यशस्वी जायसवाल और स्पिनरों ने बनाया भारत का दिन
स्टोक्स की 70 रन की पारी से 246 तक पहुंचा इंग्लैंड, भारत ने एक विकेट पर 119 रन के साथ किया दिन का खेल ख़त्म
ESPNcricinfo staff
25-Jan-2024
BCCI
>भारत 119 पर 1 (जायसवाल 76*, गिल 14*) इंग्लैंड 246 (स्टोक्स 70, बेयरस्टो 37, अश्विन 3-68) से 127 रन पीछे
इंग्लैंड के लिए नए टेस्ट क्रिकेट की परिभाषा अगल है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट के पुराने स्टाइल की बात ही अलग है, यह भारत बनाम इंग्लैंड के बीच खेले गए पहले टेस्ट के पहले दिन देखने को भी मिला। लेकिन गेंदबाज़ी की गुणवत्ता ने दोनों टीमों में अंतर साबित कर दिया।
अपने आक्रमण में दो महानतम स्पिनरों के साथ भारतीय टीम ने हाल ही में भारत में खेली गई टेस्ट सीरीज़ की तुलना में अधिक अनुकूल सतह पर इंग्लैंड को 246 रन पर आउट कर दिया। स्टंप्स तक भारत ने यशस्वी जायसवाल और रोहित शर्मा के आक्रमण के कारण दिन का खेल ख़त्म होने तक एक विकेट पर 119 रन बना लिए थे।
जायसवाल ने ही पहली गेंद पर चौका लगाकर पारी की शुरुआत की थी, उन्होंने ही पहली गेंद पर छक्का जड़कर पदार्पण कर रहे टॉम हार्टली का स्वागत किया था और वह ही थे जिन्होंने श्रृंखला का पहला अर्धशतक एक रन प्रति गेंद से भी तेज़ बनाया था।
हालांकि, सबसे प्रभावशाली काम तब हुआ जब पहले सेशन में इंग्लैंड ने जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज के ख़िलाफ़ तेज़ शुरुआत की थी। वैसे यह भारत जितना तेज़ नहीं था, लेकिन फिर भी आप सप्ताह के किसी भी दिन उस गुणवत्ता के दो गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ आठ ओवरों में 0 पर 41 रन बना लेते हैं तो यह बड़ी बात है।
रवींद्र जाडेजा और आर अश्विन को जल्दी बुलाया गया। तुरंत ही जाडेजा ने जैक क्रॉली को लगातार तीन बार पछाड़ते हुए मेडन ओवर किया, लेकिन कुछ ही समय बाद उन्होंने अपनी लेंथ हासिल कर ली। ड्राइव और बैक-फ़ुट शॉट्स को छोड़ते हुए बल्लेबाज़ या तो स्वीप कर सकते थे या बचाव कर सकते थे। जाडेजा की गेंद पर दो स्वीप ने बेन डकेट को चौका दिलाया, लेकिन अश्विन ने सीधी गेंद फेंककर उन्हें भी स्वीप के लिए ललचाया। ऑफ़ ब्रेक टर्न नहीं हुई और गेंद अंदर की ओर आई जहां वह डिफ़ेंस में चूके और पगबाधा हो गए।
ओली पोप अपनी क्रीज़ पर कभी भी सहज नहीं दिखे और उन्होंने जाडेजा को अपना विकेट गंवाया। क्रॉली हिट करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन अश्विन द्वारा फ़्लाइट में वह फंस गए और मिडऑफ़ पर कैच लपके गए। पांच रन के अंदर तीन विकेट गिर चुके थे; स्पिन के पहले आठ ओवर में इंग्लैंड 30 रन देकर तीन विकेट गंवा चुका था।
