हरमनप्रीत : टीम को ख़ुद पर विश्वास था कि हम यह विश्व कप जीत सकते हैं

अगर सेमीफ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ जीत भावुक जीत थी जब भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर डगआउट में अपने आंसू नहीं रोक पाई थीं तो साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ फ़ाइनल में जीत हासिल कर महिला विश्व कप जीतने वाला दिन केवल मुस्कुराहटों से भरा था। हरमनप्रीत मुस्कुराती हुईं और ट्रॉफ़ी के साथ प्रेस कॉन्फ़्रेंस रूम में आईं। इस बार माहौल किसी सपने के साकार होने जैसा था और एक शब्द जिस पर वह बार-बार लौट रही थीं वो था - आत्मविश्वास।

निश्चित तौर पर सबसे पहला सवाल पूछा गया कि ट्रॉफ़ी जीतने के बाद कैसा लग रहा है जिसे भारत ने एक लंबे इंतज़ार के बाद जीता।

हरमनप्रीत ने कहा, "इस समय तो मैं कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं। मैं सिर्फ़ अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का प्रयास कर रही हूं। मैं बस यही कहूंगी कि टीम ने कई उतार-चढ़ाव देखे लेकिन टीम को ख़ुद पर विश्वास था। मैं यह पहले दिन से कह रही हूं। हम इधर-उधर नहीं देख रहे थे हमारा ध्यान सिर्फ़ हमारे एक लक्ष्य पर था।"

"हमें लगा कि हम पहली गेंद से ही जीत सकते थे, क्योंकि जिस तरह से हमने पिछले तीन मैचों में खेला था उससे हमारे लिए काफ़ी चीज़ें बदल गई थीं। ख़ास तौर पर ख़ुद पर विश्वास। हम काफ़ी समय से अच्छी क्रिकेट खेलते आ रहे हैं इसलिए हमें पता था कि एक टीम के तौर पर हमें क्या करना है। हमें पता था कि बल्लेबाज़ी आसान नहीं होगी लेकिन इसका श्रेय स्मृति (मांधना) और शेफ़ाली (वर्मा) को जाता है जिस तरह से उन्होंने पहले 10 ओवर में बल्लेबाज़ी की।"

हंसी मज़ाक़ भी हुआ। टॉस पर हरमनप्रीत को इस टूर्नामेंट में भाग्य का साथ नहीं मिला और वह 10 में से एक ही मैच में टॉस जीत पाईं। यहां तक कि साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ फ़ाइनल में भी हरमनप्रीत टॉस हार गईं।

हरमनप्रीत ने हंसते हुए कहा, "पहले दिन से मुझे विश्वास था कि यह सब मायने नहीं रखता। वैसे भी हम टॉस जीतते नहीं, इसलिए हमें पता था कि हमें पहले बल्लेबाज़ी करनी होगी।"

विश्वास तो था लेकिन घबराहट भी थी। लॉरा वुलफ़ार्ट के शतक ने साउथ अफ़्रीका को चेज़ में बनाए रखा था लेकिन 42वें ओवर में उनके आउट होने के बाद भारत की जीत की लय लौट आई।

हरमनप्रीत ने कहा, "हमारा लक्ष्य आसान था। हमें पता था कि अगर हम बड़े लक्ष्य के बारे में सोचेंगे तो दबाव में आ जाएंगे। सबसे ज़रूरी चीज़ थी कि बल्लेबाज़ी करते रहना है और खेल की लय में बने रहना है। हमने 300 रन बनाने की कोशिश की लेकिन हम एक रन दूर रह गए। हालांकि हम एक टीम के तौर पर मैदान में लौटे। जब भी हमें ज़रूरत हुई हमें ब्रेकथ्रू मिला। यह एक बहुत अच्छा मैच था।

"यह अभी कहना आसान है लेकिन जब लॉरा बल्लेबाज़ी कर रही थीं तो यह सब उतना आसान नहीं था, वे मौक़े नहीं दे रही थीं। लेकिन आख़िरकार अच्छा लग रहा है, मुझे नहीं पता कि मैं इसे कैसे बयां करूं।"

