भूख और ललक। रोहित शर्मा ने अपने साथियों से कुछ यही शब्द
कोलकाता नाइट राइडर्स के ख़िलाफ़ मिली हार के बाद कहे थे। यह मुंबई की लगातार तीसरी हार थी। लेकिन इसके बावजूद रोहित ड्रेसिंग रूम में अपने साथियों से बात करते समय हताश नहीं दिखे। उन्होंने अपने साथियों को पैनिक न होने की हिदायत दी।
लेकिन क्या शनिवार को मुंबई ने मैच के छोटे लम्हों को अपने कब्ज़े में करने के लिए भूख और ललक दोनों का प्रदर्शन किया? आप पावरप्ले के बाद हर्षल पटेल की गेंद पर रोहित के उस पूर्वनियोजित आक्रमण का क्या वर्णन करेंगे, जब हर्षल की ऑफ़ कटर उन्हें गच्चा दे गयी? वह भी तब जब मुंबई इंडियंस ने पावरप्ले में 49 रन बना लिए थे। उनके जोड़ीदार इशान किशन के बारे में आपकी क्या राय है, जिन्होंने यह जानते हुए भी अपर कट खेला कि लगातार आउट साइड द ऑफ़ स्टंप गेंदबाज़ी कर रही आरसीबी ने एक आसान से कैच के लिए ही फाइन लेग के फील्डर को शिफ़्ट किया है? तिलक वर्मा के उस नासमझी भरे रन लेने के बारे में आप क्या कहेंगे? अमूमन गुगली गेंद करने वाले हसरंगा की गुगली को पढ़ने में नाकाम रहे पोलार्ड के बारे में आप क्या सोचते हैं?
एक वक़्त पर बिना विकेट खोए 50 रन पर खेल रही मुंबई इंडियंस ने अगले सात ओवरों में सिर्फ़ 29 रन पर छह विकेट गंवा दिए। यह सभी घटनाक्रम इस बात के सबूत हैं कि मुंबई की टीम घबराई हुई थी, हताश थी। उनकी भटकी हुई मनःस्थिति तब स्पष्ट हुई, जब रोहित ने टॉस में कहा कि टीम ने आईपीएल में पहली बार केवल दो विदेशी खिलाड़ियों को एकादश में उतारने का फैसला किया है। टायमल मिल्स और डेनियल सैम्स, दोनों विदेशी तेज गेंदबाज, जिन्होंने पहले तीन मैच खेले थे, को बाहर कर दिया गया। यह शायद पुणे की सतह की दो-गति वाली प्रकृति के कारण था। लेकिन क्या उनके स्थान पर पदार्पण करने वाले रमनदीप सिंह और जयदेव उनादकट - निचले क्रम की बल्लेबाजी को मजबूत करने के लिए पर्याप्त थे?
यदि आप किसी ऐसे क्षेत्र को चिन्हित करना चाहते हैं जहां मुंबई ने बुरी तरह से खराब प्रदर्शन किया है, तो वह बीच के ओवरों (7-16) में उनकी बल्लेबाज़ी है। इस चरण में मुंबई का रन रेट 6.75 है, जो इस सीजन सभी टीमों में सबसे कमज़ोर है। औसत के मामले में भी, मुंबई का खेल के इस खंड में सबसे खराब स्थान है, जहां इस सीजन में पंजाब किंग्स और राजस्थान रॉयल्स जैसी अधिक सफल टीमें विपक्षी गेंदबाज़ी आक्रमणों पर नॉकआउट पंच मार रही हैं।
अपनी बल्लेबाज़ी के लिए प्रसिद्ध टीम के रूप में, मुंबई का अभी चलना बाकी है। वहीं सूर्यकुमार को सहारे की दरकार है। इससे पहले पांड्या बंधुओं और पोलार्ड ने निचले क्रम की कमान संभाली है। लेकिन फ़रवरी में हुई बड़ी नीलामी के बाद सिर्फ़ पोलार्ड ही बचे हैं और उन्होंने अभी तक बल्ले या गेंद से कोई कमाल नहीं दिखाया है। पिछले दो मैचों से टिम डेविड की अनुपस्थिति किसी पहेली की तरह है। डेविड को मुंबई ने नीलामी के दौरान इसीलिए खरीदा था क्योकि डेविड में गेंदों पर करारा प्रहार की क्षमता है। डेविड अपने पहले दो मैचों में असफल रहे, दोनों बार स्पिन के लिए आउट हुए। फिर भी, डेविड अप्रैल 2019 से सभी टी 20 क्रिकेट में लगभग 152 की स्ट्राइक रेट के साथ स्पिन के शीर्ष खिलाड़ियों में से हैं।
मुंबई ने पहले ही चार मैचों में 15 खिलाड़ियों का इस्तेमाल किया है, जो इस टूर्नामेंट में सयुक्त रूप से अब तक का दूसरा सबसे बड़ा प्रयोग है। नए सीज़न में इस खराब शुरुआत को उलटने के लिए उन्हें जल्द ही अपनी सर्वश्रेष्ठ एकादश का पता लगाने की जरूरत है। सौभाग्य से, मुंबई ने अतीत में एक से अधिक मौकों पर इस तरह की खराब शुरुआत की है। 2014 में, नॉकआउट में एक स्थान को सील करने से पहले, उन्होंने लगातार चार हार का समान प्रदर्शन किया था। 2015 में उन्होंने और भी खराब शुरुआत की - पांच सीधे हार के साथ, लेकिन टूर्नामेंट का अंत ट्रॉफी जीत के साथ किया।
तो अब रोहित मुंबई के ड्रेसिंग रूम को क्या कहेंगे? हमें घबराना नहीं है।