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भले ही हमें मैच प्रैक्टिस ना मिला हो लेकिन हम टेस्ट के लिए तैयार हैं: हरमनप्रीत कौर

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की उपकप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा कि टीम को अजिंक्य रहाणे से जरूरी टिप्स भी मिले हैं।

हरमनप्रीत कौर का मानना है कि लगभग सात साल के बाद टेस्ट क्रिकेट खेलने की कमी को अच्छे प्रदर्शन के साथ दूर किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इसके लिए टीम को पुरूष टेस्ट टीम के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे की जरूरी सलाह भी मिली है।
"मैंने केवल दो टेस्ट मैच खेला है। एक बल्लेबाज़ी समूह के रूप में हमें इस बार रहाणे से भी बात करने का मौका मिला। उन्होंने हमारे साथ अपने अनुभव को साझा किया कि सबसे लंबे फॉर्मेट में बल्लेबाज़ी कैसे करें और कैसे अपनी पारी को कई भागों में विभाजित करना चाहिए।"
"भले ही हमारे पास टेस्ट मैच में उतरने के लिए पर्याप्त रूप से मैच प्रैक्टिस नहीं है, लेकिन मानसिक रूप से हम लोग तैयार हैं। हमने बहुत सी चीजों पर चर्चा की है ताकि हम मैच के लिए खुद को अच्छी तरह से तैयार कर सकें। यहां तक कि नेट्स में भी हम सकारात्मक सोच रखने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि जब आप खुश होते हैं तो बहुत ज्यादा सोचने के इतर आप अच्छा खेलने पर ध्यान लगाते हैं।"
इंग्लैंड में 3 जून को पहुंचने के बाद पुरूष और महिला दोनों भारतीय टीमें कुछ दिनों के लिए क्वारंटीन में थीं। इसके बाद खिलाड़ियों ने नेट और मैच प्रैक्टिस भी की। सोमवार को महिला टीम इंग्लैंड के ख़िलाफ़ होने वाले एकमात्र टेस्ट के लिए ब्रिस्टल रवाना हो गई। महिला टीम को इस दौरे पर एक टेस्ट के साथ-साथ तीन वनडे और तीन टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच भी खेलना है। इससे पहले भारतीय टीम ने नवंबर 2014 में दक्षिण अफ्रीका के ख़िलाफ़ घरेलू जमीन पर आखिरी टेस्ट मैच खेला था। अगर हम घरेलू मैचों की बात करें तो भारत ने अंतिम रेड-बॉल क्रिकेट मार्च-अप्रैल, 2018 में खेला था, जब तिरुवनंतपुरम में एक इंटर-ज़ोनल टूर्नामेंट आयोजित किया गया था।
कौर ने स्वीकार किया कि इस दौरे के लिए पर्याप्त तैयारी ना होना एक आदर्श स्थिति नहीं है, लेकिन वह इस बात से खुश हैं कि टीम फिर से टेस्ट मैच खेलने जा रही है। कौर ने कहा, "क्वारंटीन के बाद हमें जो भी समय मिला, मैच की परिस्थितियों को मद्देनज़र रखते हुए हमने अभ्यास करने की कोशिश की है। हमने अपने आप को मानसिक रूप से भी तैयार किया है और दिमाग को सबसे अच्छे फ्रेम में रखने की कोशिश की है। हमें तैयारी के लिए या किसी भी अभ्यास मैच के लिए ज्यादा समय नहीं मिला। लेकिन हमें परिस्थितियों के अनुकूल होना बहुत ही अनिवार्य है।"
"यहां की पिच और परिस्थितिया भारत से बिल्कुल अलग हैं। हमने नेट्स में स्विंग गेंदों के ख़िलाफ़ अभ्यास किया है। हमारे पास मैच के लिए खुद को तैयार करने के लिए अभी आज की समय है। मुझे उम्मीद है कि हम इसका उपयोग अच्छी तरह से करने में सक्षम होंगे।
