यह एक तरह से सही नहीं लगता है, लेकिन एक कोविड-19 दुनिया में हमें ऐसा करना पड़ा। यह एक रोमांचक टेस्ट सीरीज़ का ग्रैंड फ़िनाले माना जा रहा था जिसमें रोमांच, ड्रामा, इमोशन, स्टोरीलाइन, कौशल, धीरज और अनुशासन सब कुछ होता। भारत एक ऐतिहासिक सीरीज़ जीत का पीछा कर रहा था और इंग्लैंड अपने घरेलू मैदान पर सीरीज़ को बचाने के लिए लड़ रहा था, भले ही उनके पास सीरीज़ जीतने का मौक़ा नहीं था। फिर कोविड-19 भारतीय टीम के सपोर्ट स्टाफ़ में जा पहुंचा।
आंकड़े अभी वही है लेकिन यह वही महसूस नहीं कराता है। आप एक ब्रेक के बाद मैराथॉन के अंतिम पांच मील दौड़ने का एहसास नहीं कर सकते। उस सीरीज़ का वह धीरज परीक्षण चला गया है। तेज़ गेंदबाज़ों की परिस्थितियों की परीक्षा, बल्लेबाज़ों की एक अंतिम बार खेलने के लिए सभी के साथ ध्यान केंद्रित करने की क्षमता। और हम इस पर भी नहीं बात नहीं कर रहे हैं कि बल्ले और गेंद के बीच उस वास्तविक प्रतियोगिता के बाहर कितनी चीज़ें बदल गई हैं।
दोनों टीमों के पास नए कप्तान और कोच हैं। ऐशेज़ और वेस्टइंडीज़ की हार के बाद इंग्लैंड और भारत क्योंकि उस समय उनके नेतृत्व ने शायद वह उन्हें वह सब कुछ दिया। इंग्लैंड के नए नेतृत्व में उन्होंने न्यूज़ीलैंड का 3-0 से सफ़ाया किया। लेकिन भारत बस घर में ही सफल रहा है। उन्हें घर के बाहर एक टिकाऊ कप्तान भी नहीं मिला। यहां भी वे अपने
नियमित कप्तान और उन चार टेस्ट में उनके सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ के बिना उतरेंगे। जबकि उस सीरीज़ में भारत के दूसरे सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ पहले ही बाहर हो गए।
राहुल द्रविड़ ने जब से कोच की ज़िम्मेदारी ली है,
जसप्रीत बुमराह भारत के आठवें अंतर्राष्ट्रीय कप्तान होंगे।
ऐसा लगता है कि पिछले एक-एक महीने में कुल मिलाकर टेस्ट क्रिकेट बदल गया है। इंग्लैंड में पिच फ़्लैट हो गई है, स्पिनर अहम रोल निभा सकते हैं, स्कोरिंग दरों में गति आई है और लोग "गेंद" को कोचों के उपनामों के साथ जोड़ रहे हैं। यहां तक कि टेस्ट क्रिकेट में सबसे धीमी स्कोरिंग वाली जगहों में से एक गॉल भी
एक ओवर में औसतन चार रन दे रहा है।
इन सभी परिवर्तनों के बीच सीरीज़ के इस निर्णायक मैच में दोनों टीमों के कप्तान बदल चुके हैं और कोच भी, जो एक अलग युग की तरह लगता है। हमें विचार ही करना होगा और आश्चर्य नहीं कि क्या हुआ होता अगर थकी हुई आत्माएं, थके हुए शरीर और डरे हुए दिमाग़ पिछले साल खेलते।
फ़ॉर्म पर नज़र
(पिछले पांच मैच, हाल का सबसे पहले)
इंग्लैंड: जीत, जीत, जीत, हार, ड्रॉ
भारत: जीत, जीत, हार, हार, जीत
इन खिलाड़ियों पर रहेगी नज़र
आपको
