रांची की रोचक जीत में कोहली, राणा और कुलदीप बने भारत के नायक
भारत 349 पर 8 (कोहली 135, राहुल 60, रोहित 57 और बार्टमैन 60 पर 2) ने साउथ अफ़्रीका 332 (ब्रीत्ज़के 72, यानसन 70, बॉश 67 और कुलदीप 68 पर 4) को 17 रनों से हराया
विराट कोहली के शतक के साथ ही हर्षित राणा और कुलदीप यादव की गेंदबाज़ी की बदौलत भारत ने साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ रांची में खेले गए रोचक मुक़ाबले में जीत हासिल करते हुए 1-0 की बढ़त हासिल कर ली।
कोहली की 135 रनों की पारी की बदौलत भारत ने 349 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था लेकिन इसके बावजूद भारत को जीत के लिए काफ़ी मशक्कत करनी पड़ी। एक समय 270 के स्कोर पर आठ गंवा चुके साउथ अफ़्रीका को अंतिम 10 गेंदों पर मात्र 19 रनों की दरकार थी और अर्धशतक बना चुका एक सेट बल्लेबाज़ भी क्रीज़ पर था।
अर्शदीप सिंह के किफ़ायती 49वें ओवर की बदौलत अंतिम ओवर में साउथ अफ़्रीका को 18 रनों की ज़रूरत थी। तय समयसीमा से पीछे चलने के चलते अंतिम ओवर में भारत को 30 ग़ज़ के दायरे के बाहर एक कम फ़ील्डर रखना पड़ा लेकिन दूसरी गेंद पर प्रसिद्ध कृष्णा ने अंतिम विकेट निकालते हुए 17 रनों से भारत की जीत सुनिश्चित कर दी।
350 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी साउथ अफ़्रीका को राणा ने पारी के दूसरे ही ओवर में रायन रिकलटन और क्विंटन डी कॉक के रूप में दोहरे झटके दिए थे। इसके बाद अर्शदीप सिंह ने भी एडन मारक्रम को पवेलियन का रास्ता दिखाया। वहीं कुलदीप ने भी चौथे विकेट के लिए मैथ्यू ब्रीत्ज़के के साथ 66 रनों की साझेदारी होने के बाद टॉनी डीज़ॉर्ज़ी के रूप में साउथ अफ़्रीका को चौथा झटका दिया और तब तक मेहमान टीम स्कोरबोर्ड पर मात्र 77 रन ही जोड़ पाई थी।
हालांकि इसके बाद ओस का खेल शुरू हुआ और साउथ अफ़्रीका की वापसी की भी शुरुआत हुई। डेवाल्ड ब्रेविस ने आक्रामक अंदाज़ में खेलना शुरू किया। हालांकि ब्रेविस अर्धशतक की ओर बढ़ ही रहे थे कि हर्षित को वापस आक्रमण पर लाया गया और वह शरीर से दूर गेंद पर प्रहार करने के प्रयास में ऋतुराज गायकवाड़ के हाथों डीप कवर पर लपके गए।
साउथ अफ़्रीका का प्रयास यहीं नहीं थमा और टेस्ट सीरीज़ में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले मार्को यानसन ने अपनी फ़ॉर्म वनडे सीरीज़ में भी जारी रखी और ब्रीत्ज़के साथ मिलकर उन्होंने सातवें विकेट के लिए 97 रन जोड़ डाले।
भारतीय गेंदबाज़ यानसन और ब्रीत्ज़के की जोड़ी के सामने बेअसर नज़र आने लगे थे और देखते ही देखते साउथ अफ़्रीका मुक़ाबले में वापसी कर चुका था। यानसन और ब्रीत्ज़के अर्धशतक लगा चुके थे और उनकी नज़रें पूरी तरह से जम चुकी थीं। लेकिन तभी कुलदीप ने एक ही ओवर में पहले यानसन और फिर ब्रीत्ज़के का शिकार बना लिया और यहां से भारत ने मुक़ाबले में अपनी पकड़ को वापस मज़बूत कर लिया।
