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शुभमन: मैं किसी भी क्रम पर बल्लेबाज़ी कर सकता हूं

अपनी एकाग्रता पर भी काम करना चाहता है यह युवा बल्लेबाज़

शुभमन ने हाल ही में सबसे तेज़ 500 वनडे रन बनाने का भारतीय रिकॉर्ड अपने नाम किया था  •  Getty Images

शुभमन ने हाल ही में सबसे तेज़ 500 वनडे रन बनाने का भारतीय रिकॉर्ड अपने नाम किया था  •  Getty Images

भारतीय बल्लेबाज़ शुभमन गिल का मानना है कि उनकी बल्लेबाज़ी की शैली उन्हें भारतीय टीम में किसी भी स्थान पर बल्लेबाज़ी करने के लिए उपयुक्त बनाती है। शुभमन ने अपनी बल्लेबाज़ी में एकाग्रता को सुधारने की ज़रूरत को भी स्वीकारा।
वर्तमान में शुभमन पंजाब के लिए सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में सलामी बल्लेबाज़ी कर रहे हैं। उन्होंने तीन पारियों में अपनी टीम के लिए 42.50 की औसत से रन बनाए हैं। उत्तर प्रदेश के ख़िलाफ़ 57 रन की नाबाद पारी के साथ उन्होंने पंजाब को टूर्नामेंट के प्री-क्वार्टरफ़ाइनल में पहुंचाया।
इस पारी के बाद उन्होंने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से बात करते हुए कहा, "मेरा यह मानना है कि टी20 में आपके डॉट बॉल जितने कम होंगे, आपका स्ट्राइक रेट उतना ज़्यादा अच्छा रहेगा। लगभग सभी बल्लेबाज़ों का बाउंड्री हिटिंग प्रतिशत एक समान होता है, लेकिन जो डॉट बॉल कम खेलते हैं उनका स्ट्राइक रेट ज़्यादा हो जाता है। टी20 में आपको यह जानना ज़रूरी होता है कि गेंदबाज़ क्या करने की कोशिश कर रहा है। आप ऐसे गेंदबाज़ों पर हावी हो सकते हैं, जो एक ही तरह की गेंदबाज़ी करते हैं।"
आईपीएल 2022 में गुजरात टाइटंस की ख़िताबी जीत में शुभमन का बड़ा योगदान रहा। उन्होंने शीर्ष से आक्रमण किया और मिडिल ओवरों में भी पारी को गति दी। दाएं हाथ के इस स्टायलिश बल्लेबाज़ ने 16 मैचों में 132.32 के स्ट्राइक रेट से 483 रन बनाए और सर्वाधिक रन बनाने वालों की सूची में शीर्ष पांच में फ़िनिश किया।
इसके बाद जुलाई में इंग्लैंड के दौरे के बाद टी20 विश्व कप को ध्यान में रखते हुए बड़े नामों को नियमित ब्रेक मिले और ऐसे में शुभमन सहित कई खिलाड़ियों को वेस्टइंडीज़ और ज़िम्बाब्वे में खेलने के लगातार मौक़े मिले। इस दौरान उन्होंने वनडे प्रारूप में ख़ासा प्रभावित किया और वेस्टइंडीज़ में 64 और 98 नाबाद बनाने के बाद ज़िम्बाब्वे में 82 नाबाद की पारी खेली और सीरीज़ के आख़िरी मैच में अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय शतक भी ठोका। 2023 में अगला 50-ओवर विश्व कप भारत में खेला जाएगा और रोहित शर्मा, केएल राहुल और विराट कोहली की उपस्थिति में शीर्ष क्रम में स्थान बनाना कठिन हो सकता है।
हालांकि शुभमन मध्यक्रम में भी खेलने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, "मेरी गेम ऑलअराउंड बहुत अच्छी है और मैं स्पिनरों के ख़िलाफ़ अच्छा स्ट्राइक रोटेट करता हूं। तो अगर मिडिल ऑर्डर में भी मुझे मौक़ा मिलता है तो उसके लिए मैं तैयार हूं। अगर वे (टीम प्रबंधन) मिडिल ऑर्डर में मुझे देख रहे हैं तो मैं इसके लिए तैयार हूं। ज़िम्बाब्वे में मैंने जो सौ किया था, उस मैच में मैंने वन डाउन ही बैटिंग की थी, ऊपर नहीं गया था। तो वन डाउन या टू डाउन, जो भी टीम की ज़रूरत होगी मैं तैयार हूं।"
