क्या भारत इंग्लैंड में इन खिलाड़ियों के खेलने के अनुभव को भुना पाएगा?

बुमराह के अलावा तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण में ज़िम्मेदारी किस पर होगी? क्या पंत दोहरा पाएंगे इंग्लैंड में अपना प्रदर्शन?

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भारतीय टेस्ट टीम शुभमन गिल की अगुवाई में एक नए दौर में भी प्रवेश करने जा रही है। हालांकि ख़ुद गिल का यह पहला पूर्ण इंग्लैंड दौरा होगा, वह 2022 में 2021 के लिए निर्धारित सीरीज़ के अंतिम टेस्ट में खेले थे और दो वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल में भी वह खेल चुके हैं लेकिन सीनियर खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में मौजूदा भारतीय दल में कुछ भारतीय खिलाड़ियों के पास पहले भी इंग्लैंड में खेलने का अनुभव है। ऐसे में क्या इन खिलाड़ियों का अनुभव इंग्लैंड की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भारतीय टीम के काम आ पाएगा?

के एल राहुल - 129, लॉर्ड्स 2021

के एल राहुल ने चार साल बाद एक बार फिर इंग्लैंड दौरे की शुरुआत शतक लगाकर की। इंडिया ए के लिए इंग्लैंड लायंस के ख़िलाफ़ खेले दूसरे अनौपचारिक टेस्ट में राहुल ने एक शतक और अर्धशतक लगाया। इंग्लैंड में राहुल ने सबसे पहला दौरा 2018 में किया था और अब तक वह इंग्लैंड में नौ टेस्ट मैचों में दो शतक और एक अर्धशतक की बदौलत 34.11 की औसत से 614 रन बना चुके हैं।

2021 में राहुल दूसरी बार इंग्लैंड का दौरा कर रहे थे। दूसरे टेस्ट में तत्कालीन कप्तान रोहित शर्मा के साथ उन्होंने पहली पारी में पहले विकेट के लिए 126 रन जोड़े। हालांकि रोहित 83 के निजी स्कोर पर आउट हो गए और इसके बाद राहुल ने एक छोर संभाले रखा। 129 के निजी स्कोर पर जब वह चौथे विकेट के रूप में आउट हुए तो भारत 278 रन बना चुका था। राहुल की शतकीय पारी की बदौलत भारत पहली पारी में 364 रन बनाने में सफल हो पाया और फिर इंग्लैंड द्वारा 27 रनों की बढ़त लेने के बावजूद भारतीय गेंदबाज़ों की मेहनत ने इंग्लैंड के अरमानों पर पानी फेर दिया।

ऋषभ पंत - 146, बर्मिंघम 2022

भारतीय बल्लेबाज़ी लाइन अप में राहुल के बाद केवल ऋषभ पंत ही वह एकमात्र बल्लेबाज़ हैं जिन्होंने इंग्लैंड का पूरा दौरा किया है। पंत इस दौरे पर भारतीय टीम के उपकप्तान भी हैं और उनके ऊपर अपने इंग्लैंड के अनुभव को भुनाने की ज़िम्मेदारी भी होगी। IPL में अंतिम लीग मैच में शतक लगाने के बाद वह इंग्लैंड दौरे पर आए हैं, ऐसे में पंत के पास आत्मविश्वास भी होगा इसके साथ ही इंग्लैंड में उनका ट्रैक रिकॉर्ड भी शानदार रहा है।

पंत ने अपने टेस्ट करियर में कुल छह शतक लगाए हैं जिसमें भारत के बाहर उन्होंने सर्वाधिक दो शतक इंग्लैंड में ही लगाए हैं। 2022 में जब भारतीय टीम 2021 में हुई सीरीज़ का अंतिम मैच खेलने इंग्लैंड गई थी एजबैस्टन में उन्होंने 146 रनों की पारी खेलकर 2007 के बाद पहली बार इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज़ जीतने के भारत के सपने को ज़िंदा रखा था।

पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारतीय टीम ने केवल 71 रन के स्कोर पर चार विकेट गंवा दिए थे। सीरीज़ में 2-1 से आगे चल रही भारतीय टीम के पास सीरीज़ को जीतने के लिए कम से कम मैच को ड्रॉ कराना था लेकिन शुरुआती झटकों के बाद भारतीय टीम का लक्ष्य अधूरा प्रतीत होने लगा था। 98 के स्कोर पर आधी भारतीय टीम पवेलियन की राह पकड़ चुकी थी और पंत ने वहां से रवींद्र जाडेजा के साथ मिलकर छठे विकेट के लिए 222 रन जोड़ते हुए भारत को 400 के पार ले जाने में अहम भूमिका निभाई थी।

