IPL 2025 में शनिवार को
दिल्ली कैपिटल्स (DC) और
पंजाब किंग्स (PBKS) की
भिड़ंत होगी। यह मुक़ाबला IPL निलंबन से पहले रद्द हुए मैच का रिमैच है, लेकिन हालात अब पूरी तरह बदल चुके हैं। PBKS पहले ही प्लेऑफ़ के लिए क्वालिफ़ाई कर चुकी है, इसलिए उनके लिए अब टॉप-2 में जगह बनाना बेहद अहम है। वहीं DC जो अब प्लेऑफ़ की दौड़ से बाहर हो चुकी है, सिर्फ़ सम्मान के लिए खेलते हुए अपने सीज़न का सकारात्मक अंत करना चाहेगी। आइए जानते हैं इस मैच से जुड़े कुछ अहम आंकड़े जिनका मैच पर प्रभाव पड़ सकता है।
दो अलग तरह के शीर्षक्रमों की भिड़ंत
शीर्ष क्रम की टक्कर एक दिलचस्प मुक़ाबला पेश करने वाली है, जहां दो टीमों की बल्लेबाज़ी ताकत में ज़मीन-आसमान का फर्क नज़र आता है। PBKS का शीर्ष क्रम इस सीज़न में शानदार फ़ॉर्म में रहा है, जिसकी औसत 36.5 है जो लीग में
गुजरात टाइटंस (58.3),
लखनऊ सुपर जायंट्स (40.5) और
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (37.3) के बाद चौथे नंबर पर है। दूसरी ओर DC की शुरुआत बेहद कमज़ोर रही है, जहां उनके शीर्ष तीन बल्लेबाज़ों की औसत केवल 27.1 रही है जो
चेन्नई सुपर किंग्स (23.2) और
कोलकाता नाइट राइडर्स (26.2) के बाद सबसे कम है। ऐसे में यह मुक़ाबला रणनीतिक रूप से अहम होगा, जहां PBKS अपनी मज़बूत शुरुआत का फ़ायदा उठाकर DC पर दबाव बनाना चाहेगी।
PBKS की जान है उनकी ओपनिंग जोड़ी
PBKS की ओपनिंग जोड़ी
प्रभसिमरन सिंह और
प्रियांश आर्य टीम की कामयाबी की बड़ी वजह बनकर उभरी है। आक्रामकता और निरंतरता का बेहतरीन मिश्रण पेश करते हुए इस जोड़ी ने लगभग हर मैच में पावरप्ले में टीम को शानदार शुरुआत दिलाई है। दोनों बल्लेबाज़ अब तक सीज़न में 350 से ज़्यादा रन बना चुके हैं, और प्रभसिमरन तो 500 रन के आंकड़े के क़रीब पहुंचते दिख रहे हैं।
इस ओपनिंग जोड़ी का प्रदर्शन सीधे तौर पर टीम के नतीजों को प्रभावित करता है। जब इन दोनों में से कोई भी बल्लेबाज़ 45+ रन बनाता है, तो PBKS ने अब तक कोई मुक़ाबला नहीं गंवाया है (5 जीत, 1 बिना नतीजे वाला मैच)। लेकिन जब दोनों में से कोई भी 45 रन का आंकड़ा पार नहीं कर पाता, तो PBKS ने छह में से तीन मुक़ाबले गंवाए हैं।
PBKS की पावरप्ले गेंदबाज़ी में हो रहा सुधार
PBKS की पावरप्ले गेंदबाज़ी में ज़बरदस्त बदलाव देखने को मिला है। शुरुआती पांच मुक़ाबलों में टीम सिर्फ़ चार विकेट निकाल सकी थी वह भी 9.8 की इकॉनमी और 73.8 के औसत के साथ, जो बेहद महंगे और बेअसर प्रदर्शन को दर्शाता है। लेकिन इसके बाद PBKS ने अपने गेंदबाज़ी आक्रमण में बड़ा सुधार किया और अगली सात पारियों में उन्होंने 14 विकेट चटकाए, वो भी 8.8 की इकॉनमी और केवल 23 के औसत के साथ। यह सुधार PBKS के लिए गेमचेंजर साबित हुआ है। हालांकि, राजस्थान रॉयल्स के ख़िलाफ़ पिछला मुक़ाबला अपवाद रहा, जहां यशस्वी जायसवाल की आक्रामक बल्लेबाज़ी के चलते PBKS की गेंदबाज़ी बेअसर दिखी और RR ने सिर्फ़ एक विकेट खोकर पावरप्ले में 89 रन बना दिए।
सीज़न में पावरप्ले में सबसे बेहतर इकॉनमी की बात करें, तो RCB 8.5 की इकॉनमी के साथ शीर्ष पर है, जबकि मुंबई इंडियंस और KKR 9.0 की इकॉनमी के साथ बराबरी पर हैं। PBKS भी अब इस सूची में 9.2 की इकॉनमी के साथ अपनी जगह बना चुका है।
पावरप्ले गेंदबाज़ी DC के लिए बड़ी समस्या
DC की पावरप्ले गेंदबाज़ी लगातार उनकी सबसे बड़ी कमज़ोरी साबित हो रही है। इस सीज़न में उन्होंने पावरप्ले में 9.7 की इकॉनमी रेट से रन लुटाए हैं, जो लीग की चौथी सबसे महंगी इकॉनमी है। DC के लिए एकमात्र राहत स्पिनर विप्रज निगम रहे हैं, जिनकी स्ट्राइक रेट 14 रही है, जो इस चरण में किसी भी गेंदबाज़ के मुक़ाबले सबसे प्रभावी है। वहीं दूसरी ओर अन्य तेज़ गेंदबाज़ जैसे
मुकेश कुमार और
दुश्मांता चमीरा पावरप्ले में कोई प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे हैं। लगातार शुरुआती विकेट नहीं ले पाने की वजह से DC हर बार बैकफ़ुट पर आ जाती है और विरोधी टीमों को तेज़ शुरुआत करने का मौका देती है।