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चौथे दिन मैच हमारे हाथ से निकल गया था: बुमराह

"कप्तानी कौन करेगा इसका फ़ैसला मैं नहीं ले सकता लेकिन मुझे ज़िम्मेदारी पसंद है"

Jasprit Bumrah's captaincy career started with a loss, England vs India, 5th Test, Edgbaston, 5th day, July 5, 2022

जसप्रीत बुमहार के टेस्ट कप्तानी का सफर एक हार के साथ हुआ है  •  Associated Press

पटौदी सीरीज़ की शुरुआत ट्रेंटब्रिज टेस्ट से हुई थी। जहां जसप्रीत बुमराह ने नौ विकेट लिए थे और इस सीरीज़ के अंतिम मैच में भी बुमराह ने बल्ले से एक वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। इस पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ में हमें बुमराह के द्वारा कई कमाल के प्रदर्शन देखने को मिला। उन्होंने इस सीरीज़ में 23 विकेट लिए। टेस्ट मैचों में किसी भी भारतीय गेंदबाज़ का इंग्लैंड में यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इसके बाद उन्हें कप्तानी भी सौंपी गई।
कुल मिलाकर यह सीरीज़ बुमराह के लिए काफ़ी शानदार रही लेकिन बुमराह और भारतीय टीम को अंतिम मैच में उस तरीक़े का परिणाम नहीं मिला जैसा वह चाहते थे। वह इस प्रयास में थे कि अंतिम टेस्ट को जीतकर इस सीरीज़ को जीत लिया जाए। इंग्लैंड ने चौथी पारी में 378 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए इस मैच को जीत लिया।
इस मैच में मिली हार के बाद बुमराह ने हार के लिए अपनी टीम की कमज़ोर बल्लेबाज़ी पर चर्चा की। दूसरी पारी में भारतीय टीम की बल्लेबाज़ी काफ़ी ख़राब रही। टीम ने अपने अंतिम सात विकेट 92 रनों के अंतराल में गंवा दिया और सिर्फ़ 245 के स्कोर पर ऑलआउट हो गई।
बुमराह ने कहा "टेस्ट मैच की यही ख़ूबसूरती है। ऐसा हो सकता है कि आपने तीन दिनों तक खेल में अपने विपक्षी को पीछे रखा है लेकिन चौथे दिन अचानक से विपक्षी टीम आप पर हावी हो जाती है। मुझे लगता है कि चौथे दिन हम मैच में पीछे हो गए। हम दूसरी पारी में ज़्यादा स्कोर नहीं बना सके और फिर गेंदबाज़ी में भी हम वापसी करने में असफल रहे। यह एक ऐसा समय था जहां विपक्षी टीम को एक बढ़िया मोमेंटम मिल गया।"
हम इस मैच में आगे थे लेकिन वह लगातार संघर्ष करते रहे। दूसरी पारी में उनकी टीम ने हमारी टीम की तुलना में बढ़िया खेल दिखाया और इस मैच को जीत गए। यही इस सीरीज़ का सबसे आदर्श परिणाम है। दोनों टीमों ने काफ़ी बढ़िया खेल दिखाया।
बुमराह ने इसके बाद ऋषभ पंत की भी तारीफ़ की, जिन्होंने पहली पारी में भारत को एक मुश्किल परिस्थिति से बाहर निकालते हुए एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया था। उस दौरान रवींद्र जाडेजा और पंत के बीच 222 रनों की साझेदारी हुई थी जिसके कारण भारत 416 के स्कोर तक पहुंच पाया।
बुमराह ने कहा, "पंत और जाडेजा ने हमें मैच में वापसी कराई। 98 के स्कोर पर हम पांच विकेट गंवा चुके थे। इन दोनों बल्लेबाज़ों ने काउंटर अटैक किया और हमें एक अच्छी स्थिति तक लेकर गए। यही टेस्ट क्रिकेट की ख़ासियत है। हमारे टीम कई अलग-अलग शैली के खिलाड़ी हैं। पंत अपनी शैली पर भरोसा करते हैं और अपने गेम को आगे बढ़ाते हैं। मैं उनके लिए काफ़ी ख़ुश हूं।"
अपनी कप्तानी पर बुमराह ने कहा, "कप्तानी कौन करेगा इसका फ़ैसला मैं नहीं ले सकता। मुझे ज़िम्मेदारी पसंद है। यह एक अच्छी चुनौती थी और एक नई चुनौती है। टीम का नेतृत्व करना सम्मान और शानदार अनुभव था।"