टी20 विश्व कप फ़ाइनल में कितना होगा टॉस का महत्व?
क्या टॉस जीतने वाला ही फिर से मैच जीतेगा?
संपत बंडारूपल्ली
14-Nov-2021
इस विश्व कप में 'टॉस जीतो, मैच जीतो' का सिलसिला जारी है • ICC via Getty Images
इस विश्व कप में यह एक रिवाज़ हो गया है कि शाम के मैच में जो टीम टॉस जीतती है, वह पहले गेंदबाज़ी करती है और फिर लक्ष्य का पीछा करते हुए मैच जीत लेती है। फ़ाइनल मैच दुबई में होगा, जहां 12 में से 10 मैच टॉस जीतने वाली टीम ही जीती है। इसके अलावा अबू धाबी और दुबई में 27 डे नाइट टी20 मैचों में से 21 मैच उस टीम ने जीते हैं, जिन्होंने लक्ष्य का पीछा किया।
ओस इसमें एक बहुत बड़ा कारण है क्योंकि ओस के कारण दूसरी पारी में गेंदबाज़ी ख़ासकर स्पिन गेंदबाज़ी थोड़ी कठिन और बल्लेबाज़ी आसान हो जाती है। नॉकआउट मुक़ाबलों को देखने के बाद तो लगा कि यहां पर आख़िरी ओवरों में 12 रन/ओवर भी बचाना मुश्किल है। फ्लडलाइट्स के नीचे दूसरी पारी के दौरान तेज़ गेंदबाज़ों ने यहां पर नौ मैचों में सिर्फ़ आठ विकेट लिए हैं और इस दौरान 10 के इकॉनोमी से प्रति ओवर रन दिए है।
टॉस का कितना लाभ?
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ऑस्ट्रेलिया ने इस टूर्नामेंट में अब तक पांचों बार टॉस जीता है, हालांकि इंग्लैंड के ख़िलाफ़ उन्हें मैच में हार मिली थी। वहीं न्यूज़ीलैंड ने इस टूर्नामेंट में अब तो सिर्फ़ दो ही बार भारत और इंग्लैंड के ख़िलाफ़ दो महत्वपूर्ण मैचों में टॉस जीता है। पिछले छह विश्व कप फ़ाइनल में पांच बार टॉस जीतने वाली टीम ने ही ख़िताब जीता है।
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अगर पिछले चैंपियंस की बात करें तो वेस्टइंडीज़ ने 2016 विश्व कप में सभी छह मैचों में टॉस जीते थे और ख़िताब अपने नाम किया था। इन सभी छह मैचों में उन्होंने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करने का फ़ैसला किया था। इसी तरह 2012 की ख़िताबी जीत में भी उन्होंने सात में से छह मैचों में टॉस जीते थे। 2007 में भारत ने पांच मैचों में टॉस जीते थे, जिसमें नॉक आउट के दो महत्वपूर्ण मुक़ाबले शामिल हैं। वहीं 2014 में श्रीलंका ने अपनी ख़िताबी जीत में वे सभी चार मैच जीते थे, जिसमें उन्होंने टॉस जीता था।
संपत बंडारूपल्ली ESPNcricinfo में सांख्यिकीविद हैं, अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के दया सागर ने किया है