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बुमराह : मैं जब कप्तान होता हूं तो खु़द को अच्छे से संभाल सकता हूं

भारतीय कप्तान ने कहा कि गेंदबाज़ों के पास कप्‍तान के तौर पर अधिक ज्ञान होता है

Jasprit Bumrah faces the media ahead of his second Test as captain, Australia vs India, 1st Test, Perth, November 21, 2024

पत्रकारों के सवालों का जवाब देते जसप्रीत बुमराह  •  AFP/Getty Images

कप्तानी आमतौर पर बल्लेबाज़ों का क्षेत्र रहा है। उनका कार्य प्रबंधन, उनको योजनाएं बनाने के अधिक मौक़े देता है और टीम प्रबंधन इसमें उनकी मदद करता है। जब आप क्रीज़ पर होते हैं तो आप बस रन बनाने को देखते हो। हालांकि एक गेंदबाज़ के तौर पर जैसा आर अश्विन ने कहा है कि आप स्‍पेल की प्‍लानिंग कर रहे होते हैं। आप लाइन, लेंथ, गति और विविधताओं के बारे में सोचते हैं, जिससे एक बड़ी तस्‍वीर पर नज़रें रहती हैं।
हालांकि पर्थ टेस्‍ट में रोहित शर्मा की अनुपस्थिति में कप्‍तानी संभालने वाले जसप्रीत बुमराह का तर्क है कि बड़ी तस्वीर पूरी गेंदबाज़ी प्रक्रिया का अगला चरण है और इसके साथ काफ़ी अच्छा फ़ायदा जुड़ा हुआ है।
पर्थ में होने वाले पहले टेस्‍ट से एक दिन पहले बुमराह ने कहा, "मैं जब कप्‍तान हूं तो मैं खु़द को अच्‍छे से संभाल सकता हूं क्‍योंकि मैं जानता हूं कि कब मैं तरोताज़ा हूं और कब मैं अपने को आगे बढ़ा सकता हूं। मैं जानता हूं कि कब मुझे अधिक ज़‍िम्‍मेदारी लेनी है। बिल्‍कुल, यहां कुछ अलग चुनौतियां होंगी, लेकिन यहां पर एडवांटेज़ भी होगा और मैं एडवांटेज़ को देखूंगा क्‍योंकि मैं गेंदबाज़ी को समझता हूं।
"एक गेंदबाज़ के तौर पर आप समझते हैं कि कहां विकेट बदल रहा है, आपको क्‍या बदलाव करने होंगे, उस क्षण क्‍या फ़ील्‍ड सेटिंग बेहतर है। बिल्‍कुल, गेंदबाज़ बल्‍लेबाज़ों से अधिक रिसर्च करते हैं और डाटा पर ध्‍यान देते हैं क्‍योंकि ऐसे ही गेम चलता है। तो मैं नकारात्‍मकता से अधिक सकारात्‍मकता पर ध्‍यान दे रहा हूं। बिल्‍कुल चुनौतियां होंगी और आप इन चुनौतियों से टेस्‍ट होना भी चाहते हैं।"
बुमराह कप्तानी में इसलिए आए क्योंकि उन्हें तेज़ गेंदबाज़ी का पूरा अनुभव है। जैसे-जैसे उनका कद बढ़ता गया, पहले उन्होंने सीनियर गेंदबाज़ का पद संभाला और फिर नेतृत्व की भूमिकाएं भी निभाईं। वह अधिक से अधिक टीम को देने के लिए उत्‍सुक दिखे। उन्हें यह भी उत्साहित कर सकता है कि उनके जैसे रास्ते पर बहुत से लोग नहीं चले हैं। हालांकि यह अस्थायी हो सकता है क्योंकि रोहित शर्मा के नवंबर के अंत में कैनबरा में होने वाले दिन-रात के अभ्यास मैच से पहले टीम में शामिल होने की पूरी उम्मीद है।
भारत के अन्‍य तेज़ गेंदबाज़ी कप्‍तान कपिल देव (मैच 34, जीत 4, हार 7, टाई 1, ड्रॉ 22) ऑलराउंडर अधिक थे। इसके अलावा दुनिया भर में देखा जाए तो शॉन पोलॉक (मैच 26, जीत 14, हार 5, ड्रॉ 7), बेन स्‍टोक्‍स (मैच 29, जीत 17, हार 11, ड्रॉ 1) और जेसन होल्‍डर (मैच 37, जीत 11, हार 21, ड्रॉ 5) भी ऑलराउंडर्स के अन्‍य उदाहरण हैं। वहीं वसीम अकरम (मैच 25, जीत 12, हार 8, ड्रॉ 5) और कर्टनी वॉल्‍श (मैच 22, जीत 6, हार 7, ड्रॉ 9) 1997 में न केवल अपनी टीमों के कप्‍तान थे बल्कि एक दूसरे के ख़‍िलाफ़ खेलते हुए वे अपने तेज़ गेंदबाज़ी के नेतृत्‍वकर्ता भी थे। इसके बाद सालों तक ऐसा नहीं हो पाया। 2024 की शुरुआत में कमिंस का सामना टिम साउदी की न्‍यूज़ीलैंड से हुआ और अब आठ महीने बाद कमिंस का सामना बुमराह से होगा।
बुमराह ने 2018 में विराट कोहली के अंडर टेस्‍ट डेब्‍यू किया और 2013 IPL डेब्‍यू से रोहित शर्मा के साथ भी उन्‍होंने लंबा समय बिताया है, लेकिन वह खु़द को अलग दिखाने के लिए भी बहुत उत्सुक है।
बुमराह ने कहा, "मेरा तरीक़ा है कि आपको अपना रास्ता खु़द ही ढूंढना होगा। आप आंख बंद करके किसी की नकल नहीं कर सकते। जाहिर है कि वे दोनों ही बहुत सफल हैं और उन्हें बहुत सारे परिणाम मिले हैं। मैंने अपनी गेंदबाज़ी के मामले में कभी भी कॉपीबुक योजना का पालन नहीं किया है। अगर आप देख सकते हैं कि मैंने कभी भी किसी मॉडयूल का पालन नहीं किया है, मैं अपनी सहज बुद्धि के साथ चलता हूं।
"इसी तरह से मैंने हमेशा अपना क्रिकेट खेला है और मुझे अपनी सहज बुद्धि और दिल पर बहुत भरोसा है। इसलिए मैं इसी के साथ चलता हूं। एक गेंदबाज़ के तौर पर आप हमेशा बहुत सारी योजनाएं बनाते हैं। आपको अच्छी तरह से पता होता है कि क्या करना है, मैच के दौरान आपको क्या और कहां समायोजन करना है। तो हां, मैं इसे इस तरह से देखता हूँ और मैं जितना हो सके सभी बेसेज़ को कवर करने की कोशिश करता हूं।"
ऑस्‍ट्रेलिया ने ऑप्‍टस स्‍टेडियम में पांच टेस्‍ट खेले हैं और सभी जीते हैं। कमिंस की कप्‍तानी में उनकी टीम पिछले तीन सालों में काफ़ी स्थिर हुई है। वहीं भारत घर में न्‍यूज़ीलैंड से 0-3 की हार के बाद यहां पहुंचे हैं और जब बात प्‍लेयिंग इलेवन की हो तो उनके कई पहली पसंद के ख‍िलाड़ी नदारद हैं।
बुमराह ने दोनों टीमों के बीच इस अंतर को दूर करने की कोशिश की। उन्‍होंने कहा, "जो मैसेज मैं उनको देना चाहता हूं वह यह है कि मैंने हमेशा खु़द पर विश्‍वास किया है। सभी जानते हैं इस समय कैसे क्रिकेट हो रहा है, हर कोई अधिक क्रिकेट खेल रहा है। उस दिन अगर आपको विश्‍वास है कि आप खु़द बहुत अच्‍छे हैं तो मैच पर आप प्रभाव डाल सकते हैं। तब यह मायने नहीं रखता कि आप 100 टेस्‍ट खेले हो या 50 टेस्‍ट, यह इस पर निर्भर है कि आपके अंदर क्‍या चल रहा है।"
"जब मैं 2018 में यहां पहली बार आया था तो यह केवल मेरा दूसरा दौरा था। लेकिन मेरे दिमाग़ में यह था कि मैं अपने खेल के जरिए अंतर पैदा करना चाहता हूं और मैं यह नहीं देख रहा था कि मेरे पास अनुभव नहीं है। मैं खु़द को देख रहा था कि मैं कैसे योगदान दे सकता हूं और अगर मुझे विश्‍वास है कि मैं कर सकता हूं तो मैं अंतर पैदा करूंगा। यही मैसेज मैं नए खिलाड़ियों को भी भेजना चाहता हूं।
"निश्चित रूप से हमारे पास कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो पहली बार ऑस्‍ट्रेलिया आ रहे हैं, लेकिन उनके पास बहुत सारा प्रथम श्रेणी क्रिकेट, IPL, अंतर्राष्‍ट्रीय क्रिकेट का अनुभव है। खिलाड़ी अब सीख गए हैं कि किस तरह अच्‍छे दिनों और बुरे दिनों को संभालना है। अच्‍छे दिनों में हमें अति आत्‍मविश्‍वास नहीं आना चाहिए, वहीं अगर हमें अंतर्राष्‍ट्रीय क्रिकेट खेलना है तो बुरे दिनों को भी संभालना सीखना होगा। आगे बढ़ना बेहद अहम है। हमारी तैयारियां ज़ीरों से शुरू होती हैं। हम परिस्‍थतियों, मौसम से सांमजस्‍य बैठाते हैं और इस पर फ़ोकस करते हैं कि यहां सफल होने के लिए क्‍या करना है।"

अलगप्‍पन मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं।