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टेस्ट में पुजारा की सर्वश्रेष्ठ पारियां

डेब्यू पर अर्धशतक से सिडनी और एडिलेड में धैर्य और संयम तक, पुजारा की यादगार पारियों की झलक

Cheteshwar Pujara pulls during his half-century on debut, India v Australia, 2nd Test, Bangalore, 5th day, October 13, 2010

डेब्यू पर दूसरी पारी में पुजारा ने एक अहम अर्धशतक लगाया  •  AFP

लगभग 15 वर्षों तक, चेतेश्वर पुजारा नंबर तीन पर भारतीय टीम के स्तंभ थे, कई मौक़ों पर उन्होंने भारत को संकट से उबारा था। 2010 में डेब्यू करने वाले पुजारा ने भारत के लिए कई यादगार पारी खेलते हुए जीत दिलाई हैं। इन वर्षों में पुजारा द्वारा खेली गईं कुछ यादगार पारियों पर नज़र डालते हैं।
ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ बेंगलुरु में पुजारा की डेब्यू पारी सिर्फ़ तीन गेंद में ही समाप्त हो गई लेकिन दूसरी पारी में भारत के 207 रनों के चेज़ में 22 वर्षीय पुजारा ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। नंबर तीन पर पुजारा को राहुल द्रविड़ से आगे भेजा गया जिन्होंने कालांतर में द्रविड़ की जगह ली। पुडजारा ने एक ट्रिकी चेज़ में 89 गेंदों पर 72 रनों की पारी खेली। पहली पारी में पुजारा को जॉनसन ने आउट किया था लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के आक्रमण का अच्छी तरह से सामना किया। पुजारा जब आउट हुए तब भारत लक्ष्य से 61 रन दूर था।
डेल स्टेन, मॉर्ने मॉर्कल और वेर्नन फ़िलेंडर जैसे गेंदबाज़ों वाले आक्रमण के सामने पुजारा जब बल्लेबाज़ी करने आए तब भारत 23 के स्कोर पर अपना पहला विकेट गंवा चुका था। पुजारा ने मुरली विजय के साथ 70 रनों की साझेदारी की और इसके बाद विराट कोहली के साथ मिलकर उन्होंने 222 रनों की साझेदारी की। पुजारा ने 270 गेंदों पर 21 चौकों की मदद से 153 रन बनाए और उनकी इस पारी की बदौलत भारत ने साउथ अफ़्रीका को 458 रनों का लक्ष्य दिया। यह मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ।
रांची में पुजारा के कंधों पर बड़ी ज़िम्मेदारी थी। स्टीव स्मिथ और ग्लेन मैक्सवेल के शतकों की बदौल ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 451 रन बना लिए थे। पुजारा द्वारा पारी संभालने से पहले के एल राहुल और विजय ने भारत को अच्छी शुरूआत दिलाई थी। मध्य क्रम में विकेटों की झड़ी लगी लेकिन पुजारा ने 525 गेंदों पर 202 रनों की पारी खेल भारत को संभाल लिया। भारत ने नौ विकेट के नुक़सान के साथ 603 के स्कोर पर पारी घोषित की और यह मैच भी ड्रॉ पर समाप्त हुआ। यह अब तक किसी भारतीय बल्लेबाज़ द्वारा एक पारी में 500 से अधिक गेंद खेलने का इक़लौता उदाहरण है।
पुजारा ने 2018 में एडिलेड टेस्ट के पहले दिन धैर्य का परिचय दिया, वह भी ऐसी स्थिति में जब भारत की बाक़ी बल्लेबाज़ी ख़ास प्रदर्शन नहीं कर पाई। भारत ने पहले बल्लेबाज़ी की थी और 41 के स्कोर पर ऑस्ट्रेलिया के चार विकेट गिर गए थे, अधिकतर बल्लेबाज़ अपनी ग़लती के कारण आउट हुए थे। हालांकि पुजारा ने ख़ुद को संयमित रखा और अकेले दम पर भारत को 250 के स्कोर तक ले गए। पुजारा ने 246 गेंदों पर 123 रनों की पारी खेली, पुजारा के बाद भारतीय पारी में दूसरा सबसे बड़ा स्कोर 37 रन बनाने वाले रोहित शर्मा का था। दूसरी पारी में पुजारा ने एक बार फिर बेहतरीन बल्लेबाज़ी करते हुए 70 रन बनाए और ऑस्ट्रेलिया को चौथी पारी में 323 रनों का लक्ष्य मिला। मेज़बान सिर्फ़ 31 रन कम रह गए।

अडिग पुजारा - सिडनी और ब्रिसबेन 2020-21

2020-21 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी में पुजारा एक अलग ही लय में नज़र आ रहे थे, ना सिर्फ़ रन बनाने के मामले में बल्कि जिस तरह से मैदान पर वह टीम के लिए ख़ुद को झोंक रहे थे। ज़बरदस्त धैर्य और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन करते हुए, उन्होंने 2021 में सिडनी में भारत को टेस्ट बचाने में मदद करने के लिए अपने शरीर पर कई वार सहे। उन्होंने पहली पारी में 176 गेंदों पर 50 रन बनाए, लेकिन यह उनकी दूसरी पारी में 205 गेंदों पर 77 रन की पारी थी जिसने भारत को विश्वास दिलाया। हनुमा विहारी और आर अश्विन ने इसके बाद संघर्ष किया और तीसरा टेस्ट ड्रॉ पर समाप्त हुआ। कुछ दिनों बाद, पुजारा फिर से ब्रिसबेन में थे। उन्होंने पहली पारी में 94 गेंदों पर 25 और दूसरी में 211 गेंदों पर 56 रन बनाए। भारत ने अंततः शानदार जीत हासिल कर चार मैचों की सीरीज़ 2-1 से अपने नाम कर ली।

आशीष पंत ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं।