हार्दिक का संयम उनकी सबसे बड़ी ख़ासियत है : मांजरेकर
एशिया कप में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ मुक़ाबले में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले हार्दिक पंड्या की पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने तारीफ़ की है। मांजरेकर उनकी गेंदबाज़ी में वापसी से अचंभित हैं और दबाव में शांत रहकर बल्लेबाज़ी करने की उनकी कला से भी बेहद ख़ुश हैं।
स्पोर्ट्स18 के शो स्पोर्ट्स ओवर द टॉप में मांजरेकर ने कहा, "बस उनका संमय देखिए। मेरा मतलब है कि उनके बारे में सब कुछ इस समय असत्य सा लग रहा है। उनकी गेंदबाज़ी में वापसी हैरत में डाल रही है, जो आम है क्योंकि यह दूसरों के साथ भी हो सकता है, लेकिन उनके अंदर जो शांत रहकर दबाव में रन बनाने की क्षमता है वह शानदार है। आख़िरी ओवर बेहद अहम था क्योंकि हार्दिक वहां थे और वह तेज़ गेंदबाज़ों की गेंदों को बाउंड्री के बाहर भेज चुके थे। तेज़ गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ उनकी बल्लेबाज़ी में लय थी। इसके बाद परिस्थिति ऐसी बन जाती है कि पाकिस्तान को आख़िरी ओवर में बाएं हाथ के स्पिनर को लाना पड़ता है और जाडेजा पहली ही गेंद पर आउट हो जाते हैं और तब चार गेंद में ज़रूरी रन चाहिए थे। मेरा मतलब है दबाव बढ़ चुका था लेकिन जिस तरह का शॉट लगाकर उन्होंने जीत दिलाई वह अद्भुत था। मैं पक्का कह सकता हूं कि अंदर से नर्व तेज़ी से चल रही होगी लेकिन इस समय उनके पास ग़ज़ब का आत्मविश्वास है जो उन्होंने उस रात भी दिखाया, जिसका मतलब है कि अब गेंदबाज़ अधिक दबाव में रह सकते हैं। वह इस समय इस तरह के ज़ोन में हैं कि लग ही नहीं रहा है कि यह सच है, सच में अद्भुत।"
हार्दिक ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ तीन अहम विकेट तो लिए ही, साथ ही 17 गेंद में नाबाद 33 रनों की पारी खेलकर भारत को जीत भी दिलाई थी। इससे पहले भी वह दो बार एक मैच में 30 से अधिक रन बनाने और तीन विकेट लेने का कारनामा कर चुके हैं।
मांजरेकर ने विराट कोहली ने जो बल्लेबाज़ी में बदलाव किए हैं उस पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, "कुछ ऐसी चीज़ हैं जो मैंने देखी और मुझे पसंद आई, कुछ ऐसा जो मैंने उन्हें पहले करता नहीं देखा। अगर आपको याद हो तो उन्होंने तीन पुल उस पारी में लगाए। उसमें से एक छक्का था जो हुक पर आया, लेकिन कुछ ऐसे पुल थे जो आप एक विश्लेषक के तौर पर देखते हो। यही बात मुझे उत्साहित करती है कि क्या वह कुछ अलग करने की कोशिश कर रहे हैं। गेंद आने से पहले वह थोड़ा तकनीकी तौर पर सोच रहे हैं। दो बार ऐसा देखने को मिला कि वह क्रीज़ के अंदर गए, जिसका मतलब था कि वह अब बैकफ़ुट पर ज़्यादा खेलने का प्रयास कर रहे हैं। अगर वह बैकफ़ुट पर खेलते हुए मिश्रण करते हैं, तो चीज़ें बेहतर हो जाएंगी और यही संकेत उनकी पाकिस्तान के ख़िलाफ़ बल्लेबाज़ी में देखने को मिले।"
पिछले साल टी20 विश्व कप के बाद से कोहली ने पांच टी20 अंतर्राष्ट्रीय मुक़ाबले खेले हैं, जिसमें वह केवल 116 रन बना पाए हैं। उनकी पिछली तीन टी20 अंतर्राष्ट्रीय पारियों में स्कोर 35, 11 और 1 रन रहा है।
मांजरेकर ने एक बल्लेबाज़ी ऑलराउंडर के रूप में उभर चुके रवींद्र जाडेजा की भी तारीफ़ की।
उन्होंने कहा, "हां, मुझे पसंद आया कि उन्हें चौथे नंबर पर भेजा गया। मुझे नहीं लगता कि यह किसी तरह का जुआ था। यह वाइल्ड कार्ड नहीं था क्योंकि पाकिस्तान दो स्पिनरों के साथ खेल रहा था, जिसमें एक लेग स्पिनर और एक बाएं हाथ का स्पिनर था। तो बाबर उनसे कुछ ओवर निकलवाना चाहते थे, लेकिन बाएं हाथ के बल्लेबाज़ के क्रीज़ पर आने से मुश्किल हो गया। पिच हरी दिख रही थी लेकिन गेंद टर्न हो रही थी और स्पिनरों का रोल अहम हो जाता है, तो यह बहुत अच्छा निर्णय था। अगर लंबे समय के नज़रिये से देखा जाए तो आप पाएंगे कि जाडेजा अब बल्लेबाज़ी ऑलराउंडर के तौर पर उभर गए हैं। तो आपके पास पंड्या के रूप में एक अतिरिक्त गेंदबाज़ मिलता है और अगर कोई तेज़ गेंदबाज़ ओवर पूरे नहीं करता है तो आपके पास जाडेजा हैं। तो बल्लेबाज़ी क्रम पर ऊपर जाकर रन बनाना और अहम ओवर करना भारत के लिए अच्छा संकेत है।"
निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26