जो रूट और जॉनी बेयरस्टो ने पारी में सर्वाधिक 61 रन जोड़े, लेकिन लंच के बाद अक्षर पटेल ने एक ऐसी गेंद फ़ेंकी जिसे खेला नहीं जा सका। लेंथ बॉल मिडिल एंड ऑफ़ स्टंप पर जो गिरकर बाहर निकली और डिफ़ेंस के प्रयास में बेयरस्टो चूके और गेंद उनका ऑफ़ स्टंप ले उड़ी। रूट ने लेंथ बॉल से पीछे की लेंथ पर स्वीप का प्रयास किया लेकिन वह संतुलन नहीं बना पाए और गेंद उनके बल्ले का ऊपरी किनारा लेकर शॉर्ट फ़ाइन लेग के हाथ में पहुंच गई। इससे स्कोर पांच विकेट पर 125 रन हो गया था।
अब रन आना मुश्किल हो रहा था और अक्षर ने बेन फ़ॉक्स को कीपर के हाथों कैच आउट कराया। इस बीच बुमराह ने वापसी की और रेहान अहमद को धीमी गति की कटर गेंद पर कीपर के हाथों कैच कराया। मध्य सत्र के पहले 17 ओवरों में इंग्लैंड ने केवल 34 रन बनाए, जो बैज़बॉल युग में 100 गेंदों या उससे अधिक का कोई भी सत्र उनके लिए सबसे धीमा स्कोर रहा है।
155 रन पर सात विकेट गिर चुके थे और स्टोक्स ने इंग्लैंड को कुछ उम्मीद देने के लिए तीन अहम साझेदारी की। हार्टली ने 24 गेंद में 23 रन की तेज़ पारी के दौरान अश्विन पर एक चौका और एक छक्का लगाया। स्टोक्स ने मार्क वुड के साथ 41 रनों की साझेदारी के दौरान कुछ अविश्वसनीय हिट लगाए। स्टोक्स ने खुद भी अर्धशतक लगाया लेकिन यह एक ऐसा समय था जब जोख़िम लेना लाज़मी था।
इंग्लैंड निचले क्रम के योगदान से खु़श हो सकता है, वे देखेंगे कि उन्हें स्पिनरों पर आक्रमण करने की अनुमति कैसे नहीं दी गई। उस स्कोरकार्ड पर बैज़बॉल का एक संकेत शायद 4.88 प्रति ओवर की दर से जाडेजा का सबसे महंगा इकॉनमी था।
यदि आप वुड की तरह पैड पर गेंदबाज़ी करके शुरुआत करते हैं तो ऐसा नहीं होता है। जायसवाल ने उनकी गेंद पर चौका लगाया। हार्टली ने बहुत ख़राब गेंद नहीं फ़ेंकी, लेकिन जायसवाल ने उनके पहले ओवर में स्लॉग-स्वीप और पारंपरिक रूप से स्वीप छक्का लगाकर उनकी शुरुआत ख़राब कर दी। जहां इंग्लैंड के स्पिनरों को टर्न नहीं मिल रहा था तो भारतीय स्पिनरों को अविश्वस्नीय टर्न मिल रहा था।
शॉर्ट बॉल और हाफ़ वॉली लगातार हो रही थी और भारतीय सलामी बल्लेबाज़ उन पर शॉट लगाकर उनके आक्रमण पर दबाव डाल चुके थे। स्पिनरों के ख़िलाफ़ जायसवाल ने मिड ऑफ़ के दोनों तरफ़ चार चौके लगाए।
इंग्लैंड केवल एक तेज़ गेंदबाज़ के साथ खेल रहा था और स्टोक्स के पास स्पिनरों के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने आक्रामक क्षेत्ररक्षण करके खु़द का बचाव करने की कोशिश की लेकिन रोहित ने आगे निकलकर मिडऑफ के ऊपर से बाउंड्री लगा दी। हालांकि तब तक भारत 13 ओवर में 80 रन बना चुका था और टेस्ट की पहली पारी में भारत सबसे तेज़ 50 रन बना चुका था।
जायसवाल भी रुकने का नाम नहीं ले रहे थे, उन्होंने नौ चौके और तीन छक्के लगाए और 70 गेंद में 76 रन नाबाद बनाकर लौटे। हार्टली के पहले स्पेल का आंकड़ा 9-0-63-0 था।