साउथ अफ़्रीका ने किया भारत का सूपड़ा साफ़
निचले क्रम के संघर्ष के बाद अंतिम ओवर में दर्ज की एक रोमांचक जीत
देवरायण मुथु
23-Jan-2022
साउथ अफ़्रीका 287 (डिकॉक 124, वान दर दुसें 52, प्रसिद्ध 3-59) ने भारत 283 (कोहली 65, शिखर 61, दीपक 54, फेहुक्वायो 3-40, एनगिडी 3-58) को चार रन से हराया
पहले दो मुक़ाबले हारने के बाद वनडे सीरीज़ गंवाने वाली भारतीय टीम ने केपटाउन में चार बदलाव किए लेकिन परिणाम अब भी उनके पक्ष में नहीं गया। साउथ अफ़्रीका ने अधिकतम मौक़ों पर इस मैच में अपनी पकड़ बनाए रखी और अंत में इसे जीतकर दिखाया।
विकेटकीपर बल्लेबाज़ क्विंटन डिकॉक के शानदार शतक और रासी वान दर दुसें के अर्धशतक की बदौलत मेज़बान टीम 73 रनों के भीतर अपने अंतिम सात विकेट गंवाने के बावजूद 287 रन के स्कोर तक पहुंचने में सफल हुई।
इसके बाद शिखर धवन और विराट कोहली ने अर्धशतक बनाकर एक अच्छी नींव रखी लेकिन वह इस शुरुआत को एक बड़े स्कोर में नहीं बदल पाए। दीपक चाहर ने 34 गेंदों में तूफ़ानी अर्धशतकीय पारी खेली लेकिन अंत में साउथ अफ़्रीका के तेज़ गेंदबाज़ों ने अपनी टीम की जीत सुनिश्चित की।
कलाई के स्पिनर तबरेज़ शम्सी की जगह टीम में लाए गए ड्वेन प्रिटोरियस को अंतिम ओवर में पांच रनों का बचाव करने की ज़िम्मेदारी दी गई। युज़वेंद्र चहल और प्रसिद्ध कृष्णा के रूप में भारत की आख़िरी जोड़ी क्रीज़ पर थी। पहली गेंद पर प्रसिद्ध के सिंगल के बाद चहल ने मैच जिताऊ शॉट खेलने का प्रयास किया और कवर प्वाइंट पर कैच दे बैठे। भारत ने चार गेंद रहते चार रनों से इस मैच को गंवाया।
दीपक 38वें ओवर में श्रेयस अय्यर के आउट होने के बाद बल्लेबाज़ी करने उतरे थे। इस समय भारत को 77 गेंदों में 93 रनों की आवश्यकता थी। दो ओवर बाद सूर्यकुमार यादव मिडऑफ़ पर कैच आउट हुए और जयंत यादव भी उनके पीछे-पीछे पवेलियन लौट गए। लेकिन दीपक ने उम्मीद की किरण जगाए रखी।
दीपक ने सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी टी20 टूर्नामेंट में अपनी घरेलू टीम राजस्थान के लिए ओपन किया है। चेन्नई सुपर किंग्स के कोच स्टीवन फ़्लेमिंग भी उनकी बल्लेबाज़ी के प्रशंसक रहे हैं। पिछले साल जुलाई में उन्होंने श्रीलंका के ख़िलाफ़ आठवें नंबर पर बल्लेबाज़ी करते हुए एक मैच जिताऊ पारी खेली थी।
रविवार को भी ऐसा लग रहा था कि वह मैच को साउथ अफ़्रीका के हाथों से छीन कर ले जाएंगे। 17 गेंदों में 20 रन बनाने के बाद उन्होंने प्रिटोरियस के ख़िलाफ़ दो लगातार गेंदों पर छक्के जड़े। जब लुंगी एनगिडी अपनी यॉर्कर गेंद से चूके, उन्होंने दो चौके जड़ दिए। दीपक ने 31 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया। हालांकि जब लक्ष्य भारत की पकड़ में थे, वह 48वें ओवर में एनगिडी की कटर गेंद पर फंस गए। उनके आउट होने के बाद भी भारत को 17 गेंदों में 10 रन की आवश्यकता थी लेकिन वह उसे हासिल नहीं कर पाए।
धवन और कोहली ने फिर एक बार 98 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी निभाई। धवन की शुरुआत इतनी अच्छी नहीं रही थी। प्रिटोरियस के पहले ओवर में वह तीन फ़ुल टॉस गेंद का फ़ायदा उठाने से चूक गए थे। हालामकि उन्होंने चहलकदमी करते हुए रन बनाने के मौक़े ढूंढ लिए।
