भारतीय टेस्ट दल में शामिल हुए जयदेव उनादकट

उनादकट ने 2010-11 में साउथ अफ़्रीका दौरे पर अपना इकलौता टेस्ट खेला था © Shailesh Bhatnagar

बांए हाथ के तेज़ गेंदबाज़ जयदेव उनादकट को चोटिल मोहम्मद शमी की जगह भारतीय टेस्ट दल में बुलाया गया है। उनादकट फ़िलहाल राजकोट में हैं और अपने वीज़ा का इंतज़ार कर रहे हैं। उम्मीद है कि वह बांग्लादेश के विरुद्ध दो टेस्ट मैचों की सीरीज़ के लिए अगले कुछ दिनों में चटगांव में टेस्ट दल के साथ जुड़ेंगे।

शमी अपने कंधे की चोट के लिए राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में रिहैब कर रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही थी कि वह टेस्ट दल के साथ जुड़ेंगे लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा। शमी ने बांग्लादेश दौरे से पहले एक अभ्यास सत्र के दौरान अपने दाहिने कंधे में दर्द की शिक़ायत की थी और उन्हें पहले केवल वनडे सीरीज़ से बाहर किया गया था।

उनादकट बांग्लादेश में भारतीय टेस्ट टीम में जोड़े जाने वाले दूसरे खिलाड़ी हैं। शुक्रवार की शाम बंगाल के ओपनर अभिमन्यु ईश्वरन को टीम में बुलाया गया। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा बाएं हाथ के अंगूठे पर लगी चोट के बाद मुंबई लौट आए हैं। बाएं हाथ के स्पिनर सौरभ कुमार भी रवींद्र जाडेजा की जगह ले सकते हैं। सौरभ ने बांग्लादेश दौरे पर इंडिया ए के लिए दो अनाधिकृत टेस्ट मैचों में सर्वाधिक 15 विकेट लिए थे।

यह केवल दूसरा मौक़ा है जब उनादकट को भारतीय टेस्ट टीम में शामिल किया गया है। लगभग 12 साल पहले उन्होंने 2010-11 के साउथ अफ़्रीका दौरे पर अपना इकलौता टेस्ट मैच खेला था। इंडिया अंडर-19 के बाद तुरंत टेस्ट खेले उनादकट ने सेंचुरियन में 101 रन ख़र्च किए और कोई विकेट उनके हाथ नहीं लगा।

पिछले पांच वर्षों में सौराष्ट्र के लिए उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया और अपनी टीम को सफलता दिलाई। 2019-20 में सौराष्ट्र की पहली रणजी ट्रॉफ़ी ख़िताबी जीत में उन्होंने रिकॉर्ड तोड़ 67 विकेट लिए थे। रणजी ट्रॉफ़ी के पिछले तीन सीज़नों में उनादकट ने 21 मैचों में 115 विकेट झटके हैं।

पिछले हफ़्ते सौराष्ट्र को पहली बार विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी का चैंपियन बनाने के बाद ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के साथ साक्षात्कार में उनादकट ने कहा था कि देश के लिए खेलने की भूख और आग अब भी उज्जवलता के साथ जल रही है। उनादकट ने विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में 10 मैचों में सर्वाधिक 19 विकेट लिए।

उनादकट ने कहा था, "मैं अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन की तरफ़ देखता हूं लेकिन इस नज़रिए से कि क्या वह टीम को आगे लेकर जाता है या नहीं। मैं इस तरह से नहीं देखा कि क्या यह मुझे इंडिया या इंडिया ए के लिए चुने जाने में मदद करेगा। दिन के अंत में आप ऐसी मानसिक स्थिति में होना चाहते हैं और मैं ख़ुशी-ख़ुशी टीम को ज़्यादा से ज़्यादा मैच जिताने में मदद करना चाहता हूं। अगर आप खेलने के अपने अंदाज़ को पसंद करते हैं तो सारी चीज़ें सही जगह पर पहुंच जाएंगी। मैं इस मानसिकता के साथ ख़ुश हूं और कुछ बदलना नहीं चाहता। हालांकि देश के लिए खेलने और प्रदर्शन करने की आग अब भी जल रही है।"

इतने वर्षों में उनादकट ने राजकोट की बेजान पिचों पर गेंदबाज़ी करते हुए अपनी कला को विकसित किया। नई गेंद को स्विंग तथा पुरानी गेंद को रिवर्स स्विंग कराने की उनकी क़ाबिलियत ने उन्हें भर-भर के विकेट दिलाए हैं। बेहतर फ़िटनेस ने उन्हें लंबे स्पेल डालने में सक्षम बनाया जिसे वह अपने 'करियर का बड़ा बदलाव' मानते हैं।

एक टेस्ट के अलावा उनादकट सात वनडे और 10 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। भारत के लिए उनका पिछला मैच मार्च 2019 में श्रीलंका में खेली गई निदाहास ट्रॉफ़ी में आया था।

शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।

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