मज़ूमदार: रॉड्रिग्स को ड्रॉप करना सबसे कठिन निर्णयों में से एक था

जेमिमाह रॉड्रिग्स ने इस विश्व कप की चार पारियों में सिर्फ़ 65 रन बनाए हैं © ICC/Getty Images

भारत के मुख्य कोच अमोल मज़ूमदार ने कहा है कि विश्व कप में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ मैच में जेमिमाह रॉड्रिग्स को बाहर रखना टीम के लिए "सबसे कठिन फ़ैसलों में से एक" था, जो पूरी तरह से संयोजन और परिस्थितियों पर आधारित था।

उन्होंने कहा, "सच कहें तो, जेमी [रॉड्रिग्स] इस टीम की बहुत अहम खिलाड़ी रही हैं और इस ग्रुप का अभिन्न हिस्सा हैं। कभी-कभी आपको ऐसे कठिन निर्णय लेने पड़ते हैं। इंग्लैंड के ख़िलाफ़ उस मैच में छठे गेंदबाज़ी विकल्प की आवश्यकता थी। इंदौर के मैदान और वहां की [ज़्यादा रन वाली] परिस्थितियों को देखते हुए हमें लगा कि उस दिन और उस मैच के लिए छह गेंदबाज़ी विकल्प बेहतर रहेंगे।"

रॉड्रिग्स ने इस टूर्नामेंट में चार पारियों में सिर्फ़ 65 रन बनाए हैं और दो बार शून्य पर भी आउट हुई हैं। इंग्लैंड के ख़िलाफ़ उनकी जगह तेज़ गेंदबाज़ रेणुका सिंह को शामिल किया गया।

मज़ूमदार ने कहा, "यह वाक़ई एक मुश्किल फ़ैसला था। यह हमारे सबसे कठिन फ़ैसलों में से एक था, लेकिन कभी-कभी ऐसे निर्णय लेने ही पड़ते हैं। उसने इसे बहुत अच्छे खेल भावना से स्वीकार किया।"

न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ मैच से पहले रॉड्रिग्स ने नेट में लंबा सत्र किया। वह अपनी ड्राइव्स पर काफ़ी काम करती नज़र आईं। हालांकि मज़ूमदार ने कहा कि उन्हें अंतिम एकादश में वापस लाने का निर्णय मैच के दिन ही लिया जाएगा।

भारत इस विश्व कप में अब लगातार तीन मैच हार चुका है। मज़ूमदार ने माना कि खिलाड़ियों को घरेलू विश्व कप खेलने का दबाव महसूस हो रहा है। लेकिन उन्होंने टीम की युवा तेज़ गेंदबाज़ क्रांति गौड़ पर भरोसा जताया, जो इन तीनों मैचों के अपने दूसरे स्पेल में ज़्यादा रन दे चुकी हैं।

उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि घरेलू विश्व कप में दबाव तो रहेगा ही, लेकिन यह टीम उस दबाव से निपटने में पूरी तरह सक्षम है। हमने टीम को उसी सोच के साथ तैयार किया है और मुझे लगता है कि सभी खिलाड़ी उस दबाव को संभालने में सक्षम हैं।

"गौड़ के पास अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का ज़्यादा अनुभव नहीं है, लेकिन यही वह स्तर है, जहां हम हैं। वह टीम में तेज़ गेंदबाज़ों की अगुआई कर रही हैं। हमने कई चर्चाएं की हैं और इस बारे में कोई क़सर नहीं छोड़ी है कि कैसे उन पर से दबाव कम किया जाए।"

छह भारतीय बल्लेबाज़ अब तक इस टूर्नामेंट में अर्धशतक लगा चुके हैं, लेकिन कोई भी तीन अंकों के स्कोर तक नहीं पहुंचा है। मज़ूमदार ने कहा कि टीम इस पर सक्रिय रूप से काम कर रही है। स्मृति मांधना और हरमनप्रीत कौर ने इंग्लैंड के मैच में 125 रन की साझेदारी की थी लेकिन क्रमशः 88 और 70 पर आउट हो गईं।

"हमें अच्छी तरह पता है कि इस विश्व कप में कोई तीन अंकों का स्कोर नहीं आया है। लेकिन अगर आप पिछले डेढ़ साल को देखें, तो हमने काफ़ी शतक देखे हैं। मुझे नहीं लगता कि किसी पर ज़्यादा बोझ है। लेकिन हमने इस पर ईमानदार चर्चा की है। खिलाड़ियों ने भी माना कि 'हां, पचास के बजाय हमें उसे सौ में बदलना चाहिए था'। वे इस बात से वाक़िफ़ हैं और मुझे उम्मीद है कि अगले कुछ मैचों में ऐसा देखने को मिलेगा।"

मज़ूमदार ने ये भी कहा कि न तो हरमनप्रीत पर कप्तान के तौर पर और न ही ऋचा घोष पर अकेले मैच फ़िनिश करने का कोई बोझ है।

"एक बल्लेबाज़ी समूह के रूप में हमने चर्चा की है कि हमें उस स्थिति तक पहुंचना होगा, जहां ऋचा को जाकर खुलकर अपने शॉट खेलने की आज़ादी मिले।"

श्रुति रवींद्रनाथ ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं

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