पंजाब किंग्स 221/6 (राहुल 91, हुड्डा 64, गेल 40, साकरिया 31-3) ने राजस्थान रॉयल्स 217/7, (सैमसन 119, अर्शदीप 35-3) को 4 रनों से हराया
संजू सैमसन ने इस आईपीएल सीज़न के पहले ही मैच में पंजाब किंग्स के खिलाफ शतकीय पारी खेली। इस पारी की बदौलत उन्होंने तकरीबन अकेले ही पंजाब किंग्स को हरा दिया था लेकिन मैच की अंतिम गेंद पर संजू डीप कवर पर कैच आउट हो गए और पंजाब मैच हार गई।
222 रनों के बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए सैमसन की धाकड़ पारी ने अपनी टीम को जीत के काफी करीब लाकर खड़ा कर दिया था और एक समय पर जीतने के लिए 12 गेंदों में सिर्फ 21 रनों की जरूरत थी। लेकिन 19वें ओवर में सिर्फ आठ रन आए और अंतिम ओवर में जीतने के लिए 13 रन और बनाने थे। 20वें ओवर की पहली तीन गेंदों में सिर्फ दो ही रन बन पाए। उसके बाद चौथी गेंद पर सैमसन ने कवर के ऊपर से छक्का जड़ दिया।
अब राजस्थान की टीम को जीत के लिए दो गेंदों में मात्र पांच रनों की जरूरत थी। पांचवीं गेंद को सैमसन ने वाइड लांग ऑफ की तरफ खेला लेकिन रन के लिए तेजी से भाग रहे क्रिस मॉरिस को सैमसन ने वापस भेज दिया और सिंगल नहीं लिया। इसके बाद अंतिम गेंद पर पांच रनों की जरूरत थी। अर्शदीप सिंह की अंतिम गेंद को उन्होंने कनेक्ट तो काफी बढ़िया किया लेकिन गेंद में गति ना होने के कारण डीप कवर सीमा रेखा पर खड़े दीपक हुड्डा को संजू कैच थमा बैठे। इस तरह एक शानदार पारी का अंत बेहद ही निराशाजनक तरीके से हुआ।
मैच के आठवें ओवर में ही बेन स्टोक्स और जॉस बटलर के आउट हो जाने के बाद, पूरे मैच को जिताने की जिम्मेदारी सैमसन के कंधों पर थी। सैमसन ने भी इस जिम्मेदारी को निभाते हुए मात्र 11 ओवरों में टीम के स्कोर को 100 के पार पहुंचा दिया। हालांकि सैमसन को इस पारी के दौरान दो जीवनदान भी मिले। 12 और 35 के
निजी स्कोर पर संजू का कैच छोड़ा गया। सैमसन ने इसका भरपूर फायदा उठाते हुए अपनी पारी में 12 चौके और सात छक्के लगाए।
जरूरी रन रेट लगातार बढ़ते जा रहा था और ठीक उसी के हिसाब से सैमसन भी गेंद को लगातार सीमा रेखा के बाहर भेज रहे थे। शिवम दुबे और रियान पराग ने उनका साथ दिया। सैमसन और पराग के बीच 22 गेंदों में 52 रनों की साझेदारी ने काफी हद तक मैच को जीत के करीब लाकर खड़ा कर दिया था, लेकिन अंतिम गेंद पर कुछ ही गजों की दूरी जीत और हार के अंतर का कारण बनी।
सैमसन अकेले चलाते रहे राजस्थान की पारी
रिचर्डसन के शानदार यॉर्कर पर बटलर के बोल्ड होने के बाद राजस्थान को जीतने के बाद 75 गेंदों में 152 रनों की आवश्यकता थी और सैमसन 22 गेंदों पर 29 रनों पर खेल रहे थे। अपने साथी खिलाड़ी के आउट होने के बावजूद सैमसन लगातार रन बनाते रहे और काफी सूझ-बूझ के साथ स्ट्राइक को रोटेट भी करते रहे।
जब राजस्थान को 24 गेंदों में 48 रनों की जरूरत थी तब शमी और अर्शदीप पंजाब के लिए ऐसे गेंदबाज़ रहें, जिन्होंने लगातार मैच को पंजाब के खेमे की तरफ झुकाकर रखने का प्रयास किया। शमी लगातार अपनी लेंथ में मिश्रण करते हुए कुछ बढ़िया शॉर्ट पिच गेंद और यॉर्कर डालते रहे। उन्होंने अपने स्पेल के अंतिम ओवर में मात्र आठ रन खर्च किए। उसके बाद जब रिचर्डसन गेंदबाज़ी करने आए तो सैमसन ने उनको टारगेट करते हुए एक ही ओवर में दो चौके और एक छक्का लगाया, जिससे सैमसन 54 गेंदों में शतक पूरा करने में कामयाब रहे।
शमी का तो ओवर खत्म हो चुका था, इसी कारण से मेरेडिथ को 19वां ओवर करना था। इस ओवर की पहली ही गेंद पर राहुल तेवतिया आउट हो गए लेकिन सैमसन इस ओवर में एक छक्का लगाने में कामयाब हुए। अर्शदीप ने कमाल की गेंदबाज़ी करते हुए इस मैच का सबसे कठिन ओवर डाला। अंतिम ओवर में वह लगातार वाइड यॉर्कर फेंकने का प्रयास कर रहे थे। पहली तीन गेंद तो बिल्कुल ठिकाने पर गिरी लेकिन चौथी गेंद पर सैमसन छक्का लगाने में कामयाब हो गए, लेकिन अंत में वह सैमसन को आउट करके पंजाब को जिताने में कामयाब रहे।
पहला पावरप्ले- स्टोक्स का डक और बटलर के चौके
