीख़े थे।