पथुम निसंका और चरिथ असलंका ने दूसरी विकेट के लिए 91 रन जोड़े • Getty Images
श्रीलंका 189 पर 3 (असलंका 68, निसंका 51) ने वेस्टइंडीज़ 169 पर 8 (हेटमायर 81*, पूरन 46, हसरंगा 2-19, बिनुरा 2-24) को 20 रन से हराया
क्रिस गेल, ड्वेन ब्रावो, कायरन पोलार्ड जैसे टी20 के दिग्गज खिलाड़ियों वाले मैच में 27 साल से कम उम्र के खिलाड़ियों का बोलबाला रहा। शायद अब भविष्य के उत्ताधिकारियों को ज़िम्मेदारी सौंपने का समय आ गया है।
श्रीलंका के लिए, टूर्नामेंट में उनके दो सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ 24 वर्षीय चरिथ असलंका और 23 वर्षीय पथुम निसंका ने दूसरे विकेट के लिए 61 गेंदों पर 91 रनों की साझेदारी की और टीम को 189 के स्कोर तक पहुंचाया। इतने विशाल स्कोर के बचाव में एक और युवा खिलाड़ी वनिंदु हसरंगा ने दो विकेट झटककर पुरुष टी20 विश्व कप के एक संस्करण में सबसे ज़्यादा विकेट (16) लेने का रिकॉर्ड अपने नाम किया।
वेस्टइंडीज़ के लिए भी अपने दिग्गज खिलाड़ियों की बजाय दो युवा बल्लेबाज़ों के कारण हार का अंतर केवल 20 रनों का रहा। शिमरॉन हेटमायर ने नाबाद 81 रनों की पारी खेली जबकि पूरन ने 34 गेंदों में 46 रन बनाए। इनके अलावा और कोई बल्लेबाज़ 10 रनों का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाया।
लंका के लिए छाए निसंका-असलंका
जब श्रीलंका ने इस टूर्नामेंट की शुरुआत की थी, असलंका एकादश का हिस्सा नहीं थे। दिनेश चांदीमल के ख़राब फ़ॉर्म के चलते टीम में शामिल किए जाने के बाद से उन्होंने दो अर्धशतकों की मदद से 224 रन बनाए। उन्होंने स्पिरनों के ख़िलाफ़ लगातार अंतराल पर बड़े शॉट लगाए और बाक़ी समय एक और दो रन लेकर स्कोरबोर्ड को चलाया। दूसरे छोर पर निसंका ने लेग साइड पर बहुत रन बटोरे। उन्होंने लगातार गैप में गेंद को भेजा और सूझबूझ भरी क्रिकेट खेलते हुए 41 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया। इस दौरान निसंका ने भी इस विश्व कप में 200 रन पूरे किए।
कप्तान की छोटी लेकिन अहम पारी
दूसरी विकेट की साझेदारी ने बड़े स्कोर की नींव रख दी थी लेकिन अब भी श्रीलंका को ज़रूरत थी अंतिम ओवरों में बड़े शॉट की। कप्तान दसून शनका ने यह ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर ली। चौथे नंबर पर बल्लेबाज़ी करते हुए उन्होंने 14 गेंदों पर 25 रन बनाए और असलंका का बख़ूबी साथ निभाया। इस तेज़ पारी के चलते श्रीलंका ने अंतिम चार ओवरों में 52 रन जोड़े।
वेस्टइंडीज़ का पतन
टी20 क्रिकेट के सबसे महान बल्लेबाज़ क्रिस गेल लगातार चौथी पारी में कुछ कमाल नहीं कर पाए। चार गेंदों में एक रन बनाने के बाद अपने पहले बड़े शॉट के प्रयास में वह मिडऑफ़ पर लपके गए। इसके बाद पावरप्ले के भीतर एविन लुईस और रॉस्टन चेज़ के आउट होने से वेस्टइंडीज़ की टीम एक कठिन स्थिति में थी। अगर कोई ढंग की साझेदारी हुई तो वह हेटमायर और पूरन के बीच 30 रनों की थी। पूरन के आउट होने के बाद हेटमायर ने अपने हाथ खोले लेकिन दूसरे छोर पर विकेट गिरते चले गए। अगर कोई एक बल्लेबाज़ 30-35 रन की पारी खेल लेता तो शायद नतीजा कुछ और होता। हालांकि अंत में, श्रीलंका गेंद के साथ और अपने क्षेत्ररक्षण में अच्छा था और उन्होंने मैच को जीत लिया।