विराट कोहली के लिए महसूस करना होगा। उन्होंने एक ऐसा विकल्प चुना जहां पर वह एक बेहतरीन स्पिनर की जगह एक तेज़ गेंदबाज़ के साथ गए। यह सीरीज़ उनके कप्तानी करियर का एक प्रतीक थी : विदेशों में जीतने का जुनून, अपने तेज़ गेंदबाज़ों का समर्थन करना, ऐसे समय में अलोकप्रिय फ़ैसला करना जब हर दिन उनके लिए चुनौतीपूर्ण था और वह लगातार अंतर्राष्ट्रीय शतक के बिना लौट रहे थे। यही वह समय था जब वह जानते थे कि कप्तान के तौर पर उनके पास ज़्यादा मैच नहीं बचे हैं। वह उस वर्ष की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ जीत का भी पूरे समय हिस्सा नहीं रहे थे और एक आख़िरी टेस्ट में वह मौक़ा मिलने के हक़दार थे। कोहली के पास फ़ाइनल टेस्ट में एक कप्तान नहीं एक खिलाड़ी के तौर पर मौक़ा है। भारत को कोहली की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है क्योंकि पिछले चार टेस्ट मैच के भारत के दो सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ बाहर हो गए हैं।
जॉनी बेयरस्टो ने 48.93 के स्ट्राइक रेट से 184 रन बनाए हैं। यह सब परिस्थितियों, गेंदबाज़ी और उनके भाग्य आदि की वजह से हुआ। लेकिन अब सब बदल गया है। न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ तीन टेस्ट मैचों में उनहोंने 120.12 के स्ट्राइक रेट से 394 रन बना दिए हैं। उन्होंने "बकवास" समय से छुटकारा पा लिया है, जिसने उनके दिमाग़ को अव्यवस्थित कर दिया था, जिसका श्रेय मुख्य रूप से कप्तान बेन स्टोक्स और कोच ब्रेंडन मक्कलम को जाता है।।
टीम की ख़बर
इंग्लैंड ने पहले ही अपनी अंतिम 11 घोषित कर दी है और उम्मीद के मुताबिक टीम में एक ही स्पिनर है। इससे आपको परिस्थितियों का अंदाज़ा हो सकता है।
इंग्लैंड एकादश: बेन स्टोक्स (कप्तान), ज़ैक क्रॉली, ऐलेक्स लीस, ऑली पोप, जो रूट, जॉनी बेयरस्टो, सैम बिलिंग्स (विकेटकीपर), मैथ्यू पॉट्स, स्टुअर्ट ब्रॉड, जेम्स एंडरसन, जैक लीच
भारत के सामने दो बड़े सवाल हैं। पहला परिस्थिति के मुताबिक शार्दुल ठाकुर और आर अश्विन के बीच में से किसी एक को चुनना जो नंबर आठ पर भी बल्लेबाज़ी कर सके। पिछले साल यहां खेले गए चारों टेस्ट में अश्विन नहीं खेले थे लेकिन परिस्थिति इस साल अलग है, जिससे उन्हें टीम में खिलाया जा सकता है। दूसरा सवाल है कि रोहित की जगह कौन? संभावित विकल्प हैं चेतेश्वर पुजारा, जिन्हें इस साल की शुरुआत में टीम से बाहर कर दिया गया था और मयंक अग्रवाल, जो रोहित की जगह बुलाए गए हैं। दो अन्य खिलाड़ी हनुमा विहारी और केएस भरत हैं, जिनकी संभावना कम है।
भारतीय एकादश (संभावित): 1 शुभमन गिल, 2 चेतेश्वर पुजारा/मयंक अग्रवाल, 3 हनुमा विहारी, 4 विराट कोहली, 5 श्रेयस अय्यर, 6 ऋषभ पंत (विकेटकीपर), 7 रवींद्र जाडेजा, 8 शार्दुल ठाकुर/आर अश्विन, 9 मोहम्मद शमी, 10 मोहम्मद सिराज, 11 जसप्रीत बुमराह (कप्तान)
पिच और परिस्थितियां
पिच भूरे रंग की दिखती है। यह जीवित घास के साथ सख़्त है। टेस्ट की पहली दोपहर और दूसरी सुबह बारिश की संभावना है।
सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।