इससे पहले, राजस्थान ने अपनी पारी की तीसरी ही गेंद पर बेन स्टोक्स का विकेट गंवा दिया। शमी की एक शॉर्ट पिच गेंद पर स्टोक्स के बल्ले से टॉप एज लगा और एक पल के लिए ऐसा लगा कि ये कैच छूट जाएगा, जैसा कि इस मैच में पहले भी कई दफा हो चुका था। जैसे ही स्टोक्स के बल्ले का बाहरी किनारा लगकर गेंद ऊपर गई, तीन खिलाड़ी उस कैच को पकड़ने के लिए भागे। विकेट के पीछे से राहुल, गेंदबाजी कर रहे शमी और हुड्डा इस कैच को अपना बनाने के लिए गेंद के नीचे गए लेकिन अंत में शमी किसी तरह इस कैच को पकड़ने में कामयाब रहे।
इसके ठीक तीन ओवर बाद अर्शदीप ने फॉलो थ्रू में मनन वोहरा का एक बेहतरीन कैच पकड़ा। सैमसन भी 12 रन के निजी स्कोर पर आउट हो जाते लेकिन राहुल ने विकटों के पीछे दाहिने तरफ डाइव मारते हुए उनका कैच टपका दिया। इसके बाद 35 रन के निजी स्कोर पर मयंक अग्रवाल ने भी मिड ऑफ पर सैमसन का कैच छोड़ा। उसके बाद सैमसन ने लगातार कई बाउंड्री जड़े।
पांचवें ओवर में बटलर ने मेरेडिथ का स्वागत लगातार चार चौकों के साथ किया लेकिन इसके ठीक दो ओवर के बाद बटलर रिचर्डसन के शिकार बने। राजस्थान छह ओवर में 59 रन बनाने में कामयाब रही।
पावरप्ले में केएल राहुल का आक्रामक रूख
पिछले कुछ सालों में अगर देखा जाए तो पावरप्ले के दौरान राहुल के स्ट्राइक रेट पर काफी प्रश्न खड़े किए गए हैं। अभी कुछ वक्त के लिए शायद राहुल ने पावरप्ले में कई चौके-छक्के लगा कर ऐसे प्रश्न करने वालों को दरकिनार कर दिया है। अग्रवाल के जल्दी आउट होने के बाद गेल और राहुल ने पावरप्ले में 67 रन जोड़े। ऐसा भी हुआ कि वो पावरप्ले के बाद और भी ज्यादा आक्रामक हो गए। हालांकि राहुल और गेल दोनों को एक-एक जीवनदान मिला था। 15 के निजी स्कोर पर स्टोक्स ने राहुल का कैच लांग ऑफ पर छोड़ा, वहीं 33 के निजी स्कोर पर गेल का कैच तेवतिया ने छोड़ा।
पूरन की जगह पर बल्लेबाज़ी करने आए हुड्डा ने गेम का रंंग ही बदल दिया
जब गेल 28 गेंदों में 40 रन बनाकर आउट हो गए, उस समय पंजाब का स्कोर दो विकेट खोकर 89 रन था। यह सटीक समय था जब निकोलस पूरन जैसे बल्लेबाज़ को मैदान पर उतारा जाए लेकिन उनकी जगह पूर दीपक हुड्डा को प्रमोट किया गया। जब तक कोई इस फैसले के बारे में कुछ सोच पाता, हुड्डा में पंजाब के रन रेट को नौ से 11 रन प्रति ओवर तक पहुंचा दिया। हुड्डा से ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी की उम्मीद राजस्थान ही नहीं पंजाब की टीम ने भी नहीं लगाई होगी। दीपक हुड्डा ने गेल और राहुल के द्वारा तैयार किए गए लांच पैड को एक बड़े स्कोर में तब्दील करते हुए 28 गेंदों में 64 रनों की तेज-तर्रार पारी खेली।
13वें और 14वें ओवर में पंजाब के बल्लेबाज़ों ने सबसे ज्यादा रन बटोरे। इन ओवरों के दौरान कई गेंदों को सीमा रेखा के बाहर भेजा गया। शिवम दुबे के ओवर की पहले गेंद पर छक्का लगाकर राहुल ने मात्र 30 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया और छक्का लगाकर हुड्डा ने ओवर की समाप्ति की। 14वां ओवर में हुड्डा ने श्रेयस गोपाल के ओवर में तीन छक्के लगाए। इसके अगले ओवर में मुस्तफिजुर रहमान के एक कटर गेंद पर बटलर ने अपनी पीछे की ओर भागते हुए हुड्डा का कैच गिरा दिया।
राजस्थान की टीम ने हुड्डा के इस छोड़े गए कैच का हर्जाना भी भुगता। हुड्डा ने बिना देख छक्का मारने के स्टाइल में गेंद को सीमा रेखा से बाहर भेजा और मात्र 20 गेंदों में इस आईपीएल का सबसे तेज पचासा पूरा किया। 17वें ओवर में तो हुड्डा ने चेतन साकरिया की लगातार तीन गेंदों पर तीन चौके लगाए। अंत में मॉरिस ने हुड्डा को लांग ऑन पर कैच आउट कराया। हालांकि राहुल ने इसके बाद भी छक्के लगाना जारी रखा।
18वें ओवर के पहले गेंद पर पूरन के शून्य पर आउट होने के बावजूद शाहरुख खान और राहुल ने इस ओवर से 15 रन बटोरे। हालांकि इसके बाद 20वें ओवर में साकिरया ने एक और प्रभावित करने वाला शानदार ओवर डाला और सिर्फ पांच रन देकर अपने डेब्यू मैच को यादगार बनाते हुए 31 रन देकर तीन विकेट झटके।
विशाल दिक्षित ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।