"सफेद गेंद से क्रिकेट खेलने और लाल गेंद से क्रिकेट खेलने में बहुत अंतर है। मुझे पता है कि हमें लाल गेंद के साथ कोई घरेलू मैच भी खेलने को नहीं मिला है। आगामी सीज़न में हमें और अधिक लाल गेंद से क्रिकेट खेलने का मौका मिलेगा जो कि हमारे लिए बहुत अच्छा संकेत है।"
इंग्लैंड में आमतौर पर ड्यूक गेंद का उपयोग किया जाता है, लेकिन ब्रिस्टल टेस्ट में कूकाबुरा लाल गेंद का उपयोग किया जाएगा। इंग्लैंड की कप्तान हेदर नाइट ने पिछले हफ्ते कहा था, "इस मैच में कूकाबुरा का उपयोग होगा क्योंकि एशेज में भी हमें इसी गेंद से खेलना है। यह कोई रहस्य नहीं है कि यह टेस्ट मैच हमारी एशेज तैयारी का एक हिस्सा है।"
कौर ने कहा कि अभ्यास सत्र के दौराम हमें कूकाबुरा गेंद से खेलने में ज्यादा चुनौती नहीं मिली है। "कुकाबुरा के साथ खेलना बहुत अलग नहीं था क्योंकि गेंद का आकार और वजन लगभग समान होता है, जैसा कि हम सीमित ओवरों के क्रिकेट में सफेद गेंद का उपयोग करते हैं। पिछली बार जब हमने एक टेस्ट खेला था, तब हमें लाल गेंद भारी महसूस हुई थी। लेकिन कूकाबुरा सफेद और लाल गेंद एक ही जैसी लगती है, बस रंग अलग है। हमें इसके साथ खेलकर अच्छा लगा क्योंकि जब सफेद जर्सी में लाल गेंद से खेलते हैं, तो यह पूरी तरह से एक अलग एहसास होता है।"
17 वर्षीय बिग-हिटर शफ़ाली वर्मा के बुधवार को पदार्पण करने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर कौर ने जोर देकर कहा कि वरिष्ठ खिलाड़ियों और टीम प्रबंधन के लिए इस युवा बल्लेबाज़ के साथ बहुत ज्यादा बात करने से बचना महत्वपूर्ण है।
"हम कभी भी शफ़ाली के बारे में बहुत अधिक नहीं सोचते हैं क्योंकि वह एक नैसर्गिक स्ट्रोक प्लेयर है। यदि आप उसके साथ बहुत अधिक तकनीक या गेम प्लानिंग के बारे में बात करने की कोशिश करेंगे, तो वह परेशान हो सकती है क्योंकि वह अभी केवल 17 साल की है।"
झूलन गोस्वामी के बारे में कौर ने कहा, "जब भी हम मैदान पर होते हैं तो वह हमेशा हमें लीड करती हैं। वह हमेशा हमारे लिए विशेष हैं। जब भी हमें विकेट की आवश्यकता होती है, वह हमें सफलता जरूर दिलाती हैं। ना सिर्फ वह बल्कि इस टेस्ट मैच में हमारे सभी गेंदबाज बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि टेस्ट मैचों में आपको सफलताओं (विकेट) की आवश्यकता होती है।"
पिछले महीने डब्ल्यूवी रमन की जगह लेने के बाद से भारतीय महिला क्रिकेट टीम के प्रमुख कोच रमेश पवार के लिए भी यह इस कार्यकाल का पहला दौरा है। भारत की टी20 कप्तान ने कहा कि पवार के साथ उनकी बातचीत पहले ही की तरह हुई, जैसा कि पहले कार्यकाल के दौरान होता था।
"वह (पवार) एक ऐसे व्यक्ति हैं जो हर समय खुद को खेल में शामिल किए रहते हैं और खिलाड़ियों से भी वैसी ही उम्मीद करते हैं। जब भी आप उनसे बात करते हैं, तो आपको लगता है कि आप किसी मैच में हैं। वह आपको किसी मैच का परिदृश्य देकर यह पता लगाने के लिए कहते हैं कि आप उस स्थिति में कैसी प्रतिक्रिया देंगे। मुझे उनसे बात कर बहुत सारी जानकारी और अनुभव मिलता है क्योंकि उन्होंने भी टी20 सहित बहुत क्रिकेट खेला है। हमने 2018 में जो कुछ भी किया था, हम अब भी वही दोहरा रहे हैं।"

ऑन्नेशा घोष (@ghosh_annesha) ESPNCricinfo में सब एडिटर हैं। हिंदी अनुवाद और संपादन ESPNCricinfo Hindi के सब एडिटर दया सागर (@dayasagar95) ने किया है।