गीले मैदान के कारण अफ़ग़ानिस्तान और न्यूज़ीलैंड के बीच ग्रेटर नोएडा में खेले जाने वाले एकमात्र
टेस्ट का पहला दिन बिना टॉस हुए रद्द हो गया। हालांकि सोमवार को पूरे दिन बारिश नहीं हुई और मैदान पर अधिकतर समय धूप भी खिली रही, लेकिन उसके बावज़ूद मैदानकर्मी और क्यूरेटर पूरे दिन मैदान को खेलने योग्य तैयार नहीं कर सके।
अंत में पहले दिन के खेल को रद्द करना पड़ा और अब दूसरे दिन का खेल आधा घंटा पहले स्थानीय समयानुसार सुबह 9.30 बजे से शुरू होगा। पहले दिन के खेल की कमी को पूरा करने के लिए अब अगले चार दिन 90 के बजाय 98 ओवर खेले जाएंगे।
ESPNcricinfo ने मैच से एक दिन पहले ही
संभावना ज़ाहिर की थी कि ख़राब मौसम, कम अनुभवी ग्राउंड स्टाफ़ और मैदान के कमज़ोर ड्रेनेज सिस्टम के कारण दोनों देशों के बीच होने वाला पहला टेस्ट मैच बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है। मैच के पहले दिन कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला।
दिन की शुरूआत साफ़ आसमान से हुई थी और सुबह के आठ बजे से ही सूरज चमक रहा था। इससे उत्साहित हज़ारों की संख्या में दर्शक भी अपने पसंदीदा क्रिकेटरों को देखने के लिए मैदान तक पहुंचे थे, हालांकि दिन के अंत तक एक बूंद बारिश ना होने के बावजूद भी उन्हें निराशा हाथ लगी।
पूर्वानुमान के बावजूद मैच से पहले रात में भी कुछ ख़ास बारिश नहीं हुई थी और मैदान पर कोई कवर भी नहीं था। लेकिन अपना पहला टेस्ट मैच आयोजित कर रहे अनुभवहीन मैदानकर्मी पूरे दिन गीले आउटफ़ील्ड को तैयार करने में बस संघर्ष करते ही नज़र आए।
सबसे पहले उन्होंने दोनों तरफ़ के गेंदबाज़ी छोर पर काम किया और वहां पर रोलर चलाया गया। इसके बाद स्क्वेयर की तरफ़ के गीले हिस्से को लकड़ी के बुरादे के सहारे सूखाने की कोशिश की गई। हालांकि यह महज़ कोशिश ही थी और इसका कुछ ख़ास असर आउटफ़ील्ड पर नहीं पड़ रहा था। यह सिलसिला पूरे दिन चलता रहा और कभी भी ऐसा नहीं लगा कि मैदान मैच के लिए तैयार हो सकेगा।
अंत में शाम के चार बजे पूरे दिन की लगभग छह जांचों के बाद अंपायरों ने दिन के खेल को रद्द घोषित कर दिया। खेल रद्द घोषित होने के बाद ब्रॉडकास्टर से बात करते हुए अंपायर कुमार धर्मसेना ने कहा, "सुबह 10 बजे की तुलना में हालात थोड़े सुधरे ज़रूर हैं, लेकिन 30-मीटर सर्किल के दायरे में पांच-छह ऐसी जगहें हैं, जहां पर मैदान अभी भी काफ़ी अधिक गीला है। इसके अलावा एक तरफ़ का गेंदबाज़ी रन-अप भी अभी तक पूरी तरह से नहीं सूखा है। हमारा ध्यान खिलाड़ियों की सुरक्षा पर है और हम कल देख भी चुके हैं एक खिलाड़ी इस वजह से चोटिल भी हुआ था।"
कुमार धर्मसेना अफ़ग़ानिस्तान के सलामी बल्लेबाज़ इब्राहिम ज़ादरान की बात कर रहे थे, जो रविवार को फ़ील्डिंग करते वक़्त फिसलने के कारण अपने बाएं पैर की एड़ी चोटिल करा बैठे थे और अब वह ना सिर्फ़ इस टेस्ट बल्कि साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ 18 सितंबर से शुरू हो रही वनडे सीरीज़ से भी बाहर हैं।
अफ़ग़ानिस्तान टीम प्रबंधन से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि उनके खिलाड़ी स्टेडियम की इस व्यवस्था से बिल्कुल भी ख़ुश नहीं हैं और ऐसा भी हो सकता है कि भविष्य में वे इस मैदान पर दोबारा कभी ना लौटें। उन्होंने यह भी कहा कि वे इस मैच के लिए लखनऊ, देहादून या कानपुर का स्टेडियम चाहते थे, लेकिन जहां लखनऊ और देहरादून में राज्य के टी20 लीग चल रहे हैं, वहीं कानपुर भारत-बांग्लादेश टेस्ट मैच की तैयारी कर रहा है, जो इस महीने के आख़िर में होना है। इसके कारण उन्हें यह मैदान मिला, जहां पर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट और ख़ासकर टेस्ट क्रिकेट कराने की पूरी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।
इससे पहले मैच की पूर्व संध्या पर भी जब अफ़ग़ानिस्तान के कप्तान हशमतउल्लाह शाहिदी से मैदान और परिस्थितियों के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने भी कहा था कि वह भारत में
एक 'निश्चित' और 'अच्छा' मैदान चाहते हैं, जहां पर उनके घरेलू मैचों को आयोजित किया जा सके। ग़ौरतलब है कि अफ़ग़ानिस्तान अपने घरेलू मैचों को भारत के तीन शहरों लखनऊ, देहरादून और ग्रेटर नोएडा में आयोजित करता है और यह स्टेडियम भी 2016 से ही उनका घरेलू मैदान है।
ख़ैर, मैदान के अंदर के अलावा मैदान के बाहर की भी परिस्थितियां कुछ ख़ास नहीं थी। दर्शकों का प्रवेश मुफ़्त था, लेकिन उमस भरी गर्मी में दिन भर मैच के लिए बैठने की उचित व्यवस्था नहीं की गई थी। इसके अलावा मीडियाकर्मियों के लिए भी शुरुआत में कुछ ख़ास व्यवस्था नहीं की गई थी और वह पानी, टेबल, इंटरनेट, पंखे जैसी मूलभूत ज़रूरतों के लिए लगभग आधे दिन तक इधर-उधर भटकते रहे। स्टेडियम के अधिकारी और अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) के अधिकारी एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ते रहे। हालांकि दिन के ख़त्म होने तक ACB के ही अधिकारियों ने मीडिया के लिए ज़रूरती सुविधाओं को पूरा किया और यह भी आश्वासन दिया कि मैच के दूसरे दिन से यह सब असुविधाएं नहीं होंगी।
हालांकि दूसरे दिन के मौसम का पूर्वानुमान और भी डराने वाला है। मंगलवार को सुबह आंधी-तूफ़ान का पूर्वानुमान है, हालांकि इसके बाद धूप खिलने की भी भविष्यवाणी की गई है। ऐसे में फिर से एक बार मैदान कर्मियों और अधिकारियों के सामने मैच शुरू कराने की चुनौती होगी।