साउथ अफ़्रीका 212/3 (वान दर दुसें 75 नाबाद, मिलर 64 नाबाद) ने भारत 211/4
(किशन 76 नाबाद, अय्यर 36, पार्नेल 32 पर एक) को सात विकेटों से हराया
साउथ अफ़्रीका ने अपने टी20 इतिहास में सबसे बड़े लक्ष्या का पीछा करते हुए भारतीय टीम को उसके रिकॉर्ड लगातार 13टी20 जीतों से वंचित कर दिया। यह सबकुछ
डेविड मिलर और
रासी वन दर दुसें की अर्धशतकीय पारियों की बदौलत संभव हो पाया जिन्होंने चौथे विकेट के लिए नाबाद 131 रनों की साझेदारी की।
पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी भारतीय टीम को शुरुआत में क़िस्मत का साथ ज़रूर मिला लेकिन उन्होंने स्कोर बोर्ड पर 211 रनों का विशालकाय स्कोर खड़ा करने में क़ामयाबी हासिल कर ली। जो कि साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ टी20 में भारतीय टीम का सबसे बड़ा स्कोर है। भारतीय बल्लेबाज़ों ने साउथ अफ़्रीका के दोनों स्पिन गेंदबाज़ों केशव महाराज और तबरेज़ शम्सी की जमकर ख़ातिरदारी की। दोनों ही गेंदबाज़ों ने मिलकर पांच ओवरों में कुल 70 रन लुटाए। जिसमें महाराज ने अकेले एक विकेट लेकर 42 ख़र्च किए।
लेकिन भारतीय बल्लेबाज़ी के जवाब में पावरप्ले में ही साउथ अफ़्रीका ने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए और पहले पहले छह ओवरों में 61 रन बना डाले। भले ही साउथ अफ़्रीका ने कप्तान तम्बा बवूमा और ड्वेन प्रिटोरियस का विकेट गंवा दिया था। लेकिन मिलर और वान दर दुसें ने साउथ अफ़्रीका की नैय्या को पार लगा दिया। साझेदारी के पहले हिस्से में ज़रूर वान दर दुसें थोड़ा धीमा खेले लेकिन दूसरे और अंतिम चरण में उन्होंने तूफ़ानी बल्लेबाज़ी करते हुए भारतीय टीम के जबड़े से इस मैच को छीन लिया।
किशन के संघर्षपूर्ण आगाज़ का विस्फोटक अंजाम
इशान किशन के पहले चार चौकों में से तीन चौके भाग्य पर सवार हो कर आए थे। वही उनके जोड़ीदार ऋतुराज गायकवाड़ भी संघर्ष करते हुए दिखाई दे रहे थे। फलस्वरूप भारतीय टीम ने पांच ओवरों में एक भी विकेट नहीं गंवाया था लेकिन स्कोर बोर्ड पर 36 रन ही बने थे। हालांकि पावरप्ले का अंतिम ओवर करने आए अनरिख़ नॉर्खिये के ओवर से घटनाक्रम में बड़ा बदलाव आया। नॉर्खिये के ओवर में आक्रमण करते हुए किशन ने पावरप्ले की समाप्ति पर भारतीय टीम के स्कोर को 51 रनों पर पहुंचा दिया। इसके बाद किशन ने रुकने का नाम नहीं लिया। किशन ने महाराज की गेंदों पर तीन छक्के जड़े जबकि शम्सी की चार गेंदो पर उन्होंने 20 रन बटोरे।
अफ़्रीकी टीम की फीकी फ़ील्डिंग
साउथ अफ़्रीकी टीम ने फ़ील्डिंग में कुल चार ग़लतियां की। जिनमें दो ग़लतियां उन्हें काफ़ी भारी पड़ी। उन्होंने पहला मौक़ा पावरप्ले के तुरंत बाद गंवाया जब पार्नेल की छोटी गेंद पर लांग लेग पर पुल के लिए गायकवाड़ के कैच का मौक़ा पिटोरियस ने गंवा दिया और गेंद छक्के के लिए चली गई। हालांकि इसकी अगली ही गेंद पर गायकवाड़ आउट हो गए।
