गिल उंगली की चोट के कारण पर्थ में पहला टेस्ट नहीं खेल पाए थे। वह एडिलेड में अगले डे-नाइट टेस्ट के लिए वापस आए और वह दोनों पारियों में ठोस दिखे, लेकिन उन्होंने केवल 31 और 28 रन बनाए। ब्रिसबेन टेस्ट में अपनी एकमात्र पारी में वह वाइड हाफ़-वॉली का पीछा करते हुए 1 रन पर आउट हो गए।
भारत ने MCG टेस्ट में अपने कप्तान रोहित शर्मा को सलामी बल्लेबाज़ के रूप में वापस लाने का फै़सला किया। केएल राहुल दौरे पर उनके सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज रहे हैं। नई गेंद से निपटने में उन्होंने जो कौशल दिखाया है, उसका मतलब है कि उन्हें क्रम में ऊपर बल्लेबाज़ी करनी होगी। उन्हें नंबर तीन पर आने के लिए तैयार किया गया है। भारत गिल को नंबर 6 पर उतार सकता था, लेकिन उन्होंने इसके बजाय अपने XI को ऑलराउंडरों से भरने का फै़सला किया।
मेलबर्न में पहले दिन के खेल के बाद भारत के सहायक कोच अभिषेक नायर ने कहा, "मुझे लगता है कि जब बहुत सारे निर्णय लिए जाते हैं और उन्हें लेने की प्रक्रिया होती है, तो बातचीत हमेशा होती है, पारदर्शिता होती है। रोहित क्रम में ऊपर आएंगे और अधिक संभावना है कि वह हमारे लिए पारी की शुरुआत करेंग। इसलिए मुझे लगता है कि यह विचार प्रक्रिया थी और दुर्भाग्य से गिल के लिए, बस चीज़े इसी तरह हुईं। उसे बाहर होना पड़ा और कभी-कभी मुझे लगता है कि एक युवा खिलाड़ी के लिए ऐसी स्थिति में एक बड़े दिन वह अपनी छाप छोड़ना चाहता है, वह समझता है कि यह टीम की आवश्यकता है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं यह नहीं कहूंगा कि उसे सीधे तौर पर हटा दिया गया है, यह सिर्फ़ दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह अपनी टीम में अपनी जगह नहीं बना सका।"
नायर ने सुझाव दिया कि 2023-25 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र में उनके दूसरे सबसे बड़े स्कोरर गिल और वाशिंगटन सुंदर के बीच चयन किया जाना चाहिए, और जब गेंद पुरानी हो जाए तो वे ट्रैविस हेड और एलेक्स कैरी को गेंदबाज़ी करने के लिए एक ऑफ़ स्पिनर रखना पसंद करेंगे। नीतीश कुमार रेड्डी के स्थान पर कोई सवाल नहीं था। उन्होंने पहले दिन केवल पांच ओवर किए और नंबर सात पर बल्लेबाज़ी करने के लिए तैयार हैं।
भारत को ऐसे गेंदबाज़ों की आवश्यकता है जो बल्लेबाज़ी भी कर सकें, क्योंकि इस सीरीज़ में उनके दो सबसे विश्वसनीय रन बनाने वाले बल्लेबाज़ रोहित (6.33 की औसत से 19 रन) और विराट कोहली (31.50 की औसत से 126 रन) अभी भी अपने सर्वश्रेष्ठ फ़ॉर्म की तलाश में हैं।
"मेरा हमेशा से मानना रहा है कि यह आत्मविश्वास और शुरुआत के बारे में है। एक बार जब कोई खिलाड़ी शुरुआत कर लेता है, तो उसका खेल अलग दिखता है। इसलिए, मुझे लगता है कि विराट और रोहित दोनों ऐसे ही खिलाड़ी हैं। अगर वे 25-30 गेंदें खेल सकते हैं, तो आप वही विराट और रोहित देखेंगे जो आपने पहले देखे थे। लेकिन, यह आत्मविश्वास का खेल है। इसलिए, चाहे आप कितना भी अभ्यास करें, चाहे आप कितनी भी बातें करें, अंत में जब आप मैच में उतरते हैं, तो 20-25-30 गेंदें खेलना बहुत अहम होता है।"
भारत के लिए चीज़ें तब मुश्किल लगने लगी जब 19 वर्षीय डेब्यू कर रहे सैम कॉन्स्टास ने उनके सभी गेंदबाज़ों की धुनाई की और अपनी टीम को बड़े स्कोर की ओर अग्रसर किया। जसप्रीत बुमराह ने चायकाल के बाद वापसी की और दिन का खेल समाप्त होने तक ऑस्ट्रेलिया ने छह विकेट पर 311 रन बनाए।
नायर ने कहा, "वैसे, मुझे लगता है कि सैम ने जिस तरह से खेला, उसका बहुत श्रेय जाता है। मुझे लगा कि पहले चार ओवरों में उसने जो इरादा दिखाया, उसने हमें बैकफु़ट पर ला दिया। मुझे लगा कि हमारे गेंदबाज़ों को वहां टिके रहने के लिए बहुत मेहनत करने की ज़रूरत थी। "यहां गेंदबाज़ी करना इतना आसान नहीं था। हमें लगा कि परिस्थितियां बल्लेबाज़ी के लिए अच्छी हैं और ऐसे समय में, कभी-कभी अपनी रणनीति पर अड़े रहना, योजनाओं पर टिके रहना महत्वपूर्ण होता है।"
"मुझे लगा कि लंच के बाद, हम वास्तव में मज़बूत होकर लौटे, लगातार चार मेडन गेंदबाज़ी की, विपक्ष पर दबाव डाला। मुझे लगा कि ऐसे समय में, जब कोई इस तरह की पारी खेलता है, तो आप आश्चर्यचकित हो जाते हैं, लेकिन मुझे लगा कि हमने वास्तव में अच्छी वापसी की और फिर पूरे दिन, इस पर टिके रहे और अंत में आपने दिन भर जो कुछ भी किया, उसका फल आपको मिला। इसलिए, मुझे लगा कि कुल मिलाकर आप उस दिन को देखें तो हमने जहां समाप्त किया उससे खु़श थे।"
अलगप्पन मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं।