जाडेजा के नंबर चार पर आने से पाकिस्तान को बदलनी पड़ी रणनीति
रविवार की रात यह निर्णय, हार्दिक का प्रदर्शन और भुवनेश्वर के चार विकेट बने जीत की अहम कड़ी
ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो स्टाफ़
29-Aug-2022
भारत की जीत में रवींद्र जाडेजा ने अहम भूमिका निभाई • AFP/Getty Images
एशिया कप में रविवार की रात पाकिस्तान के ख़िलाफ़ मिली जीत में हार्दिक पंड्या अहम साबित हुए लेकिन दो वजह और थी जिसने भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई। पहली भुवनेश्वर कुमार के चार विकेट, जिसमें बाबर आज़म का भी विकेट शामिल था। दूसरा टीम प्रबंधन का रवींद्र जाडेजा को नंबर चार पर भेजने का निर्णय।
भुवनेश्वर मैच में पहले हीरो बने लेकिन चलिए शुरुआत जाडेजा के साथ करते हैं। भारत की टीम में शीर्ष क्रम में ऋषभ पंत ही एकमात्र बाएं हाथ के बल्लेबाज़ हैं और दिनेश कार्तिक को फ़िनिशर का रोल देते हुए इस मैच में पंत को बाहर बैठाया गया, जिसका मतलब था कि शीर्ष पांच या छह में भी सभी दाएं हाथ के बल्लेबाज़ थे। यह सही नहीं था, तो आठवें ओवर में जब रोहित का विकेट गिरा तो जाडेजा को बल्लेबाज़ी के लिए भेजा गया। उन्होंने आख़िरी ओवर तक बल्लेबाज़ी करते हुए 29 गेंद में 35 रन बनाए। सूर्यकुमार यादव के साथ चौथे विकेट के लिए 36 रन और हार्दिक के साथ पांचवें विकेट के लिए 52 रन जोड़े। ऐसी रणनीति जो इस दिन पूरी तरह से काम कर गई।
मैच के बाद ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के टी20 टाइम आउट कार्यक्रम में मिकी आर्थर ने कहा, "मेरे लिए अहम कड़ी यही रही कि बाएं हाथ के बल्लेबाज़ को मैच के बीच में भेजा गया क्योंकि इससे पाकिस्तान मोहम्मद नवाज़ को वापस नहीं ला सकता था। ऐसे में उन्हें नवाज़ को रोकना पड़ा और इससे उनकी मुश्किलें बढ़ गई।"
बीसीसीआई वेबसाइट पर मैच के बाद हार्दिक के साथ बातचीत में जाडेजा ने बताया, "जब मुझे बल्लेबाज़ी में ऊपर प्रमोट किया गया तो मैं बस स्पिनरों पर चांस लेने की सोच रहा था, मैं जो भी मौक़ा मिलता उस पर मारने की सोच रहा था और हमाारी साझेदारी बहुत अहम थी। हम बस क्रीज़ पर अपनी ताक़त पर खेलने की बात कर रहे थे और अपने शॉट लगा रहे थे। यह बहुत अहम था।"
नवाज़ फ़ैक्टर बहुत अहम था। पाकिस्तान के गेंदबाज़ी संयोजन में तीन दाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़, एक लेग स्पिनर और एक बाएं हाथ के स्पिनर नवाज़ थे और नवाज़ अच्छा कर रहे थे। पारी के आठवें ओवर में जब वह अपना पहला ओवर करने आए तो उन्होंने रोहित का विकेट लिया और पारी के 10वें और अपने दूसरे ओवर में उन्होंने विराट कोहली को पवेलियन भेज दिया। वह 12वें ओवर में भी आते लेकिन जाडेजा के क्रीज़ पर होने से उन्हें पारी के आख़िरी ओवर में गेंदबाज़ी पर आने के लिए विवश होना पड़ा।
रॉबिन उथप्पा ने भी इसी शो पर कहा, "मुझे लगता है कि किसी ने भी नहीं सोचा था कि जाडेजा नंबर चार पर आएंगे। यह बहुत अच्छा निर्णय था। एक ऐसा निर्णय जिसके बारे में पहले से किसी ने पूर्वानुमान नहीं लगाया था। मुझे यह फ़ैसला बहुत पसंद आया। वैसे पाकिस्तान के नज़रिए से सोचूं तो नवाज़ का पहला ओवर पावरप्ले में निकलवाया जा सकता था जब दोनों दाएं हाथ के बल्लेबाज़ क्रीज़ पर थे और यही सही समय था।"
