लगातार सबसे अधिक टेस्ट मैच जीतने के विश्व रिकॉर्ड को अपने नाम करने के इरादे से उतरेगी भारतीय महिला क्रिकेट टीम

2014 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ जीत के बाद भारतीय टीम © Getty Images

बुधवार को जब भारतीय महिला टीम ब्रिस्टल में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ सफेद जर्सी में उतरेगी, तो एक साथ कई रिकॉर्ड बनेंगे। यह पिछले सात साल में भारत का पहला टेस्ट मैच होगा। इससे पहले भारत ने लाल गेंद से क्रिकेट मैच नवंबर, 2014 में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ खेला था। यह पिछले छह साल में पहला ग़ैर-एशेज़ महिला टेस्ट भी है। इस दौरान सिर्फ इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की महिला टीमें ही आपस में एशेज़ के लिए भिड़ती रही हैं।

2000 दिनों के लंबे अंतराल के बाद भारत की टेस्ट मैचों में उपस्थिति

मिताली राज की टीम 2401 दिनों बाद टेस्ट मैचों में वापसी करेगी। यह भारतीय महिला टीम के लिए किन्हीं दो टेस्ट मैच के बीच तीसरा सबसे लंबा अंतराल है। दिलचस्प बात यह है कि इन तीन में से दो रिकॉर्ड पिछले 15 साल में ही बने हैं। भारत ने 2014 में एकमात्र टेस्ट मैच के लिए इंग्लैंड का दौरा किया था और फिर एकमात्र टेस्ट के लिए ही साउथ अफ़्रीका की मेज़बानी की थी। ये इस दशक के दो टेस्ट मैच हैं, जो भारत ने 2006 के बाद खेले थे। 1970 के दशक से टेस्ट मैच खेल रही भारतीय महिला टीम के लिए यह किसी भी दशक में सबसे कम मैच का रिकॉर्ड है। 1970 से 2000 के के बीच भारत ने हर दशक में कम से कम 8 टेस्ट मैच जरूर खेला है।

अगर भारतीय महिला टीम के ओवरऑल रिकॉर्ड की बात की जाए, तो भारत ने अब तक कुल 36 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उसे पांच में जीत और छह में हार का सामना करना पड़ा है। बाकी के 25 मैच ड्रॉ रहे हैं। हालांकि 2010 के दशक में भारतीय टीम ने जो दो टेस्ट मैच खेले थे, उसमें उन्हें जीत हासिल हुई थी। इसके अलावा 2006 में भी हुए टेस्ट मैच में भारत ने इंग्लैंड को उसी की सरज़मीं पर हराया था। इस तरह भारत के नाम पिछले तीन मैचों में तीन जीत का रिकॉर्ड दर्ज़ है।

अगर भारतीय टीम इस मैच में जीत हासिल कर लेती है, तो वह लगातार चार टेस्ट मैच जीतने वाली पहली महिला टीम बन जाएगी। लगातार तीन टेस्ट मैच जीतने वाली टीम में भारतीय टीम के साथ वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया भी है, जिसने तीन बार लगातार तीन टेस्ट मैच जीते हैं। ऐसा उन्होंने 1985 से 1987, 1991 से 1992 और 2001 से 2003 के दौरान किया था।

हालांकि यह उतना आसान भी नहीं है क्योंकि इंग्लैंड की महिला टीम हाल के सालों में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ लगातार टेस्ट सीरीज़ (एशेज) खेलती रही है और तो और उनकी कप्तान हेदर नाइट ने इस मैच को एशेज़ के लिए एक बेहतरीन अभ्यास माना है। वहीं उप कप्तान नैटली सीवर का मानना है कि इंग्लैंड को निडर भारतीय टीम से सावधान रहना होगा।

