जब रविवार को भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें मुंबई में
दूसरे टी20आई के लिए मैदान पर उतरेगी तो यह
एलिस पेरी के लिए 300वां अंतर्राष्ट्रीय मुक़ाबला होगा। वह पहली ऐसी ऑस्ट्रेलियाई महिला खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस मुक़ाम को हासिल किया है।
पेरी अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर को आगे बढ़ाने को लेकर काफ़ी सकारात्मक नज़र आ रही हैं और उनका साफ़ कहना है कि ऐसा काफ़ी हद तक संभव है कि वह 400वां अंतर्राष्ट्रीय मुक़ाबला भी खेल लें।
पेरी ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में और विश्व क्रिकेट में भी सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक हैं। पेरी ने ऑस्ट्रेलिया के लिए हमेशा महत्वपूर्ण .योगदान दिया है, जिसके कारण ऑस्ट्रेलियाई टीम महिला क्रिकेट में सालों से दबदबा बनाने में क़ामयाब रही है।
यह पूछे जाने पर कि क्या उनका अगला लक्ष्य 400 वां मुक़ाबला खेलना है तो पेरी ने कहा कि उन्होंने अपने क्रिकेट करियर के लिए कोई सीमा तय नहीं की है।
उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि आगे क्या होने वाला है...हालांकि मैं हर तरह की परिस्थिति के लिए तैयार हूं। मैंने अपने करियर के लिए किसी भी तरीक़े की सीमा निर्धारित नहीं की है। लेकिन एक तरह से देखा जाए तो यह (400वां मैच) बस एक संख्या की तरह है।
"जब तक मैं टीम के लिए योगदान दे सकती हूं और जब तक मैं अपने खेल का आनंद उठा रही हूं, तब तक मैं खेलती रहूंगूी।"
पेरी को 2022 की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया की टी20आई टीम से बाहर कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने अपने गेम में ज़रूरी बदलाव करते हुए, एक बार फिर से वह ऑस्ट्रेलियाई टी20 टीम का अहम हिस्सा बन गईं हैं।
33 वर्षीय पेरी ने 2020 विश्व कप के दौरान हैमस्ट्रिंग की गंभीर चोट के बाद से कम गेंदबाज़ी की है। पेरी के लिए व्यक्तिगत रूप से और मज़बूत ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए ख़ुद में ज़रूरी बदलाव करते रहने होंगे, ताकि वह टीम के लिए उचित योगदान दे सकें।
पेरी ने इस संदर्भ में कहा, "पिछला कुछ समय हमारी टीम लिए काफ़ी शानदार रहा है। फ़ीबी लिचफ़ील्ड ने वनडे मैचों में जिस तरह से प्रदर्शन किया है, वह शानदार था। एनाबेल सदरलैंड ने भी पिछले 12 महीनों में कमाल का प्रदर्शन किया है।"
"यह एक ऐसी चीज़ है जिसके बारे में हम बहुत ही ज़्यादा सचेत हैं। हमें जो सफलता मिली है, उसे बनाए रखने के लिए, हमें लगातार बेहतर होने का प्रयास करना होगा। ज़रूरी बदलाव को ख़ुद में लाने का प्रयास करना होगा। क्रिकेट एक ऐसा खेल है जो काफ़ी तेज़ी से विकसित हो रहा है। पहले की तुलना में अब माहौल काफ़ी बदल चुका है। हमें नहीं पता कि आने वाले समय में इस खेल में और क्या-क्या बदलाव होंगे, इसी कारण से हमें भी अपने खेल में ज़रूरी बदलाव करते रहने होंगे।"
पेरी ने अपने परिवार का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि उन्हें अभी भी अपने पिता मार्क के साथ अभ्यास सत्र में हिस्सा लेना अच्छा लगता है।
उन्होंने कहा, "हर बार जब वह मुझे गेंदबाजी करते हैं तो मुझे काफ़ी अच्छा महसूस होता है। मेरे पिता को हमेशा से पता होता है कि मैं कैसा खेल रही हूं।"
पेरी महिला क्रिकेट एक लोकप्रिय खिलाड़ी रही हैं। 2020 में जब ऑस्ट्रेलिया की महिला टीम विश्व कप का फ़ाइनल खेल रही थी तो उस मैच को देखने के लिए लगभग 86000 लोग आए थे।
उन्होंने 2007 में अपने पदार्पण को याद करते हुए पेरी ने कहा, "डार्विन में मैंने जब अपना पहला मैच खेला था तो वहां शायद लगभग 30 लोग थे। हालांकि जब आप इतने बड़े दर्शकों के सामने (फ़ाइनल में) खेलते हैं तो वह एक होश उड़ाने वाला एहसास होता है। हम भाग्यशाली हैं कि हमने उस तरह के माहौल में खेला है।"