भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अहमदाबाद टेस्ट ड्रॉ हुआ। बल्लेबाज़ी के मुफ़ीद इस पिच पर दोनों टीमों के बल्लेबाज़ों ने अपना क्लास दिखाया, वहीं अब तक सीरीज़ में हावी रहे स्पिनर्स बेरंग दिखे। इसकी वजह से अब तक तीन दिन में ख़त्म हो रहे इस सीरीज़ के मैचों की तुलना में यह मैच पांचवें दिन तक गया और फिर भी तीन ही पारी हो पाई।
क्या सही, क्या ग़लत?
भारत के लिए इस मैच की सबसे बड़ी सकारात्मक बात विराट कोहली का शतक रहा। उन्होंने लगभग 1200 दिनों के बाद शतक लगाया और एक लंबी पारी खेली। हालांकि वह दोहरे शतक से चूक गए, इसका उन्हें मलाल भी रहेगा। इसके अलावा भारत के लिए एक और शुभ संकेत शुभमन गिल ने दिए, जिन्होंने भारतीय सरजमीं पर अपना पहला शतक ठोक विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फ़ाइनल के लिए अपना दावा पुख्ता किया।
वहीं इस मैच के दौरान भारत के लिए एक और अच्छी बात यह हुई कि न्यूज़ीलैंड ने श्रीलंका को हरा दिया और भारत बिना किसी किंतु-परंतु के आख़िरकार डब्ल्यूटीसी के फ़ाइनल में पहुंच गया। इसके अलावा एक और अच्छी बात यह हुई कि लंबे अर्से बाद भारत के लगभग सभी बल्लेबाज़ों ने उपयोगी योगदान दिए और पहले छह विकेट के लिए कम से कम अर्धशतकीय साझेदारियां ज़रूर हुईं।
वहीं अगर ग़लत की बात की जाए तो बहुत समय बाद ऐसा दिखा कि अगर पिच से ख़ास मदद ना हो तो भारतीय स्पिनर्स निष्प्रभावी हो सकते हैं। अश्विन ने भले ही पहली पारी में छह विकेट लिए, लेकिन अन्य दोनों स्पिनर्स 25-25 से अधिक ओवर करने के बाद भी सिर्फ़ एक-एक ही विकेट पा सके। वहीं दूसरी पारी में पांचवें दिन भी गेंदबाज़ी करते हुए भारतीय स्पिनर विपक्षी बल्लेबाज़ों को परेशान नहीं कर सके। विकेटकीपर
श्रीकर भरत का भी विकेट के पीछे प्रदर्शन कुछ ख़ास नहीं रहा और उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण कैच टपकाए।
प्लेयर रेटिंग्स (1 से 10, 10 सर्वाधिक)
रोहित शर्मा, 6: नागपुर के पहले टेस्ट में शतक लगाने के बाद भारतीय कप्तान रोहित शर्मा को लगभग हर मैच में शुरुआत मिली, लेकिन वह किसी को भी बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर सके। अहमदाबाद में भी ऐसा हुआ। तीन चौके और एक छक्के की मदद से सकारात्मक शुरुआत करने वाले रोहित अपनी पारी को 35 रन से आगे नहीं बढ़ा सके और एक ग़लत शॉट खेलकर आउट हुए। कप्तानी में भी कहा गया कि उन्होंने अक्षर पटेल का गेंदबाज़ी में कम उपयोग किया।
शुभमन गिल, 9: केएल राहुल के पहले दो टेस्ट मैचों में असफल होने के बाद युवा सलामी बल्लेबाज़ शुभमन गिल को तीसरे टेस्ट में मौक़ा मिला था। वहां तो वह कुछ ख़ास नहीं कर सके लेकिन अहमदाबाद में शानदार शतक लगाकर उन्होंने बताया कि वह तीनों फ़ॉर्मेट के भविष्य के सितारे हैं।