भारत की सबसे अनुभवी महिला खिलाड़ियों झूलन गोस्वामी और कप्तान मिताली राज ने 2002 में अपना टेस्ट डेब्यू किया था। तब से भारत ने कुल 10 टेस्ट मैच खेला है और दोनों इन 10 टेस्ट मैचों का हिस्सा रही हैं। ब्रिस्टल टेस्ट के बाद, इन दोनों महिला खिलाड़ियों का टेस्ट करियर महिला विश्व क्रिकेट में तीसरा सबसे लंबा टेस्ट करियर हो जाएगा। हालांकि इतने लंबे करियर के बाद इन दोनों खिलाड़ियों का नाम भारत की पांच सबसे ज़्यादा टेस्ट खेलने वाली खिलाड़ियों के नाम में शामिल है। यहां से हम समझ सकते हैं कि पिछले कुछ सालों में टेस्ट मैचों की संख्या में अप्रत्याशित रूप से गिरावट आई है।

क्या ब्रिस्टल में निकलेगा मैच का नतीजा, इतिहास क्या कहता है?

आंकड़े कहते हैं कि महिला टेस्ट मैचों में सिर्फ़ एक तिहाई मैचों का ही परिणाम आता है। हालांकि 2000 के बाद ड्रॉ हुए मैचों के प्रतिशत में गिरावट आई है और सिर्फ़ 46.67% मैच ही ड्रॉ हुए हैं। 1999 तक यह रिकॉर्ड 68.18% था और 35% से भी कम मैचों के परिणाम निकलते थे।

किस टीम के पास है टेस्ट मैचों का अधिक अनुभव?

इंग्लैंड इस मैच में अनुभवी टीम के तौर पर उतरेगी। वह भारत की तुलना में अक्सर टेस्ट मैच खेलती रहती है। भारत की 18-सदस्यीय टीम में से सिर्फ 8 खिलाड़ियों ने अभी तक टेस्ट मैच खेला है, जबकि इंग्लैंड के 15 खिलाड़ियों में से कुल 11 खिलाड़ियों ने लाल गेंद से क्रिकेट खेली है। भारत के 2014 में अंतिम टेस्ट मैच खेलने के बाद इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ ऐशेज़ के लिए तीन टेस्ट मैच खेले हैं। हालांकि भारतीय महिला खिलाड़ियों ने दो पारियों वाले घरेलू मैच अधिक खेले हैं। 2015 से 2018 के बीच भारत में हर साल इंटर-ज़ोन टूर्नामेंट होता था।

शफ़ाली वर्मा और इंद्राणी रॉय को छोड़कर भारत की 16 महिला खिलाड़ियों ने 2014 के बाद कम से कम चार प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं। शफ़ाली और इंद्राणी को अभी भी प्रथम श्रेणी मैच खेलना है। हरमनप्रीत कौर, स्मृति मंधना और झूलन गोस्वामी ने अंतर्राष्ट्रीय मैचों की व्यस्तता के कारण 2015 से कोई प्रथम श्रेणी मैच नहीं खेला है। वहीं दूसरी तरफ इंग्लैंड की किसी भी महिला खिलाड़ी ने टेस्ट मैचों के अतिरिक्त कोई भी प्रथम श्रेणी मैच नहीं खेला है।

हेड-टू-हेड: भारत को है बढ़त

इंग्लैंड के ख़िलाफ़ मैचों में भारत को बढ़त हासिल है। दोनों टीमों के बीच हुई 13 मैचों में भारत ने दो और इंग्लैंड ने एक मैच में जीत हासिल की है बाकी के 10 मैच ड्रॉ रहे हैं। भारत ने अपने अंतिम दो मैचों में इंग्लैंड को हराया है, जबकि हार उसे 1995 में मिली थी। इंग्लैंड को अभी भी अपनी सरज़मीं पर भारत के ख़िलाफ़ जीत दर्ज करना बाकी है।

भारत ने इंग्लैंड में अब तक 8 मैच खेले हैं, जिसमें उसे मेज़बान टीम अभी तक एक भी मैच में नहीं हरा सकी है। यह किसी भी देश का विदेश में दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। रिकॉर्ड इंग्लैंड के नाम है, जिसे न्यूज़ीलैंड में हुए 10 टेस्ट मैचों में एक भी टेस्ट में हार नहीं मिली है।

संपत बंदारूपल्ली ESPNcricinfo में स्टैटिशियन हैं। हिंदी में अनुवाद और संपादन ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर दया सागर (@dayasagar95) ने किया है।

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