यह टेस्ट में भारत के लिए छठे विकेट के लिए संयुक्त तौर पर चौथी सबसे बड़ी साझेदारी भी है। हालांकि भारत वो मैच हार गया और सीरीज़ 2-2 की बराबरी पर समाप्त हो गई लेकिन पंत की यह पारी आज भी प्रशंसकों की स्मृतियों में क़ैद है।

Play 04:20
कुलदीप : 'जाडेजा के साथ समय बिताने से मुझे काफ़ी मदद मिल रही है'

रवींद्र जाडेजा - 104, बर्मिंघम 2022 और 79 पर चार, ओवल 2018

इंग्लैंड दौरे पर अश्विन की अनुपस्थिति में स्पिन गेंदबाज़ी ऑलराउंडर के तौर पर जाडेजा के ऊपर अतिरिक्त ज़िम्मेदारी होगी, कुलदीप यादव ने भी इंग्लैंड में अब तक केवर एकमात्र टेस्ट ही खेला है। जाडेजा की बल्लेबाज़ी की बात की जाए तो अब तक अपने टेस्ट करियर में उन्होंने भारत के बाहर एकमात्र टेस्ट शतक इंग्लैंड में ही लगाया था।

गेंदबाज़ी में जाडेजा ने इंग्लैंड में 12 टेस्ट मैचों में 27 विकेट चटकाए हैं। हालांकि वह एक बार भी इंग्लैंड में पांच विकेट हॉल नहीं ले पाए हैं लेकिन 2018 में ओवल में खेले गए अंतिम टेस्ट की पहली पारी में 79 रन देकर चार विकेट इंग्लैंड में उनका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। भारत पहले ही 3-1 से यह सीरीज़ गंवा चुका था लेकिन उसके पास अंतिम टेस्ट में जीत हासिल कर सीरीज़ का सुखद अंत करने का मौक़ा था। पहली पारी में इंग्लैंड को पहला झटका जाडेजा ने ही कीटन जेनिंग्स के रूप में दिया और इसके बाद जाडेजा ने अगले तीन झटके सेट हो चुके बल्लेबाज़ों के रूप में दिए। 40 गेंद खेल चुके बेन स्टोक्स को पवेलियन लौटाने के बाद जाडेजा ने बड़े स्कोर की ओर जा रही इंग्लैंड को स्टुअर्ट ब्रॉड (38) के रूप में नौवां और जॉस बटलर (89) के रूप में अंतिम झटका देते हुए 332 के स्कोर पर रोक दिया। जाडेजा ने दूसरी पारी में भी तीन विकेट चटकाए लेकिन भारत वो मैच हार गया और इंग्लैंड ने 3-1 से सीरीज़ अपने नाम कर ली।

शार्दुल ठाकुर - 57, 60 और 22 रन देकर दो विकेट, ओवल 2021

इंग्लैंड के ख़िलाफ़ तेज़ गेंदबाज़ी ऑलराउंडर के रूप में नीतीश कुमार रेड्डी और शार्दुल ठाकुर दो प्रबल दावेदार हैं। इंग्लैंड लायंस के ख़िलाफ़ दोनों ही खिलाड़ी बल्ले और गेंद से कुछ ख़ास प्रभाव नहीं छोड़ पाए थे लेकिन इंट्रा स्क्वाड मैच में ठाकुर के शतक ने उनकी दावेदारी को मज़बूत ज़रूर किया है। ठाकुर ने इंग्लैंड में चार टेस्ट मैच खेले हैं और उन्होंने इस दौरान 37.10 की औसत से 10 विकेट चटकाए हैं।

ठाकुर ने बतौर बल्लेबाज़ टेस्ट में कुल चार अर्धशतक लगाए हैं और इनमें से तीन शतक इंग्लैंड में ही आए हैं। दो अर्धशतक उन्होंने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ बल्कि एक अर्धशतक 2023 के वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ लगाया था। हालांकि इंग्लैंड के ख़िलाफ़ उनके दोनों अर्धशतक उन्होंने एक ही मैच में लगाए थे और उनके हरफ़नमौला खेल की बदौलत 2021 में भारत 2007 के बाद पहली बार इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज़ जीत के क़रीब पहुंच गया था।

ओवल में ठाकुर ने पहली पारी में 57 रन बनाए और उनकी इस पारी की बदौलत भारत 191 के स्कोर तक पहुंचने में सफल रहा। इंग्लैंड 99 रनों की बढ़त लेने में सफल रहा जिसके बाद दूसरी पारी में रोहित के शतक, चेतेश्वर पुजारा और पंत के अर्धशतकों के साथ ही ठाकुर ने भी 60 रनों की पारी खेली और भारत ने 466 रन बनाए। इंग्लैंड को चौथी पारी में लक्ष्य से दूर रखने में ठाकुर ने गेंद के साथ भी कमाल किया और उन्होंने रॉरी बर्न्स और जो रूट के अहम विकेट अपने नाम किए। ठाकुर के इस प्रदर्शन की बदौलत भारत सीरीज़ में 2-1 से बढ़त बनाने में सफल रहा।

