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आंकड़े: भारत की मेज़बानी में खेला गया चौथा सबसे छोटा टेस्ट

1998 के बाद भारत में टॉस हारने के बावजूद पहली बार ऑस्ट्रेलिया ने दर्ज की जीत

1135 - इंदौर टेस्ट की चारों पारियों में कुल 1135 गेंदें फेंकी गई। यह भारत में खेला गया चौथा सबसे छोटा टेस्ट मैच रहा। भारत में सबसे छोटे टेस्ट का रिकॉर्ड 842 गेंदों का है, जो 2021 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ अहमदाबाद में खेला गया था। इसके बाद दूसरे सबसे छोटे का रिकॉर्ड 968 गेंदों का है। यह मैच 2019 में कोलकाता में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ खेला गया था। ये दोनों मैच डे-नाइट टेस्ट के फ़ॉर्मैट में खेले गए थे। 2018 में अफ़ग़ानिस्तान ने भारत के ख़िलाफ़ अपना टेस्ट डेब्यू किया था। यह मैच 1028 गेंदों में ही निपट गया था, जो उस समय भारत में खेला गया सबसे छोटा टेस्ट मैच रहा।

2012 - टॉस जीतने के बावजूद भारत 2012 में आख़िरी बार घरेलू धरती पर टेस्ट हारा था। इंदौर टेस्ट से पहले उस हार के बाद से भारत ने घर में 22 मैचों में टॉस जीता, जिसमें 19 मुक़ाबले अपने नाम किए और तीन ड्रॉ रहे।

9 - विकेट इंदौर में स्पिनरों को मिले जब बल्लेबाज़ों ने उन्हें बैकफ़ुट पर खेला। इस सीरीज़ के पहले दो मैचों में जब बल्लेबाज़ बैकफ़ुट पर खेल रहे थे तब स्पिनरों को चार-चार विकेट ही मिले थे।

1998 में आख़िरी बार ऑस्ट्रेलिया ने भारत में टॉस हारने के बाद जीत दर्ज की थी। उसके बाद 25 सालों में ऑस्ट्रेलिया ने भारत में चार टेस्ट जीते, ये सभी जीत टॉस जीतने पर मिले थे।

3-3 - इंदौर टेस्ट में भारत और ऑस्ट्रेलिया के 3-3 डीआरएस सफल रहे। हालांकि ऑस्ट्रेलिया ने रोहित शर्मा के ख़िलाफ़ मैच के पहले ही ओवर में दो बार रिव्यू नहीं लिया, जो रिव्यू लेने पर फ़ैसला उनके हक़ में जाता।

4-2 - इंदौर टेस्ट में मैदानी अंपायरों जोएल विल्सन के 4 और नितिन मेनन के 2 फ़ैसले को तीसरे अंपायर ने बदला। विल्सन के ख़िलाफ़ 11 बार रिव्यू लिया गया, जिसमें से चार फ़ैसलों को बदला गया, जबकि नितिन के दो फ़ैसलों को बदला गया। ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों ने नितिन के ख़िलाफ़ तीन रिव्यू के मौक़े गंवाए, जो रिव्यू लेने पर सफल होते।

3 - मौजूदा भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ के तीनों मैच टॉस हारने वाली टीम ने जीते हैं। यह भारत में खेली गई सिर्फ़ चौथी सीरीज़ है, जहां टॉस हारने के बावजूद तीन या उससे अधिक मैचों में टीमों ने जीत दर्ज की है।

3870 गेंदें - मैजूदा टेस्ट सीरीज़ के में अभी तक तीन मैचों में कुल 3870 गेंदें फ़ेकी गई हैं। ये किसी टेस्ट सीरीज़़ के पहले तीन मैचों में फेंकी गई चौथी सबसे कम गेंदें हैं। 1900 के बाद से सिर्फ़ एक टेस्ट सीरीज़ में इस सीरीज़ की तुलना में पहले तीन मैचों में कम गेंदें फेंकी गईं, जो पिछले साल इंग्लैंड और साउथ अफ़्रीका के बीच खेली गई थी, जिसमें 3411 गेंदें फेंकी गई थी।

संपत बंडारूपल्ली ESPNcricinfo में स्टैटिशियन हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के एडिटोरियल फ़्रीलांसर कुणाल किशोर ने किया है।