कोहली ने भी क्रीज़ की गरहाई का उपयोग किया और पारी को तेज़ी प्रदान की। हालांकि जब गेंद पुरानी होती गई, सिसंडा मगाला और एंडिले फेहुक्वायो ने गति में बदलाव किया। परिणामस्वरूप, कोहली ने स्कोरबोर्ड को चलाया और 84 गेंदों पर 65 रन बनाए। इसके बाद बाएं हाथ के स्पिनर केशव महाराज ने एक धीमी गेंद पर उन्हें अपने जाल में फंसाया।
श्रेयस अय्यर और सूर्यकुमार ने पारी को संभाला और फिर दीपक ने अपना जलवा बिखेरा। लेकिन अंत में साउथ अफ़्रीकी तेज़ गेंदबाज़ भारत पर भारी पड़े। फेहुक्वायो ने एक ही ओवर में धवन और पंत को आउट करते हुए भारतीय मध्य क्रम को तोड़ा। बाद में उन्होंने जसप्रीत बुमराह को 49वें ओवर में कैच करवाते हुए मैच को साउथ अफ़्रीका के पक्ष में मोड़ दिया।
पहले गेंदबाज़ी करते हुए, भारत ने पावरप्ले में दो विकेट झटककर अच्छी शुरुआत की थी। दूसरे छोर पर डिकॉक ने आक्रामक रुख़ अपनाया और पहले 10 ओवरों में 34 रन बनाए। 18वें ओवर में जब उन्होंने अपना अर्धशतक पूरा किया, साउथ अफ़्रीका का स्कोर तीन विकेट के नुक़सान पर 93 रन था। आर अश्विन की जगह अपना केवल दूसरा ही वनडे खेल रहे जयंत यादव ने केपटाउन की पिच पर स्पिन और उछाल के साथ साउथ अफ़्रीका को परेशान किया। हालांकि डिकॉक ने रिवर्स स्वीप लगाते हुए उनकी लय को ख़राब किया। वान दर दुसें ने भी स्पिन गेंदबाज़ों पर अपने शॉट खेले। एक समय पर प्रसिद्ध ने पटकी हुई गेंदबाज़ी से उन्हें असमंजस मे डाला लेकिन उन्होंने इस स्पेल में अपनी विकेट का बचाव किया और फिर स्पिनरों के ख़िलाफ़ अपने हाथ खोले।
वेंकटेश अय्यर की ग़ैरमौजूदगी में भारत के पास केवल पांच ही विशेषज्ञ गेंदबाज़ थे और डिकॉक और वान दर दुसें की साझेदारी ने उन्हें छठे गेंदबाज़ को खोजने पर मजबूर कर दिया। केएल राहुल ने श्रेयस को गेंद थमाई और उन्होंने तीन ओवर में 21 रन ख़र्च किए। इसी बीच डिकॉक ने वनडे क्रिकेट में अपना 17वां और भारत के ख़िलाफ़ अपना छठा शतक पूरा किया। विकेटकीपर बल्लेबाज़ों की सूची में अब केवल कुमार संगकारा ही शतक लगाने के मामले में डिकॉक से आगे हैं।
35वें ओवर में चहल की गेंद पर दो चौके जड़ने के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा था कि डिकॉक मैच को भारत से दूर लेकर चले जाएंगे लेकिन अगले ओर में बुमराह ने उन्हें 124 के नीजी स्कोर पर पवेलियन भेजा। जाने से पहले डिकॉक ने वान दर दुसें के साथ छह रन प्रति ओवर के दर से 144 रन जोड़े थे। यह साझेदारी बहुत पहले टूट जाती अगर विकेटकीपर पंत ने दो बार वान दर दुसें का कैच नहीं टपकाया होता।
डीप मिडविकेट पर गोता लगाकर श्रेयस ने एक अद्भुत कैच पकड़ते हुए वान दर दुसें को बाहर का रास्ता दिखाया। चार मैचों में पहली बार भारत उन्हें आउट करने में सफल हुआ था। इसी मैदान पर तीसरे टेस्ट की पहली पारी में आउट होने के बाद से उन्होंने बिना आउट हुए 288 गेंदों का सामना किया था।
श्रेयस ने फेहुक्वायो के रन आउट में भी अहम भूमिका निभाई। ऑल आउट होने के बावजूद साउथ अफ़्रीका ने एक रोमांचक जीत के साथ घरेलू सीरीज़ का अंत किया।
देवरायण मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।