ज़िम्बाब्वे दौरे के बाद शुभमन ग्लैमॉर्गन के लिए काउंटी क्रिकेट भी खेलने गए। उन्होंने डेब्यू पर 92 रनों की पारी खेली और फिर ससेक्स के ख़िलाफ़ काउंटी क्रिकेट में अपना पहला शतक भी जड़ा।
इस अनुभव पर उन्होंने कहा, "इंग्लैंड में आपको एकाग्रता हमेशा शीर्ष पर रखना होता है। इंग्लिश परिस्थितियों में कभी-कभी आपको लगता है कि आप सेट हैं, लेकिन एक ऐसा स्पेल आता है और आप अस्थिर हो जाते हैं। भारत में चीज़ें वैसी नहीं होती हैं। यहां पर आप एक बार 40-50 पर पहुंच जाते हैं तो एक पैटर्न होता है बैटिंग करने का। इंग्लैंड में बैटिंग करने का कोई सेट पैटर्न नहीं है। ये भी हो सकता है कि आप 110 पर खेल रहे हैं और आप सेट नहीं होंगे। वहां आप चाहे जितने स्कोर पर खेलें आपको हर गेंद पर सजग रहने की ज़रूरत होती है।"
"मेरे लिए लाल गेंद का फ़ॉर्मेट काफ़ी महत्वपूर्ण है। बतौर खिलाड़ी आपको लाल गेंद से प्रदर्शन करके अलग आत्मविश्वास मिलता है।"
शुभमन गिल
शुभमन को टेस्ट क्रिकेट में भारत ने हमेशा एक ओपनर के तौर पर ही खिलाया है। उन्होंने सिर्फ़ एक बार ओपनिंग के अलावा किसी दूसरे नंबर पर बल्लेबाज़ी की थी, जब न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ वानखेड़े टेस्ट में दूसरी पारी में फ़िट नहीं होने के कारण वह तीसरे नंबर पर बल्लेबाज़ी के लिए आए थे। उन्होंने भारत की ऑस्ट्रेलिया में पिछले बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी में ऐतिहासिक जीत में प्रभावित किया था। इसके बाद शुभमन को बतौर ओपनर लगातार मौक़े मिले, लेकिन अच्छी शुरुआत को वह बड़े स्कोर में तब्दील करने में नाकाम रहे हैं।
टेस्ट क्रिकेट में अपनी योजनाओं पर शुभमन ने कहा, "मेरे लिए लाल गेंद का फ़ॉर्मेट काफ़ी महत्वपूर्ण है। बतौर खिलाड़ी आपको लाल गेंद से प्रदर्शन करके अलग आत्मविश्वास मिलता है। टीम में जहां भी जगह बनती है, मैं खेलने के लिए तैयार हूं।"
23 वर्षीय शुभमन ने 11 टेस्ट मैचों की 21 पारियों में नौ बार 30 के आंकड़े को पार किया है, जिसमें चार बार वह 50 के आंकड़े से पहले आउट हुए हैं। सेट होने के बाद आउट होने की वजहों में से एक वजह शुभमन ने अपनी एकाग्रता को भंग होना बताया।
उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि मेरी तकनीक में कोई गड़बड़ी है। जब आपकी एकाग्रता भंग होती है, आप थोड़ा रिलैक्स हो जाते हैं तो एक अच्छी गेंद पड़ती है और आप मिस कर जाते हैं। मुझे लगता है कि मेरे साथ हमेशा ऐसा होता है कि मैं अच्छी बल्लेबाज़ी कर रहा होता हूं और उसके बाद आउट हो जाता हूं। कोई ऐसा स्ट्रगलिंग पीरियड नहीं आता कि लगातार बीट हो रहा होता हूं और उसके बाद आउट होता हूं। मुझे लगता है कि वो मेरी बल्लेबाज़ी में एकाग्रता भंग होने से होता है।
"जब कोई बल्लेबाज़ संघर्ष करता है तो ज़्यादा अलर्ट रहता है। मेरे साथ कभी-कभार उल्टा होता है कि मैं जब ज़्यादा अच्छी बल्लेबाज़ी कर कर रहा होता हूं तो अपनी एकाग्रता को शीर्ष पर नहीं रख पाता।"

कुणाल किशोर ESPNcricinfo हिंदी में एडिटोरियल फ़्रीलांसर हैं।