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जायसवाल की वापसी, शीर्ष क्रम में बवूमा और डी कॉक, अर्शदीप की फ़ॉर्म पर होंगी निगाहें

रविवार से रांची में शुरू होगी भारत और साउथ अफ़्रीका के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज़, उससे पहले कुछ जरूरी चीज़ों पर डालते हैं नज़र

Alagappan Muthu
अलगप्पन मुथु
28-Nov-2025 • 2 hrs ago
Yashasvi Jaiswal was tested against the new ball on his ODI debut, India vs England, 1st ODI, Nagpur, February 6, 2025

यशस्वी जायसवाल ने अब तक सिर्फ़ एक ODI खेला है  •  Associated Press

एक टीम ज़बरदस्त आत्मविश्वास के साथ आ रही है। दूसरी संकट में डूबती दिख रही है। दोनों को यह सब रविवार तक भूला देना होगा, जब भारत रांची में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ तीन वनडे मैचों की सीरीज़ का पहला मैच खेलेगा। लाल गेंद की धीमी गति से सफेद गेंद की तेज़ धमाकेदार शैली में बदलना कई मज़ेदार बातें लेकर आता है, जिनमें से कुछ ये हैं...

जायसवाल का अवसर...?

यशस्वी जायसवाल ने पिछले दो सालों में भारत के लिए 52 मैच खेले हैं, लेकिन उनमें से सिर्फ़ एक ही वनडे था। वजह यह है कि वह टॉप-ऑर्डर बल्लेबाज़ हैं और भारत के पास उस पोज़िशन पर पहले से ही कोहली, शुभमन गिल और रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ी भरे हुए हैं। किसी एक को वनडे से बाहर करना आसान नहीं है।
हालातों ने जायसवाल को इस फ़रवरी में उनका वनडे डेब्यू दिलाया था। तब एक बड़ा खिलाड़ी घायल था और अब फिर वही स्थिति है, क्योंकि गिल बाहर हैं। अच्छा किया तो वह रिज़र्व ओपनर के रूप में रोटेशन में बने रहेंगे। अच्छा नहीं किया तो बात मुश्किल हो सकती है। इस स्क्वॉड में रुतुराज गायकवाड़ पहले से ही उनके ऊपर दबाव बनाए बैठे हैं। 23 साल के जायसवाल के लिए यह एक पेचीदा स्थिति है।

बवूमा की वापसी

साउथ अफ़्रीका का फुल-स्ट्रेंथ वनडे स्क्वॉड भी टॉप-ऑर्डर में भरपूर ताक़त से भरा है। ख़ासकर अब जब टेम्बा बवूमा वापस आ चुके हैं। उनके 51 वनडे पारियों में से 47 शीर्ष तीन में आए हैं और ऐसा लग रहा है कि वह ओपनिंग पोज़िशन में जाकर क्विंटन डी कॉक के साथ खेलने वाले हैं।
ये दोनों साथ में काफ़ी सफल रहे हैं। ओपनर के रूप में इनका साझेदारी योग 1072 रन है जिसमें औसत 56.42 के आसपास जो साउथ अफ़्रीका के 50-ओवर इतिहास में (न्यूनतम पांच पारी) किसी भी अन्य ओपनिंग साझेदारी से काफ़ी अधिक है। पिछली बार 2023 विश्व कप में जब साउथ अफ़्रीका ने भारत में वनडे खेले थे तब भी इन्हीं दोनों ने ओपनिंग की थी। उसके बाद डी कॉक ने संन्यास लिया था, पर अब वह वापसी कर चुके हैं।

अर्शदीप की वनडे चुनौती

अर्शदीप सिंह ने अब तक सिर्फ़ 11 वनडे खेले हैं। इनमें से छह मुक़ाबले 2022 में शिखर धवन और 2023 में केएल राहुल की कप्तानी वाली दूसरे दर्जे की टीम के साथ आए थे। उनके ये 11 मैच मिलाकर उनका लिस्ट-A करियर कुल 39 मुक़ाबलों का है। भारत अब तक अर्शदीप से वनडे में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन निकलवाने में संघर्ष करता रहा है। लेकिन वे यह भी जानते हैं कि वे अब और देर नहीं कर सकते। ख़ासतौर पर तब जब अगला वनडे विश्व कप अफ़्रीका की तेज़ गेंदबाज़ी-अनुकूल परिस्थितियों में खेला जाना है। एक ऐसा जुझारू बाएं हाथ का तेज़ गेंदबाज़ जो सफ़ेद गेंद को स्विंग करा सकता हो, 2027 में बेहद अहम साबित हो सकता है।

साउथ अफ़्रीकी तेज़ गेंदबाज़ों का खतरा

साउथ अफ़्रीका भी इस दौरे पर अपने तेज़ गेंदबाज़ी के भंडार को खंगालने के लिए तैयार है। कगिसो रबाडा और जेराल्ड कोएट्ज़ी 150 किमी/घंटा की रफ़्तार से गेंद फेंकते-फेंकते थक चुके हैं और उनके शरीर ने भी इसका विरोध दर्ज कराया है। इसलिए अब ध्यान उनके फ्रंटलाइन बोलर्स से हटकर बाकी तेज़ गेंदबाज़ों पर है और इनमें ताक़त की कमी बिल्कुल नहीं है। लुंगी एनगिडी (अपनी विविधताओं के साथ), नांद्रे बर्गर (लेफ्ट-आर्म एंगल के साथ), और कॉर्बिन बॉश (कच्ची रफ़्तार के साथ) ऐसी स्किल्स पेश करते हैं जो किसी भी टीम को वनडे के लगभग हर चरण में विकेट दिलाने की क्षमता देती हैं।

अलगप्पन मुथु ESPNcricinfo में सब-एडिटर हैं