साउथ अफ़्रीका दोबारा वापसी का प्रयास करता कि कुलदीप ने प्रीनालेन सुब्रायन के रूप में अपना चौथा विकेट हासिल करते हुए भारत को जीत की दहलीज़ पर ला दिया सुब्रायन का विकेट अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कुलदीप का 300वां विकेट भी था।
हालांकि वापसी का सिलसिला साउथ अफ़्रीका के लिए थमा नहीं और अब चेज़ की बागडोर कॉर्बिन बॉश ने अपने कंधों पर ले ली। वनडे इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब एक पारी में नंबर चार से नंबर आठ तक के सभी बल्लेबाज़ों ने 35 से अधिक रन बनाए।
साउथ अफ़्रीका की पारी को 300 के पार ले जाने के साथ ही वह ख़ुद भी अर्धशतक और अपनी टीम को जीत की ओर ले जाने लगे। भारत को अभी भी जीत के लिए दो विकेट और अब ख़ासकर बॉश के विकेट की दरकार थी।
साउथ अफ़्रीका को अब जीत के लिए 24 गेंदों पर 38 रनों की ही ज़रूरत थी लेकिन अर्शदीप ने नांद्रे बर्गर का शिकार कर एक बार फिर साउथ अफ़्रीका की उम्मीदों को धक्का दिया। अर्शदीप ने मेडन ओवर डाला और अब बॉश के सामने कड़ी चुनौती थी। लेकिन साउथ अफ़्रीका की वापसी के ओवरडोज़ से भरे मुक़ाबले में जान अभी भी बाक़ी थी और बॉश ने आक्रमण जारी रखा। साउथ अफ़्रीका को जीत के लिए अंतिम दो ओवर में जीत के लिए मात्र 27 रन चाहिए थे।
मात्र अंतिम विकेट शेष रहने के चलते 19वें ओवर की दूसरी गेंद पर बॉश ने छक्का जड़ने के बाद स्ट्राइक अपने पास ही रखना मुनासिब समझा और अंतिम ओवर में जीत के लिए 18 रनों की दरकार थी। हालांकि बॉश साउथ अफ़्रीका को जीत की दहलीज़ पार नहीं करा पाए लेकिन यह प्रयास किसी जीत से कमतर भी नहीं था।
इससे पहले साउथ अफ़्रीका ने टॉस जीतकर भारत को बल्लेबाज़ी के लिए आमंत्रित किया था। यशस्वी जायसवाल के रूप में शुरुआती झटका लगने के बाद रोहित शर्मा और कोहली की जोड़ी ने भारतीय पारी को संभाला। शुरुआत में रोहित को कम गेंदें मिलीं लेकिन जल्द ही रोहित भी लय में आ गए और दोनों बल्लेबाज़ों के बीच शतकीय साझेदारी पूरी हुई।
रोहित और कोहली ने दोनों ने अपना अर्धशतक पूरा किया और इसी बीच शाहिद अफ़रीदी को पछाड़ते हुए रोहित वनडे में सर्वाधिक छक्के जड़ने वाले बल्लेबाज़ भी बन गए।
हालांकि रोहित के आउट होने के बाद भारत को गायकवाड़ और वॉशिंगटन सुंदर के रूप में दो नियमित झटके लगे और अब वापस कोहली के कंधों पर बड़ी ज़िम्मेदारी आ गई। भारत एक बड़े स्कोर की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा था लेकिन इन नियमित झटकों ने भारत की उम्मीदों को भी धक्का दे दिया था।
हालांकि कोहली और के एल राहुल के बीच साझेदारी पनपी और कोहली ने 52वां वनडे शतक पूरा किया। शतक पूरा करते ही कोहली ने गियर बदला और एक बार फिर भारत बड़े स्कोर की ओर बढ़ता नज़र आने लगा।
हालांकि कोहली अपने इस शतक को बड़े शतक में तब्दील नहीं कर पाए लेकिन वह भारत के लिए एक बड़े स्कोर की आधारशिला रख चुके थे, जिसे रवींद्र जाडेजा और राहुल की जोड़ी ने अंतिम रूप दिया। वनडे सीरीज़ में कप्तानी राहुल के पास ही है और उन्होंने एक कप्तानी पारी खेलते हुए अर्धशतक जड़ा।
नवनीत झा ESPNcricinfo हिंदी में कंसल्टेंट सब एडिटर हैं।