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"शार्दुलकर" ने पहले दिन का मूड बदल दिया

प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 16 की औसत वाले इस खिलाड़ी ने इंग्लैंड में अब तक का सबसे तेज़ टेस्ट अर्धशतक बनाया

क्रिकेट का खेल पिछले कुछ वर्षों में काफ़ी विकसित हुआ है। अब इसमें केवल मान्यता पर ज़ोर नहीं दिया जाता है। इस खेल ने कई नए प्रारूपों को जन्म दिया है लेकिन खेल की शुरुआत से लेकर आज तक कवर ड्राइव एक ऐसा शॉट है जिसकी हर कोई प्रशंसा करता है। जब पहले दिन विराट कोहली ने चार शानदार कवर ड्राइव लगाई हो और रोहित शर्मा ने क्लासिक ऑन ड्राइव तो आप समझ सकते हैं कि बल्लेबाज़ों के लिए दिन अच्छा रहा।
हालांकि इन सभी शॉट्स के बावजूद भारत 190 रनों पर सिमट गया। टॉप छह बल्लेबाज़ों में केवल कोहली अर्धशतक तक पहुंच पाए। लेकिन एक आतिशी पारी खेलते हुए पहले दिन को अपने नाम किया शार्दुल ठाकुर ने।
सोशल मीडिया पर "शार्दुलकर" नाम से मशहूर ठाकुर ने ताबड़तोड़ अंदाज़ में बल्लेबाज़ी की। अजिंक्य रहाणे के आउट होने के बाद जब वह क्रीज़ पर आए तब 50 ओवरों में भारत का स्कोर 117 रन था। 10 ओवरों के बाद जब ठाकुर क्रिस वोक्स की गेंद पर पगबाधा हुए, उन्होंने 73 रन जोड़कर टीम को 190 के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचा दिया था।
57 रनों की अपनी पारी में ठाकुर ने कुछ बड़े शॉट्स लगाए। उन्होंने पहली पारी में इंग्लैंड के लिए सबसे अच्छी गेंदबाज़ी कर रहे वोक्स की धीमी गेंद को सही ढंग से पढ़ा और लांग ऑन सीमा रेखा के बाहर भेजा। अपने पहले छक्के के लिए उन्होंने क्रेग ओवर्टन की गेंद को सीधे बल्ले से सामने दे मारा। ऐसा लग रहा था जैसे ठाकुर ड्रेसिंग रूम से सेट होकर आए थे। एक ताक़तवर पुल शॉट के साथ ठाकुर ने अपना अर्धशतक पूरा किया। वह गेंद उनके बल्ले से लगने के बाद मिडविकेट बाउंड्री के बाहर जाकर रुकी। पहली पारी में वह भारत के सबसे सफल बल्लेबाज़ रहे।
इस मैच में खेल रहे सभी विशेषज्ञ बल्लेबाज़ों पर ग़ौर कीजिए - जो रूट विश्व के नंबर एक टेस्ट बल्लेबाज़ हैं और कोहली के नाम 23,000 अंतर्राष्ट्रीय रन हैं। यह सभी बल्लेबाज़ घंटों तक अभ्यास करते हैं और अपनी तकनीक में सुधार करते रहते हैं। वह मानसिक रूप से भी ख़ुद को मुश्किल परिस्थितियों के लिए तैयार करने पर भी काम करते हैं। इन सबके बावजूद प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 16 की बल्लेबाज़ी औसत वाले ठाकुर के नाम अब इंग्लैंड में सबसे तेज़ अर्धशतक बनाने का रिकॉर्ड हैं।
पहले दिन के खेल के बाद ठाकुर को मीडिया से बातचीत के दौरान इंग्लैंड में सीधे बल्ले से बल्लेबाज़ी करने के महत्व के बारे में पूछा गया। उन्होंने कहा, "इंग्लैंड की परिस्थितियों में सीधे बल्ले से खेलने पर आपको रन बनाने के ज़्यादा मौक़े मिलते हैं। यहां गेंद स्विंग और सीम होते रहती है। इसलिए बल्लेबाज़ के तौर पर सीधे बल्ले से खेलना ही मुनासिब है।" ठाकुर की इस पारी ने भारत को सीरीज़ में बनाए रखा जब एक समय ऐसा लग रहा था कि मैच पहले ही दिन इंग्लैंड की ओर रुख़ कर रहा था।
ऐसा बार-बार नहीं होता जब आप दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाज़ों में शुमार कोहली के अर्धशतक से अच्छी बल्लेबाज़ी करते हुए उनसे ज़्यादा रन बनाए। वह भी उन गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ जिन्होंने सभी विशेषज्ञ बल्लेबाज़ों को परेशान किया हो। ऐसे में निचले क्रम के बल्लेबाज़ के बल्ले से निकली इस पारी का मोल और भी बढ़ जाता है। इस अनमोल पारी के साथ ठाकुर ने पहले दिन भारतीय टीम और अपने समर्थकों का मूड बदल दिया।

उस्मान समिउद्दीन ESPNcricinfo में सीनियर एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।