बांग्लादेश और श्रीलंका के बीच टेस्ट के पहले दिन जितने खिलाड़ियों ने खेल में हिस्सा लिया उनमें चार ऐसे खिलाड़ी थे जिनका पदार्पण 2000 की दशक में हुआ था, इनमें
ऐंजेलो मैथ्यूज़ सबसे अनुभवी खिलाड़ी भी थे और साथ ही सर्वाधिक टेस्ट रन बनाने वाले व्यक्ति। रविवार को उन्होंने इस अनुभव का परिचय देते हुए मेहमान टीम को पहले एक मुश्किल स्थिति से उबारा और फिर मज़बूत स्थान पर ला खड़ा किया।
बांग्लादेश के दौरे के लिए श्रीलंका ने दल में आठ बदलाव किए हैं और इससे टीम में कई युवा खिलाड़ी आए हैं। ऐसे में मैथ्यूज़ की 114 रनों की अविजित पारी ड्रेसिंग रूम के लिए काफ़ी महत्व रखती है। इससे युवाओं को एक अच्छा उदाहरण मिलेगा और उन खिलाड़ियों में भी विश्वास का संचार करेगा जो ना तो बहुत नए हैं ना ही बड़े पुराने।
अपनी 213 रनों की पारी के दौरान मैथ्यूज़ ने तीसरे विकेट के लिए 92 और पांचवें विकेट के लिए 75 नाबाद की साझेदारियों में भाग लिया। उनकी ठोस बल्लेबाज़ी के चलते
कुसल मेंडिस और
दिनेश चांदीमल आसानी से खेल पाए। मेंडिस ने दो साल से कोई बड़ी टेस्ट पारी नहीं खेली और चांदीमल का बल्ला चार साल से शांत रहा है। अपने शुरुआती सालों में मैथ्यूज़ बड़े छक्के लगाते थे, अच्छी गति से गेंदबाज़ी करते थे और अविश्वसनीय कैच पकड़ लेते थे। पिछले कुछ सालों में लगातार चोटग्रस्त होने के बाद अब वह क्रीज़ पर काफ़ी ठहराव के साथ खेलते हैं।
मैथ्यूज़ ने चटगांव में अपने अनुभव का परिचय देते हुए ज़िम्मेदाराना तरीक़े से बल्लेबाज़ी की और सीधे बल्ले से खेलने की पूरी कोशिश की। उन्होंने अपनी कलाई का उपयोग करने के बजाय अपनी पहुंच में हर गेंद को ड्राइव करने की कोशिश की और इससे बांग्लादेश के स्पिन गेंदबाज़ों को काफ़ी हद तक विफल कर दिया। अनुभवी खिलाड़ी विपक्ष पर दबाव बनाने के मौक़े भी नहीं गंवाते और मैथ्यूज़ ने भी ऐसा किया। पहले सत्र में बांग्लादेश के लिए दोनों विकेट लेने वाले नईम हसन का उन्होंने दूसरे सत्र में एक सीधे छक्के के साथ स्वागत किया। इसके बाद भी उन्होंने चार सीधे बाउंड्री लगाए और मिड-ऑफ़ और मिड-ऑन को पीछे जाने पर मजबूर कर दिया।
मैथ्यूज़ ने कवर और मिड-ऑन के बीच कई ड्राइव निरंतरता के साथ मारे और लेग साइड पर आने वाली गेंदों को भी सही नसीहत दी। उन्होंने कट के ज़रिए एक भी बाउंड्री नहीं लगाई हालांकि यह इस बात का भी संकेत है कि उनको गेंदबाज़ी किस दिशा और लंबाई से की गई। मेंडिस ने मैथ्यूज़ की तारीफ़ में कहा, "उन्होंने शतक लगाया लेकिन गर्मी और उमस के चलते इसे आप 150 या 170 से कम नहीं कह सकते। यहां श्रीलंका से अधिक गर्मी थी और उन्होंने बेहतरीन बैटिंग की। वह श्रीलंका के सबसे वरिष्ठ खिलाड़ी हैं और वह बांग्लादेश पर हावी रहे। अगर कल वह इसे 150 या 200 में तब्दील कर देते हैं तो हम अच्छे स्थान पर होंगे।"
मैथ्यूज़ की तारीफ़ विपक्ष के ख़ेमे में भी हुई। उनके पुराने टीममेट
रंगना हेराथ अब बांग्लादेश के स्पिन गेंदबाज़ी कोच हैं और उन्होंने कहा, "मैं ऐंजेलो को अच्छे से जानता हूं। वह 34 साल के हों या 36 के उन्हें चुनौती का सामना करना पसंद है। इस गर्मी में एक श्रीलंकाई खिलाड़ी द्वारा यह ज़बरदस्त पारी थी और मुझे विश्वास है वह आगे भी श्रीलंका के लिए बहुत कुछ करेंगे। टेस्ट के पहले दिन के लिए हमने काफ़ी अच्छी गेंदबाज़ी की। शाकिब और टीजे (तैजुल इस्लाम) ने अच्छी गेंदबाज़ी की और नईम ने भी विकेट लिए। उन्होंने पिछले 18 महीनों में बहुत क्रिकेट नहीं खेला और इससे उनके विश्वास में वृद्धि होगी।"
बांग्लादेश की उम्मीद होगी कि श्रीलंका को यहां 120 से कम रन बनाने का मौक़ा मिले लेकिन मेहमान टीम 500 से अधिक का स्कोर खड़ा करना चाहेगी। अगर मैथ्यूज़ पहले दिन की लय से खेलेंगे तो चांदीमल, निरोशन दिकवेला और रमेश मेंडिस भी आसानी से बल्लेबाज़ी कर पाएंगे। अनुभव अनमोल है और मैथ्यूज़ इसकी एक बड़ी मिसाल।
मोहम्मद इसाम ESPNcricinfo में बांग्लादेश के संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo में स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है।