चेतेश्वर पुजारा, 6: पुजारा को भी अच्छी शुरुआत मिली थी, लेकिन वह 42 रन से आगे नहीं बढ़ सके। पिच पर पूरी तरह से टिकने के बाद उन्हें डिफ़ेंस करते हुए आउट होता देखना दुःखद था। वह इस पूरी सीरीज़ के दौरान ऐसे ही दिखे, इसी वजह से उनके नाम सिर्फ़ एक अर्धशतक है।
विराट कोहली, 9.5 : इस मैच को विराट कोहली के लिए याद किया जाना चाहिए। उन्होंने लगभग 1200 दिनों के बाद टेस्ट शतक लगाया और अपने आक्रामक अंदाज़ के विपरीत बेहद शालीन तरीके से उसका जश्न मनाया। हालांकि वह भी निराश होंगे कि 186 रन पर एक बड़े शॉट को खेलने के चक्कर मे आउट होकर वह अपने दोहरे शतक से चूक गए। हालांकि उस समय टीम की ज़रूरत थी कि बड़े शॉट खेले जाएं।
श्रेयस अय्यर, कोई अंक नहीं: श्रेयस के लिए यह मैच भुला देने वाला रहेगा क्योंकि पीठ में चोट के कारण वह बीच मैच से बिना बल्लेबाज़ी किए ही बाहर हो गए।
रवींद्र जाडेजा, 6.5: बल्लेबाज़ी में भले ही जाडेजा ने विराट कोहली के साथ एक महत्वपूर्ण साझेदारी की, लेकिन गेंदबाज़ी में उन्होंने निराश किया। दोनों पारियों में कुल मिलाकर 55 ओवर की गेंदबाज़ी करने के बाद उन्हें सिर्फ़ एक विकेट मिला, जो उनके कद से मैच नहीं खाता।
श्रीकर भरत, 6.5: श्रीकर भरत को इस सीरीज़ में पूरा मौक़ा मिला, लेकिन एक-दो मौक़ों को छोड़कर वह इसका फ़ायदा नहीं उठा पाए। इस टेस्ट की दोनों पारियों में उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण कैच टपकाए और उनकी कीपिंग तकनीक पर भी सवाल उठे। हां, बल्लेबाज़ी में उन्होंने कुछ बेहतरीन शॉट लगाए, जब भारत को तेज़ रनों की ज़रूरत थी। औसत से आधा अधिक अंक उनकी बल्लेबाज़ी के लिए।
अक्षर पटेल, 8: अक्षर के लिए कहा जा रहा है कि उन्हें लंबे स्पेल नहीं दिए गए और उनसे कम गेंदबाज़ी करवाई गई। हालांकि उन्होंने इस मैच में 47 ओवर किए, लेकिन दोनों पारियों में उन्हें सिर्फ़ एक-एक विकेट मिले। हालांकि बल्लेबाज़ी में 79 रन बनाकर उन्होंने भारत को महत्वपूर्ण बढ़त दिलाने में मदद की।
आर अश्विन, 9: स्पिन मास्टर अश्विन ने पहली पारी की अपनी गेंदबाज़ी से एक बार फिर दिखाया कि उन्हें क्यों मॉडर्न डे ग्रेट माना जाता है। जहां सभी गेंदबाज़ एक-आध विकेट के लिए तरस रहे थे, उन्होंने छह विकेट निकाले और ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ी क्रम को 500 से नीचे रोक दिया।
मोहम्मद शमी, 7: तीसरे टेस्ट में आराम के बाद मोहम्मद शमी की टीम में वापसी हो रही थी। फ़्लैट पिच उनके लिए करने को अधिक कुछ नहीं था, लेकिन पहली पारी में पहले ही दिन दो विकेट लेकर उन्होंने दिखाया कि किसी भी पिच पर वह विकेट लेने की काबिलियत रखते हैं।
उमेश यादव, 5: उमेश यादव ने इंदौर टेस्ट में अपनी वापसी से प्रभावित किया था, लेकिन इस पिच और विपरीत परिस्थितियों में उन्हें एक भी विकेट नहीं मिल सका। हालांकि यह कुछ दुर्लभ मैचों में से एक है, जब उन्हें कोई विकेट नहीं मिला।
दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं. @dayasagar95