Play 00:28
गिल ने नेट्स पर किया बुमराह का सामना

जसप्रीत बुमराह - 46 रन देकर चार विकेट और 64 रन देकर पांच विकेट, नॉटिंघम 2021

बुमराह के पास ना केवल इंग्लैंड में खेलने का अनुभव है बल्कि वह इंग्लैंड में कप्तानी भी कर चुके हैं। 2022 में खेले गए टेस्ट मैच में उन्होंने रोहित की अनुपस्थिति में सीरीज़ के शेष एकमात्र टेस्ट में टीम की कमान संभाली थी।

हालांकि भारत सीरीज़ नहीं जीत पाया था लेकिन बुमराह ने उस मैच में बतौर बल्लेबाज़ टेस्ट क्रिकेट इतिहास में एक ओवर में सबसे ज़्यादा रन बटोरने का कारनामा किया था। ब्रॉड के ख़िलाफ़ ओवर में कुल 35 रन बने थे जो कि टेस्ट में एक ओवर में सर्वाधिक बने रन हैं, इन 35 रनों में 29 रन बुमराह के बल्ले से आए थे जिसमें चार चौके और दो छक्के शामिल थे।

बुमराह ने अब तक इंग्लैंड में कुल नौ टेस्ट मैच खेलते हुए 26.27 की औसत से 37 विकेट चटकाए हैं। बुमराह ने इंग्लैंड में दो बार पंजा हासिल किया है जिसमें एक पंजा उन्होंने 2021 में नॉटिंघम में निकाला था। बुमराह ने इस मैच में कुल नौ विकेट चटकाए थे।

बुमराह ने पहली पारी के पहले ही ओवर में रॉरी बर्न्स को पगबाधा कर भारत को सफलता दिला दी थी। इसके बाद भारतीय गेंदबाज़ों ने इंग्लैंड पर हावी होना शुरू कर दिया। बुमराह ने बटलर और पूछल्ले क्रम को धराशाई कर दिया जिसके चलते इंग्लैंड केवल 183 के स्कोर तक ही पहुंच पाया। दूसरी पारी में बुमराह और भी खतरनाक साबित हुए और उन्होंने शतकवीर कप्तान जो रूट का शिकार करने के साथ ही इंग्लैंड की आधी टीम को अकेले पवेलियन पहुंचाया। भारत को 209 रनों का लक्ष्य मिला और भारत ने एक विकेट के नुक़सान पर 52 रन भी बना लिए थे। हालांकि पांचवें दिन का खेल बारिश की भेंट चढ़ गया और अगर यह ना हुआ होता तो संभव है भारत के नाम 2007 के बाद इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज़ हो सकती थी।

मोहम्मद सिराज - 94 रन देकर चार विकेट और 32 रन देकर चार विकेट, लॉर्ड्स 2021

इस मैच में राहुल के शतक और रोहित की 83 रनों की पारी के अलावा दोनों पारियों में गेंद के साथ मोहम्मद सिराज भी चमके थे। 36 टेस्ट में 100 विकेट ले चुके सिराज बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी के बाद पहली बार भारतीय टीम की जर्सी में खेलेंगे और बुमराह के तीन टेस्ट मैच ना खेलने और मोहम्मद शमी की अनुपस्थिति में तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण का वह एक अहम हिस्सा रहेंगे।

इंग्लैंड में सिराज ने अब तक कुल छह टेस्ट मैच खेले हैं और 34.00 की औसत से 23 विकेट चटकाए हैं। लॉर्ड्स में सिराज ने दोनों पारियों में चार विकेट चटकाए और दौरे पर भारत को पहली जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। रूट ने पहली पारी में 180 रनों की नाबाद पारी ज़रूर खेली लेकिन सिराज के चार झटकों और ईशांत शर्मा के तिहरे झटकों की बदौलत इंग्लैंड की टीम भारत के ऊपर 27 रनों की बढ़त ही बना पाई।

दूसरी पारी में सिराज और भी घातक सिद्ध हुए और इस बार बटलर, मोईन अली, सैम करन और जेम्स एंडरसन का विकेट लेते हुए उन्होंने इंग्लैंड को 120 के स्कोर पर समेटने में अहम भूमिका निभाई।

नवनीत झा ESPNcricinfo हिंदी में कंसल्टेंट सब एडिटर हैं।

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