उन्होंने कहा, "ऐसा लगा कि बाबर [आज़म] ने स्पिनरों को पावरप्ले के बाद लाने का सुरक्षित तरीक़ा सोचा। वह किसी एक स्पिनर को पावरप्ले में ला सकते थे। यह रोहित और कोहली के सामने अच्छा मैचअप होता। स्पिनरों पर पहली 10 गेंद में उन्होंने गेंद को धकेलने की रणनीति अपनाई और उस समय दोनों के पास अच्छा स्ट्राइक रेट भी नहीं था। यह दोबारा सही साबित हुआ जब भारत ने पावरप्ले तक एक विकेट पर 38 रन बनाए और इससे पाकिस्तान को प्रोत्साहन मिलना चाहिए था।"
आर्थर ने भी सहमति जताई और कहा कि मात्र 147 रनों पर सिमटने के बाद पाकिस्तान अपने स्पिनरों का अच्छे ढंग से इस्तेमाल कर सकता था।
उन्होंने कहा, "उन्हें पावरप्ले में किसी एक स्पिनर को लगाना चाहिए था, क्योंकि वे जानते थे कि उनके पास तेज़ गेंदबाज़ों के 12 ओवर ही हैं। ऐसे में वह नवाज़ या शादाब को लगा सकते थे क्योंकि मैं जानता हूं यह रोहित के लिए अच्छा सेटअप हो सकता था क्योंकि पावरप्ले में वह लेग स्पिन को अच्छा नहीं खेलते हैं और उनका स्ट्राइक रेट भी लेग स्पिनर के ख़िलाफ़ कम है।"
"तो आप शादाब को लगा सकते थे, आप नवाज़ को लगा सकते थे। नवाज़ पीएसएल में भी अपनी फ़्रैंचाइज़ी के लिए ऐसा करते आए हैं। यह विराट और रोहित के लिए भी अच्छा मैच अप हो सकता था। इससे मैच के अंत में तेज़ गेंदबाज़ों के भी ओवर बच जाते।"
जाडेजा और हार्दिक के बल्लेबाज़ी में कमाल करने के पहले भुवनेश्वर पहले हीरो बनकर उभरे थे।
भुवनेश्वर ने भी बाबर समेत चार विकेट चटकाए•AFP/Getty Images
टॉस जीतने के बाद भारत ने पाकिस्तान को पहले बल्लेबाज़ी का न्यौता दिया। तीसरे ओवर में भुवनेश्वर आए जो अक्सर तेज़ गेंदबाज़ी के लिए नहीं जाने जाते हैं। उन्होंने बाबर को बाउंसर डाली और वह पूरी तरह से चौंक गए। वह पुल करने गए और बल्ले का ऊपरी किनारा लगा और शॉर्ट फ़ाइन लेग पर अर्शदीप सिंह ने उनका कैच पकड़ लिया। एक बड़ा विकेट मिल चुका था। भुवनेश्वर जब वापस आए तो शादाब, आसिफ़ अली और नसीम शाह के विकेट भी निकाले। उन्होंने चार ओवर में 26 रन देकर चार विकेट लिए।
उथप्पा ने कहा, "भुवनेश्वर कुमार का योगदान भी हार्दिक के योगदान के बराबर है। उनके पुनरुत्थान की कहानी लंबी और कठिन रही है। वह दो साल तक चोट से जूझते रहे, उन्हें पता भी नहीं था कि चोट क्या है। उन्होंने कई दिन एनसीए में अंदर और बाहर बिताए। और मैं आपको बता रहा हूं कि यह कतई आसान दिन नहीं थे। आपने सर्जरी कराई है, आपका रिहैब हुआ है और रिहैब का समय बहुत मुश्किल होता है। सर्जरी आसान होती है, लेकिन वापसी करने के लिए मैदान पर महीनों तक बोरिंग चीज़ें करनी होती हैं, जो बहुत कठिन है।"
"और उन्होंने अपना समय लिया है, उन्होंने बहुत क्रिकेट खेला है और वह बेहतर से बेहतर होते गए हैं। उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। आप उन्हें गेंद को जल्दी और देर से स्विंग करते हुए देख सकते हैं।"
पाकिस्तान के ख़िलाफ़ बेहतरीन प्रदर्शन करने से पहले उन्होंने आयरलैंड, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज़ में भी कमाल का प्रदर्शन किया था। अक्तूबर-नवंबर में ऑस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप के लिए टीम में शामिल होने के लिए भुवनेश्वर तैयार हैं। यहां तक की जसप्रीत बुमराह और हर्षल पटेल के टीम में रहते भुवनेश्वर भी इस तेज़ गेंदबाज़ी संयोजन में ख़ुद को फ़िट कर सकते हैं।
अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।