इस साल अतापत्तू के साथ-साथ श्रीलंकाई टीम का भी उभार हुआ है। पिछले 12 महीनों में उन्होंने
25 T20I खेले हैं, जिसमें उनको 19 मैचों में जीत मिली है। यह पिछले 12 महीनों में किसी भी टीम के लिए विश्व में सर्वाधिक है। उन्होंने इंग्लैंड और साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ सीरीज़ जीती, एशियन खेलों के लिए क्वालिफ़ाई किया और T20 विश्व कप क्वालिफ़ायर्स जीतकर विश्व कप के लिए क्वालिफ़ाई किया और फिर एशिया कप में भारत का वर्चस्व तोड़ते हुए पहला एशिया कप ख़िताब जीता।
अतापत्तू ने इस सफलता का श्रेय टीम के मुख्य कोच
रूमेश रत्नायके को दिया।
फ़ैनकोड द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में ESPNcricinfo से बात करते हुए अतापत्तू ने कहा, "पिछले दो-तीन सालों में टीम के माहौल में बड़ा परिवर्तन आया है। हमने अपने घरेलू क्रिकेट की संरचना को बदला है, जहां से कुछ अच्छे खिलाड़ी निकल रहे हैं। पिछले 12 महीनों में हमने दुनिया भर में कुछ अच्छा क्रिकेट खेला है और इंग्लैंड, न्यूज़ीलैंड, साउथ अफ़्रीका और वेस्टइंडीज़ जैसी टीमों को हराया है। हमने इसे एशिया कप में भी बरक़रार रखा और दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक भारत को हराया। हम हमेशा ड्रेसिंग रूम के माहौल में सकारात्मक बदलाव की बात करते हैं और क्रेडिट हमारे प्रमुख कोच को जाता है। वह हमारी सफलता की कुंजी हैं।"
क्या अतापत्तू पर उम्मीदों का दबाव रहता है? इस सवाल के जवाब में अतापत्तू ने कहा, "बिना किसी दबाव के मैं प्रदर्शन नहीं कर सकतीं। कुछ साल पहले तक श्रीलंका के पूरी बल्लेबाज़ी क्रम का भार मेरे कंधों पर होता था। लेकिन मुझे यह दबाव पसंद है। मैं हमेशा सोचती हूं कि मैं एक खिलाड़ी के रूप में अपनी टीम के लिए क्या योगदान कर सकती हूं।"
अब अतापत्तू का अगला लक्ष्य
T20 विश्व कप है, जो अक्तूबर में UAE में होगा। श्रीलंकाई महिला क्रिकेट टीम अभी तक इस टूर्नामेंट के सेमीफ़ाइनल तक नहीं पहुंच पाई है, लेकिन इस बार वे एक क़दम आगे जाना चाहेंगे। हालांकि यह आसान नहीं होगा क्योंकि उनके ग्रुप में भारत, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और पाकिस्तान जैसी टीमें हैं।
अतापत्तू को भी इसका अंदाज़ा है कि यह आसान नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा, "हमारा ग्रुप बहुत कठिन है और वहां पिछली बार की चार सेमीफ़ाइनलिस्ट टीमें हैं। लेकिन यह T20 क्रिकेट है और कभी भी कुछ भी हो सकता है। एक या दो खिलाड़ी ही मैच को बदलने की क्षमता रखते हैं। मुझे अपनी लड़कियों पर विश्वास है और मुझे उम्मीद है कि हम इस साल के विश्व कप में अपना सर्वश्रेष्ठ खेल खेलेंगे।"
कई सालों तक ऐसा रहा कि श्रीलंकाई टीम में सिर्फ़ अतापत्तू ही एक विश्व स्तरीय खिलाड़ी थीं। लेकिन अब
हर्षिता समरविक्रमा विस्मी गुणारत्ने और कविशा दिलहारी जैसी खिलाड़ी भी उभर रही हैं। समरविक्रमा इस साल के WCPL में भी खेल रही हैं और वह अतापत्तू के बाद वहां खेलने वाली सिर्फ़ दूसरी श्रीलंकाई हैं।
अतापत्तू इन खिलाड़ियों के उभार से भी बहुत ख़ुश हैं। उन्होंने कहा, "कविशा बेहतरीन ऑलराउंडर हैं, जबकि हर्षिता और विस्मी अच्छे बल्लेबाज़ हैं। मैं हमेशा उनसे कहती हूं कि चीज़ों को सरल रखो, अपना खेल खेलो और अधिक दबाव ना लो। कई अन्य कोच और खिलाड़ी भी अब इन लड़कियों की बात करने लगे हैं, जो कि अच्छी बात है।"
अतापत्तू फ़िलहाल WCPL खेल रही हैं। उनका मानना है कि फ़्रैंचाइज़ी क्रिकेट से महिला क्रिकेट का विकास हो रहा है। उन्होंने कहा, "हम देख सकते हैं कि खिलाड़ी अधिक रन बना रही हैं, अधिक विकेट ले रही हैं। अब टीमों का भी औसत स्कोर ऊंचा हो गया है। एशिया कप में भारत ने 165 का स्कोर किया और हमने उसका पीछा कर लिया। अब खिलाड़ी अलग-अलग तरह के शॉट खेलना जानते हैं। अब हमारे पास अलग-अलग तरह की रणनीतियां होती हैं क्योंकि हम अलग-अलग कोचों से सीखते हैं। यह फ़्रैंचाइज़ी क्रिकेट की सकारात्मक बातें हैं।"