इंग्लैंड को पहले दिन नहीं मिला जाय'सवाल' का जवाब

नवनीत झा

घरेलू सरज़मीं पर यह जायसवाल का पहला अंतर्राष्ट्रीय शतक है © Getty Images

भारत 336 पर 6 (जायसवाल 179*, गिल 34, रेहान 64 पर 2) बनाम इंग्लैंड

विशाखापटनम टेस्ट का पहला दिन यशस्वी जायसवाल(179*) के नाम रहा। पहले टेस्ट में मिली हार के पीछे भारतीय टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने पहली पारी में अच्छी शुरुआत को बड़ी पारियों में तब्दील ना करने और किसी एक बल्लेबाज़ के बल्ले से बड़ा शतक ना आने को बड़ा कारण बताया था। हालांकि दूसरे टेस्ट के पहले दिन भी भारत के अधिकतर बल्लेबाज़ अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर पाए, लेकिन जायसवाल ने बड़ा शतक ना लगा पाने की द्रविड़ की इस शिकायत को ज़रूर दूर कर दिया।

जायसवाल ने पहले दिन नाबाद 179 रन बनाए जो कि पिछले दस वर्षों में भारतीय सरज़मीं पर टेस्ट मैच के एक दिन में किसी बल्लेबाज़ द्वारा बनाए गए सर्वाधिक रन भी हैं। उनसे पहले यह रिकॉर्ड रोहित शर्मा (161) के नाम था, जो कि उन्होंने पिछले दौरे पर इंग्लैंड के ख़िलाफ़ ही बनाए थे। जायसवाल की शतकीय पारी की बदौलत भारत ने एक अच्छा स्कोर खड़ा कर लिया है लेकिन अगले दिन भी जायसवाल के कंधे पर बड़ी ज़िम्मेदारी होगी क्योंकि तीसरे सत्र में इंग्लैंड के गेंदबाज़ों ने वापसी की है और पिच से अभी भी बल्लेबाज़ों को अच्छी खासी मदद मिलने की संभवाना है।

टॉस का सिक्का उछाले जाने से पहले भारतीय टीम की प्लेइंग इलेवन को लेकर काफ़ी असमजंस की स्थिति थी। लेकिन सिक्का ग्राउंड पर गिरते ही स्टेडियम में मौजूद दर्शकों का शोर सातवें आसमान पर पहुंच गया। केएल राहुल और रवींद्र जाडेजा के चोटिल होने के अलावा भारत ने मोहम्मद सिराज को आराम देने का फ़ैसला किया और टीम में मुकेश कुमार, कुलदीप यादव को शामिल करने के साथ ही रजत पाटीदार को डेब्यू का मौक़ा दिया गया।

भारत ने एक सधी हुई शुरुआती की। रोहित और जायसवाल संभलकर बल्लेबाज़ी कर रहे थे। जेम्स एंडरसन को शुरुआत में सीम मूवमेंट मिल रही थी और उन्होंने शुरुआत में रोहित को परेशान भी किया था। एंडरसन की गेंद रोहित के पैड्स पर लगकर स्लिप में गई थी और इंग्लैंड ने कैच आउट की अपील भी की थी। हालांकि पिछले मैच से सीख लेते हुए इंग्लैंड ने रिव्यू ना लेने का फ़ैसला किया। 40वें ओवर में अय्यर के ख़िलाफ़ विकेट के पीछे कैच की अपील भी हुई थी, लेकिन तब भी इंग्लैंड ने थर्ड अंपायर का रुख़ नहीं किया। पूरे दिन में एक बार भी इंग्लैंड ने रिव्यू नहीं लिया।

रोहित लेग स्लिप में अपना कैच थमा बैठे थे © AFP/Getty Images

पहले घंटे में भारत का विकेट तो नहीं गिरा लेकिन ड्रिंक्स के तुरंत बाद ही इंग्लैंड की ओर से डेब्यू कर रहे शोएब बशीर की गेंद पर रोहित लेग स्लिप में आउट हो गए। बशीर ने अपनी विविधताओं से प्रभावित किया और उन्होंने उछाल पर भारतीय बल्लेबाज़ों को परेशान भी किया।

शुभमन गिल ने इस बार आक्रामक अंदाज़ में शुरुआत की। जितनी गेंद खेलकर रोहित आउट हुए थे, उतनी ही गेंद पर गिल 30 के निजी स्कोर पर पहुंच गए थे। लेकिन एक बार फिर वह अपनी इस शुरुआत का फ़ायदा नहीं उठा पाए। एंडरसन ने उन्हें शरीर से दूर गेंद डाली और वह ड्राइव के प्रयास में कीपर के हाथों लपके गए। गिल टेस्ट की सात पारियों में पांचवीं बार एंडरसन का शिकार बने। एंडरसन की गेंद ने दो बार गिल के बल्ले का बाहरी किनारा भी लिया था। हालांकि जायसवाल दूसरे छोर से लगातार रन बनाते जा रहे थे और लंच से पहले अपना अर्धशतक लगा चुके थे।

एंडरसन ने अपनी शॉर्ट गेंदों से अय्यर की परीक्षा लेने की कोशिश की लेकिन अय्यर ने ग्राउंड पुल और क्रीज़ में ही अपना स्टांस बदलकर एंडरसन और टॉम हार्टली दोनों को परेशान करने की कोशिश की।

