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द्रविड़ ने बताया कि भारत मैच कहां हारा

द्रविड़ ने ऑली पोप की भी जमकर तारीफ़ की

Rahul Dravid speaks at a training session on the eve of the first Test against England, Hyderabad, January 24, 2023

द्रविड़ ने कहा कि पहली पारी में भारत 70-80 रन शॉर्ट रह गया  •  Getty Images

हैदराबाद में भारत मैच कहां हारा? तब जब भारत के स्पिनर्स ऑली पोप को रोकने में असमर्थ साबित हो रहे थे? या तब जब भारत के बल्लेबाज़ टॉम हार्टली की गेंद को नहीं पढ़ पा रहे थे? दोनों ही नहीं। मुख्य कोच राहुल द्रविड़ भारत की हार का सबसे बड़ा कारण भारत की पहली पारी में की गई बल्लेबाज़ी को मानते हैं। द्रविड़ के मुताबिक पहली पारी में भारत को जितने रन बनाने चाहिए थे उतने रन भारत ने स्कोरबोर्ड पर नहीं लगाए।
द्रविड़ ने कहा, "मुझे लगता है कि हमने पहली पारी में 70 रन कम बनाए। दूसरे दिन परिस्थितियां बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल थीं लेकिन हम कुछ अच्छी शुरुआत को भुना नहीं पाए। हमारी ओर से किसी ने बड़ा शतक नहीं लगाया। इसलिए मुझे लगता है कि हम ने कहीं ना कहीं पहली पारी में ही 70-80 रन कम बनाए थे। दूसरी पारी हमेशा चुनौतीपूर्ण रहती है। 230 चेज़ करना आसान नहीं रहता और हम अमूमन भी ऐसा होता नहीं देखते।"
रोहित शर्मा, शुभमन गिल और कुछ हद तक श्रेयस अय्यर भी वो बल्लेबाज़ थे जो पहली पारी में अपनी शुरुआत को बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर पाए। यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल और रवींद्र जाडेजा ने इस मामले में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन ये तीनों भी 80+ में ही आउट हो गए। क्या जब स्पिन के ख़िलाफ़ खेलने की बात आती है तब भारतीय क्रिकेट की मौजूदा पीढ़ी, पिछली पीढ़ी जितनी बेहतर नहीं है?
द्रविड़ ने कहा, "मैं ज़्यादा कठोर नहीं होना चाहूंगा लेकिन राहुल शॉर्ट गेंद को पढ़ नहीं पाए थे। वो गेंद रुक कर आई थी और ऐसे में ऐसी गेंदें सीधे डीप मिडविकेट के हाथों में जा सकती हैं। लेकिन जैसा कि मैंने पहले भी कहा, अगर हम पहली पारी में 500 के आसपास पहुंच जाते तो गेम पूरी तरह से हमारी पकड़ में आ जाता। अगर मैं ईमानदारी से कहूं तो मुझे भी लगा कि 190 की लीड काफ़ी है लेकिन फिर ऐसा कम ही होता है कि भारत में तीसरी पारी में कोई टीम 420 रन बना दे।"
इतना ही नहीं, द्रविड़ ने यह भी कहा कि भारत के बल्लेबाज़ी लाइन अप में अभी भी अधिकतर खिलाड़ियों का लंबी पारी खेलना सीखना बाक़ी है। उन्होंने कहा, "अधिकतर खिलाड़ी काफ़ी युवा हैं। वे ज़्यादातर व्हाइट बॉल क्रिकेट खेलते हैं, उन्हें प्रथम श्रेणी में खेलने के उतने अवसर नहीं मिलते। लेकिन मुझे लगता है कि वे सीख रहे हैं और इस ओर बढ़ चल रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में विकेट भी काफ़ी चुनौतीपूर्ण रही हैं, जिनके अनुरूप ख़ुद को ढालना नए बल्लेबाज़ों के लिए उतना आसान नहीं रहा है। लेकिन उनके पास स्किल और क्षमता दोनों है। और ये लोग ऐसे ही यहां नहीं पहुंचे हैं, उन्होंने घरेलू क्रिकेट में काफ़ी रन बनाए हैं। ए टीम के लिए काफ़ी अच्छा प्रदर्शन करते आए हैं। उनका चयन मेरिट पर ही हुआ है। कभी कभी ख़ुद को ढालने में समय लगता है। वे लोग कड़ी मेहनत कर रहे हैं। वे लगातार सुधार कर रहे हैं और इन परिस्थितियों से और बेहतर ढंग से लड़ने की कोशिश भी कर रहे हैं।"
भारतीय टीम का स्पिन आक्रमण काफ़ी मज़बूत है। अगले चार टेस्ट मैचों में उन्हें इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों के स्वीप और रिवर्स स्वीप की काट ढूंढनी होगी।
द्रविड़ ने कहा, "मैंने आज से पहले तक इतने अच्छे आक्रमण के सामने इस क्वालिटी से स्वीप और रिवर्स स्वीप खेलते (पोप से बेहतर) किसी को नहीं देखा था। हमें और अच्छी रणनीति के साथ आना होगा कि हम उन्हें और मुश्किल लेंथ से कैसे रिवर्स स्वीप खिला सकते हैं। क्योंकि मुझे लगता है कि हम अपनी रणनीति को अमली जामा पहनाने में थोड़ा चूक गए। लेकिन इसका श्रेय उन्हें जाता है। हालांकि हमारी कोशिश रहेगी कि अगले मैच में वह ग़लती करें।"

अलगप्पन मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं