T20 विश्व कप टीम चयन: क्या गिल की जगह पर कोई सवाल है?
भारत के चयनकर्ता शनिवार को मुंबई में T20 विश्व कप टीम की घोषणा करने वाले हैं। इसी दल के 21 जनवरी से न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ होने वाली पांच घरेलू T20I मैचों की सीरीज़ में भी खेलने की संभावना है। हालांकि भारतीय T20I टीम लगभग तय है, लेकिन कुछ सवाल भी हैं, जिनका जवाब मिलना बाक़ी है।
गिल का सवाल
शुभमन गिल के हालिया T20I प्रदर्शन लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं। वह लगातार 18 पारियों से अर्धशतक नहीं लगा पाए हैं। अगर सिर्फ़ आंकड़ों से हटकर शीर्ष क्रम पर उनके प्रभाव को देखा जाए, तो वहां भी उनका योगदान सीमित ही रहा है।
सितंबर में 2025 एशिया कप में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 28 गेंदों में 47 रन की मैच जिताऊ पारी जैसी पारियां बहुत कम देखने को मिली हैं। मौजूदा साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ T20I सीरीज़ में उनके स्कोर 4, 0 और 28 रहे हैं।
इसके बावजूद गिल को अभी भी लंबे रेस का घोड़ा माना जा रहा है। फ़िलहाल भारत के T20I उपकप्तान के रूप में उनकी जगह भी लगभग सुरक्षित है। T20 विश्व कप में अब सिर्फ़ एक महीने से थोड़ा अधिक समय बचा होने के कारण उनकी जगह पर पुनर्विचार की संभावना कम ही है।
न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ पांच T20I मैच गिल को लय दोबारा हासिल करने का अहम मौक़ा देंगे। भारत अपने विश्व कप अभियान की शुरूआत 7 फ़रवरी को मुंबई में USA के ख़िलाफ़ करेगा।
क्या शानदार SMAT सीजन के बाद किशन को मौका मिल सकता है?
सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी (SMAT) में 197.32 के स्ट्राइक रेट और सर्वाधिक 33 छक्कों के साथ टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा 517 रन बनाकर अपनी टीम को ख़िताब जिताने वाले इशान किशन की वापसी आदर्श रूप से तो होनी चाहिए, लेकिन समस्या यह है कि उनके सभी रन शीर्ष क्रम में आए हैं और भारत की टीम कम से कम ऊपरी क्रम में फ़िलहाल काफ़ी हद तक तय दिख रही है।
फ़िलहाल गिल और अभिषेक शर्मा पसंदीदा ओपनिंग जोड़ी बने हुए हैं। तिलक वर्मा और सूर्यकुमार यादव के शीर्ष-4को पूरा करने की संभावना के साथ, किशन के लिए रास्ता बैकअप ओपनर और विकेटकीपर तक सीमित हो जाता है, जहां संजू सैमसन ने कुछ ग़लत नहीं किया है। 2024 में अपने तीन T20I शतकों के बाद सैमसन कुछ समय तक के लिए नियमित ओपनर भी बने थे, लेकिन गिल की वापसी के बाद सैमसन की भी एकादश में जगह पक्की नहीं है।
क्या वॉशिंगटन, रिंकू पर भारी पड़ेंगे?
एशिया कप की 15 सदस्यीय टीम में भारत ने रिंकू सिंह को वॉशिंगटन सुंदर पर तरजीह दी थी और रिंकू ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ फ़ाइनल में विजयी रन बनाकर अपने एकमात्र मौक़े का पूरा फायदा उठाया था। ऑस्ट्रेलिया में समीकरण बदला, जहां हार्दिक पांड्या की चोट के कारण इन दोनों खिलाड़ियों के लिए जगह बनी। हालांकि मौज़ूदा T20I मैचों में हार्दिक के फ़िट होकर लौटने से संतुलन फिर से वॉशिंगटन के पक्ष में झुक गया है।
जुलाई 2024 में मुख्य कोच बनने के बाद से गौतम गंभीर ने मध्य क्रम में विशेषज्ञ बल्लेबाज़ों की तुलना में ऑलराउंडरों को स्पष्ट रूप से प्राथमिकता दी है। वॉशिंगटन की ऑफ़ स्पिन गेंदबाज़ी का अतिरिक्त कुशन उन्हें मध्य क्रम के बैक-अप के रूप में मज़बूत बनाता है। इससे रिंकू लगातार दूसरे T20 विश्व कप में शायद फिर से रिज़र्व खिलाड़ियों में रहें, भले ही उन्होंने कोई ख़ास गलती ना की हो।
शशांक किशोर ESPNcricinfo में वरिष्ठ संवाददाता हैं