एंडरसन को सीम मूवमेंट के साथ-साथ रिवर्स स्विंग भी प्राप्त हुई थी © BCCI

पहले दिन भारत को अच्छी स्थिति में पहुंचाने का श्रेय दूसरे सत्र में भारतीय बल्लेबाज़ों के प्रदर्शन को जाता है। तीनों सत्र में भारत ने 100 से अधिक रन बनाए लेकिन दूसरा ही सत्र ऐसा था जब भारत ने सिर्फ़ एक विकेट गंवाया। अय्यर और जायसवाल के बीच अर्धशतकीय साझेदारी तो हुई लेकिन इस दौरान विकेटों के बीच दोनों बल्लेबाज़ों के बीच तालमेल की कमी भी दिखाई दी। अय्यर को हार्टली ने जब आउट किया उससे ठीक पिछले ओवर की अंतिम गेंद पर जायसवाल मिडऑफ़ पर खेलकर रन लेना चाहते थे लेकिन अय्यर ने उन्हें वापस भेज दिया और अगले ही ओवर में अय्यर स्ट्राइक पर थे और हार्टली की गेंद पर बेन फ़ोक्स ने एक लो कैच लपक लिया।

अय्यर के आउट होने के बाद जायसवाल ने पाटीदार और अक्षर पटेल दोनों के साथ ही अर्धशतकीय साझेदारी की। पाटीदार अच्छी लय में नज़र आ रहे थे और एक बड़ी पारी भी खेल सकते थे लेकिन टी के बाद वह दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से आउट हो गए। पाटीदार डिफ़ेंड करने गए थे लेकिन गेंद उनके बल्ले और दस्ताने से लगकर स्टंप्स से जा टकराई। रेहान अहमद ने पाटीदार का विकेट लिया और उन्होंने अपनी गुगली से पाटीदार के ख़िलाफ़ कॉट एंड बोल्ड का मौक़ा भी बनाया था लेकिन गेंद उनके सिर के ऊपर से चली गई। रेहान को काफ़ी देर बाद पहली बार गेंद थमाई गई थी। भारतीय पारी के 60वें ओवर में उन्हें आक्रमण पर लाया गया था।

अक्षर और श्रीकर भरत दिन का खेल समाप्त होने से पहले आउट ज़रूर हो गए लेकिन जायसवाल डटे रहे। दिन का खेल समाप्त होने से पहले जायसवाल ने एक बार फिर अपना गियर बदला, हालांकि खेल समाप्त होने से ठीक 15 मिनट पहले उन्हें क्रैंप भी आया था लेकिन जायसवाल ने इंग्लैंड के कैंप को राहत ना पहुंचाने का मज़बूत इरादा कर लिया था।

हालांकि ऐसा नहीं था कि पूरे दिन इंग्लैंड को जायसवाल ने एक भी मौक़ा नहीं दिया। पहले घंटे के खेल में ही पिच ने यह अंदाज़ा दे दिया था कि इसमें अच्छी उछाल है। जो रूट की एक गेंद जायसवाल के पैड्स से भी टकराई लेकिन रिप्ले में पता चला कि गेंद स्टंप्स के ऊपर से चली जाती। जायसवाल जब 73 के स्कोर पर बल्लेबाज़ी कर रहे थे तब हार्टली की गेंद स्लिप में खड़े रूट की बाईं ओर से निकल गई। यह भले ही एक हाफ़ चांस था लेकिन जायसवाल जब 155 के स्कोर पर थे तब एक बार फिर गेंद पहली स्लिप में खड़े रूट की तरफ़ आई और उनके बाएं हाथ से लगकर छिटक गई।

जायसवाल अगर स्लिप हो गए होते तो उनकी पारी 55 पर ही समाप्त हो गई होती © BCCI

जायसवाल जब 113 के स्कोर पर खेल रहे थे तब एक गेंद शॉर्ट थर्ड पर खड़े जॉनी बेयरस्टो के ऊपर से भी गई थी। अय्यर के साथ विकेटों के बीच हुई गफ़लत के दौरान जायसवाल आधी पिच पर दौड़कर आ गए थे लेकिन समय रहते वो नॉन स्ट्राइकर एंड पर वापस लौट आए। वह पिच पर स्लिप होने से भी बचे थे और उस समय सिर्फ़ 55 के स्कोर पर थे।

इंग्लैंड के लिए गेंदबाज़ी में दिन का शुरुआत हिस्सा उतना अच्छा नहीं रहा लेकिन तीसरे सत्र में इंग्लैंड ने ज़बरदस्त वापसी करते हुए तीन विकेट चटकाए, जिसमें दो विकेट रेहान और एक बशीर के खाते में गया। जायसवाल के अलावा भारत का कोई भी बल्लेबाज़ 40 के स्कोर तक भी नहीं पहुंच पाया। जायसवाल के बाद भारत की ओर से सबसे ज़्यादा 34 रन गिल के बल्ले से ही आए। पहले दिन के खेल से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि इंग्लैंड के पास भारत के हर बल्लेबाज़ की काट तो मौजूद थी लेकिन उसके पास जाय'सवाल' का जवाब नहीं था।

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