इसके बाद केशव महाराज की गेंद पर 25 के निजी स्कोर पर खेल रहे
श्रेयस अय्यर को आउट करने का बढ़िया मौक़ा थी जिसे कीपर क्विंटन डिकॉक ने गंवा दिया। अय्यर ने अपनी पारी में कुल 36 रन बनाए। वहीं इसके ठीक तीन गेंदों बाद ही स्लॉग स्वीप के प्रयास में किशन के बल्ले का ऊपरी किनारा लगा लेकिन मिडविकेट पर गेंद ट्रिस्टन स्टब्स, महाराज, वान दर दुसें और शम्सी के बीच में ही गिर गई। उस वक़्त किशन 52 के निजी स्कोर पर खेल रहे थे, किशन ने अपनी पारी में कुल 76 रन बनाए। ठीक अगले ही गेंद पर ऋषभ पंत को नॉन स्ट्राइकर एंड पर शून्य के स्कोर पर बिना कोई गेंद खेले ही पवेलियन भेजने का मौक़ा थी लेकिन स्टब्स विकेटों पर थ्रो नहीं कर पाए। पंत ने 16 गेंदों पर 29 रनों की पारी खेली।
प्रिटोरियस का प्रमोशन और डिकॉक की पवेलियन वापसी
तीसरे ओवर में कप्तान बवूमा के आउट होने के बाद प्रिटोरिय को बल्लेबाज़ी के लिए भेजा गया। प्रिटोरियस ने इससे पहले टी20 में सिर्फ़ दस बार नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी की थी, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में एक बार बल्लेबाज़ी करते हुए उन्होंने 77 रनों की नाबाद पारी खेली थी। दूसरी गेंद पर ही चौका और पांचवी गेंद पर छक्का जड़ने के बाद प्रिटोरियस ने हार्दिक पंड्या के ओवर में तीन छक्के लगा दिए। हालांकि हर्षल की स्लोअर फ़ुल टॉस गेंद पर वह बोल्ड हो गए।
इसके बाद अक्षर की गेंद पर डिकॉक स्क्वायर लेग पर किशन को कैच थमा बैठे। डिकॉक जब पवेलियन लौटे तब अफ्रीका को जीत के लिए प्रति ओवर 11 रनों के हिसाब से स्कोर बनाना था लेकिन उनके जाने के बाद हर्षल, अक्षर और आवेश की कसी हुई गेंदबाज़ी के कारण आवश्यक रन रेट 14 के ऊपर चला गया।
रासी ने बदला गियर
मिलर आईपीएल में किए प्रदर्शन के मुताबिक ही बल्लेबाज़ी कर रहे धे लेकिन वान दर दुसें शुरुआत में काफ़ी संघर्ष करते नज़र आ रहे थे। हालांकि उनका बल्ला टूटा और इसके बाद वह नए बल्ले के साथ भारतीय गेंदबाज़ों पर टूट पड़े। उन्होंने आवेश की नो बॉल पर चौका बटोरा लेकिन जल्द ही डीप मिडविकेट पर उन्होंने अय्यर को एक आसान सा कैच दे ही दिया था जिसे अय्यर ने टपका दिया। उस समय वान दर दुसें 30 गेंदों पर 29 रन बनाकर खेल रहे थे लेकिन इसके बाद उन्होंने हर्षल के तीसरे ओवर में 22 रन बटोर लिए। तीन ओवरों में साउथ अफ़्रीका को अभी भी 34 रन चाहिए थे लेकिन वान दर दुसें ने इसे दो ओवरों में 12 रनों पर ला दिया। लेग बिफ़ोर की अपील हुई उन्हे रिव्यू में अंपायर्स कॉल के चलते नॉट आउट दिया गया, जिसके बाद उन्होंने जीत का चौका लगाकर साउथ अफ़्रीका को उसके टी20 इतिहास की सबसे बड़ी जीत पर मुहर लगा दी।
फिरदौस मुंडा ESPNcricinfo की साउथ अफ़्रीकी संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में एडिटोरियल फ़्रीलांसर नवनीत झा ने किया है।