इंग्लैंड 316 पर 6 (ऑली पोप, 148*, जसप्रीत बुमराह, 29 पर 2) भारत 436 ( रवींद्र जाडेजा, 87, जो रूट, 79 पर 4) से 126 रन आगे
हैदराबाद टेस्ट का तीसरा दिन शुरू तो भारत की जीत की संभावना से हुआ लेकिन दिन का अंत होते-होते इंग्लैंड की जीत की उम्मीदें ज़िंदा हो गईं। मैच की तस्वीर को बदलने में सबसे अहम भूमिका
ऑली पोप के शतक ने निभाई। तीसरे दिन के खेल की समाप्ति पर इंग्लैंड ने छह विकेट के नुकसान पर 316 रन बना लिए हैं और अब इंग्लैंड के पास 126 रनों की बढ़त है। इस बढ़त में पोप के शतक के अलावा
बेन फ़ोक्स (34 रन) के साथ उनकी 112 रन की साझेदारी भी उतनी ही अहम रही। पोप 148 पर नाबाद हैं और रेहान अहमद (16) उनके साथ क्रीज़ पर मौजूद हैं। दोनों के बीच 45 रन की साझेदारी हो चुकी है। 2013 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत में किसी मेहमान टीम ने अपनी दूसरी पारी में 300 से अधिक का स्कोर बनाया है।
दूसरे दिन का खेल जब समाप्त हुआ था तब भारत के पास 175 रनों (421 पर 7) की बढ़त थी।
रवींद्र जाडेजा शतक के क़रीब पहुंच गए थे तो अक्षर पटेल भी अर्धशतक के समीप थे। हालांकि पहले सत्र में ही जो रूट ने जाडेजा और बुमराह को लगातार दो गेंदों पर आउट कर दिया और रेहान अहमद ने अक्षर का विकेट निकाल लिया।
भारत के पास 190 रन की बढ़त थी लेकिन पिच और परिस्थितियों को देखते हुए यह बढ़त कम नहीं थी। हालांकि पहली पारी की तरह ही इंग्लैंड ने तेज़ शुरुआत की और पहले सत्र में 15 ओवर की बल्लेबाज़ी करते हुए मेहमान टीम ने स्कोरबोर्ड पर एक विकेट के नुकसान पर 89 रन बना लिए थे। अब तक हुए कुल सात सेशन में से यह इकलौता ऐसा सेशन था जो इंग्लैंड के नाम हुआ था। बेन डकेट ने पहले सत्र में 38 रन बनाए थे लेकिन जो 42 गेंदें उन्होंने खेली थीं, उनमें 13 गेंदों पर उन्होंने रिवर्स स्वीप खेला था और उन गेंदों पर 26 रन भी बटोरे थे। पोप भी अपनी पारी में लगातार रिवर्स स्वीप खेलते हुए दिखाई दिए।
हालांकि दूसरे सत्र में भारतीय टीम ने वापसी की और उस वापसी के सूत्रधार जसप्रीत बुमराह बने। डकेट को आउट करने की बुमराह की पहली कोशिश तो नाकाम हुई। बुमराह की गेंद डकेट के पिछले पैड्स पर लगी थी और भारतीय टीम ने पगबाधा की ज़ोरदार अपील करने के बावजूद रीव्यू ना लेने की भूल कर दी थी। हालांकि बुमराह ने जल्द ही अपने रिवर्स स्विंग का कमाल दिखाते हुए पहले डकेट और फिर रूट को भी पवेलियन भेज दिया। दूसरे सत्र में अश्विन और जाडेजा को भी एक विकेट मिला। अश्विन ने टेस्ट में बेन स्टोक्स को रिकॉर्ड 12वीं बार अपना शिकार बनाया। जॉनी बेयरस्टो शुरु से ही संघर्ष कर रहे थे। बुमराह की रिवर्स स्विंग को देख वो गेंदों के अंदर आने की अपेक्षा करते हुए अपना स्टंप्स कवर नहीं कर रहे थे। स्टंप्स कवर ना करना ही बेयरस्टो को अंत में भारी पड़ गया और जाडेजा की बाहर जाती गेंद को छोड़ने के चक्कर में वो बोल्ड हो गए।
दूसरा सत्र भारतीय टीम के नाम रहा था। इंग्लैंड 27 ओवर के खेल में सिर्फ़ 83 रन ही बना पाया और उसने अपने चार विकेट भी गंवा दिए। हालांकि दूसरे सत्र में भी पोप नाबाद रहे। पोप ने पहले सत्र की समाप्ति पर 16 गेंद खेलकर 15 रन बनाए थे और दूसरे सत्र की समाप्ति पर उनका निजी स्कोर 67 (94) रन था। यानी दूसरे सत्र में बने इंग्लैंड के 83 रनों में से अकेले पोप ने 78 गेंद खेलकर 52 रन बनाए थे। जबकि अन्य खिलाड़ियों और अतिरिक्त रनों की बदौलत इंग्लैंड के स्कोरबोर्ड पर 31 रन ही जुड़ पाए थे। इन 31 रन में डकेट के भी नौ रन शामिल थे, जो 47 के निजी स्कोर पर आउट हुए।
तीसरा सत्र जब शुरू हुआ तब भारतीय गेंदबाज़ एक बार फिर बेअसर नज़र आने लगे। पोप और विकेटकीपर बल्लेबाज़ फ़ोक्स ने क्रीज़ पर खूंटा गाड़ दिया था। पोप ने तीसरे सत्र में ही अपना शतक पूरा किया और यह भारतीय सरज़मीं पर उनका पहला टेस्ट शतक था। पोप ने अपने टेस्ट करियर में अब तक कुल पांच शतक लगाए हैं, जिनमें से तीन उनके विदेशी धरती (पाकिस्तान और साउथ अफ़्रीका) पर आए हैं।
भारतीय गेंदबाज़ फ़ोक्स और पोप पर दबाव नहीं डाल पा रहे थे। इसी का नतीजा था कि इंग्लैंड की पारी के 47वें ओवर में भारतीय टीम ने पगबाधा का एक ग़लत रिव्यू भी लिया। हालांकि पोप ने जब शतक बना लिया था तब 64वें ओवर में जाडेजा की चौथी गेंद पर अक्षर ने शॉर्ट थर्ड पर पोप का कैच भी छोड़ा था। पोप उस समय 110 के स्कोर पर खेल रहे थे। हालांकि दो ओवर बाद ही अक्षर ने फ़ोक्स को आउट कर दिया। गेंद पड़ने के बाद काफ़ी नीची रह गई थी और फ़ोक्स के पास बचाव करने का समय ही नहीं था।
तीसरे दिन भारत के सबसे सफल गेंदबाज़ बुमराह साबित हुए, जिन्होंने 12 ओवर में 2.41 की इकोनॉमी से रन ख़र्च कर दो विकेट लिए। अश्विन को भी दो विकेट (93 रन) मिले। अक्षर और जाडेजा को एक-एक विकेट मिला। हालांकि जाडेजा ने आज कुल छह बार ओवर स्टेपिंग की और उनके 26 ओवर में 101 रन भी गए।