टीम की साथियों के साथ जश्न मनाने के लिए व्हीलचेयर से उठीं रावल © ICC/Getty Images

हरमनप्रीत द्वारा विजयी कैच लेने के बाद मैदान में विक्ट्री लैप भी हुआ। एक समय पूर्व भारतीय क्रिकेटर मिताली राज, झूलन गोस्वामी और अंजुम चोपड़ा टीम के साथ शामिल हुईं। गोस्वामी ने जब मैदान में हरमनप्रीत और कुछ अन्य साथियों को गले लगाया तब उनकी आंखों से आंसू बह रहे थे।

हरमनप्रीत ने कहा, "झूलन दी मेरी सबसे बड़ी सपोर्ट थीं। जब मैं टीम में शामिल हुई थी तब वह कप्तान थीं। उन्होंने मुझे हमेशा सपोर्ट किया ख़ासकर जब मैं क्रिकेट के बारे में अधिक नहीं जानती थी। अंजूम दी, दोनों ही मेरे लिए बड़ी सपोर्ट रही हैं।"

प्रतिका रावल और यास्तिका भाटिया के चोटिल होने ने न सिर्फ़ भारत के विश्व कप अभियान को धक्का पहुंचाया था बल्कि भारतीय ड्रेसिंग रूम को भी आंसुओं से भर दिया था।

हरमनप्रीत ने कहा, "जब वह (रावल) चोटिल हुईं तब ड्रेसिंग रूम में हर कोई रो रहा था। लेकिन हर कोई सोच रहा था कि हमारा लक्ष्य ट्रॉफ़ी है इसलिए इसे हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी है।"

हरमनप्रीत ने जब अंतिम कैच लपका तब उसके बाद उन्होंने मैदान में दौड़ लगाई और इस दौरान वह अपनी सभी साथी खिलाड़ियों से गले मिलीं। लेकिन सबसे ज़्यादा देर तक उन्होंने स्मृति मांधना को गले लगाया जिनके साथ वह 106 वनडे खेल चुकी हैं

हरमनप्रीत ने कहा, "मैंने उसके (मांधना) के साथ काफ़ी विश्व कप खेले हैं और हर बार हार मिलने के बाद हम काफ़ी दिनों तक चुप रहते थे। जब वापस आते तो यही कहते कि हमें शून्य से शुरुआत करनी होगी। हमने काफ़ी फ़ाइनल, सेमीफ़ाइनल खेले लेकिन हमें जीत नहीं मिली। हम यही सोचा करते कि हमें कब जीत मिलेगी?"

39,555 की संख्या में पहुंचे DY पाटिल में प्रशंसकों का भी भारतीय टीम को भरपूर साथ मिला जहां उन्होंने दो घंटे की बारिश की देरी होने के बावजूद टीम का हौसला बढ़ाए रखा। इस वेन्यू पर भारतीय खिलाड़ियों को खेलने का काफ़ी अनुभव है। हरमनप्रीत ने बताया कि जब वेन्यू बेंगलुरु से DY पाटिल शिफ़्ट हुआ तो उनकी टीम कैसे ख़ुश हो गई।

हरमनप्रीत ने कहा, "जैसे ही हमें पता चला कि हमारा वेन्यू बेंगलुरु से DY पाटिल स्टेडियम में शिफ़्ट हो गया है हम काफ़ी ख़ुश हो गए। क्योंकि हमने यहां काफ़ी अच्छी क्रिकेट खेली है। हमने कहा कि अब हम घर आ गए हैं और एक नई शुरुआत करेंगे।"

हरमनप्रीत ने मुस्कुराते हुए कहा, " हम इस पल का इंतज़ार कर रहे थे। सारी रात जश्न चलेगा। और फिर देखते हैं कि BCCI हमारे लिए क्या योजना बना रहा है।"

श्रुति रवींद्रनाथ ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं।

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