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रेटिंग्स : रोमांचक वनडे में सिराज, शार्दुल और राहुल रहे सबसे प्रभावशाली

बल्लेबाज़ों के किया निराश, धवन और कोहली को मिलते हैं एक विकेट की हार में सबसे कम अंक

जब एक टीम आख़िरी विकेट के लिए 51 रनों की साझेदारी कर लेती है तब आप विपक्षी टीम के रणनीति के बारे में ज़्यादा कुछ नहीं कह सकते। हालांकि भारत ने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ पहले वनडे में कुछ ग़लतियां ज़रूर की, लेकिन उन पर आने से पहले विजयी टीम और उनके हीरो मेहदी हसन की पूरी तारीफ़ होनी चाहिए।
इस मैच में गेंद से हीरो रहे शाकिब अल हसन (5/36) और इबादत हुसैन (4/47) लेकिन इन सबका असर फीका पड़ता दिखा जब मोहम्मद सिराज (3/32) ने हसन महमूद को आउट किया। मेहदी ने 39 गेंदों पर 38 नाबाद बनाकर बांग्लादेश को वनडे इतिहास में भारत पर छठी जीत दर्ज करने में मदद की।

क्या सही, क्या ग़लत?

भारतीय के लिए गेंदबाज़ी इस मैच में मज़बूत पक्ष रहा। सिराज ने एक बार फिर सिद्ध किया क्यों उन्हें वनडे में (और शायद बाक़ी दोनों प्रारूप में भी) स्थायी सदस्य होना चाहिए। यह एक अनुभवहीन गेंदबाज़ी क्रम था, जिसमें कुलदीप सेन डेब्यू पर थे और सिराज, दीपक चाहर और शार्दुल ठाकुर के अलावा किसी ने 10 वनडे भी नहीं खेले थे।
बल्लेबाज़ी में आज भारत की रणनीति ख़राब थी। के एल राहुल को छोड़ दें तो शायद किसी भी खिलाड़ी को विकेट का धीमापन और दोहरा उछाल रास नहीं आया। टॉस हारने के बाद भारत अति आक्रामक रवैये से खेलता रहा और 41.2 ओवरों में ऑल आउट होना एक बुनियादी ग़लती थी। अगर उनके पास 20-25 रन और होते तो परिणाम अलग हो सकता था।

प्लेयर रेटिंग्स (1 से 10, 10 सर्वाधिक)

रोहित शर्मा, 7: रोहित सकारात्मक बल्लेबाज़ी का मन बनाकर मैदान पर उतरे। एक कठिन सतह पर उन्होंने कुछ आकर्षक शॉट भी लगाए। वह शाकिब के पहले शिकार बने और बांग्लादेशी दिग्गज की आर्म बॉल अच्छे अच्छों को ढेर कर देती। रोहित की कप्तानी अच्छी रही हालांकि सिराज को वह अपने दूसरे स्पेल के लिए 34वें ओवर से पहले ला सकते थे।
शिखर धवन, 4: धवन के लिए यह मैच भूलने लायक था। तेज़ गेंदबाज़ी ने उनके ख़िलाफ़ नपी-तुली दिशा और लंबाई से गेंदें डाली और उन्हें बांधकर रखा। मेहदी के स्पिन के ख़िलाफ़ रिवर्स स्वीप मारने के प्रयास में वह आउट हुए और शायद इस पिच पर वह शॉट खेलना अनुचित था।
विराट कोहली, 5: कोहली आज बल्ले से नहीं चल पाए और लिटन ने उनका बेहतरीन कैच पकड़कर उन्हें रोहित के तुरंत बाद पवेलियन भेजा। हालांकि कोहली ने फ़ील्डिंग के ज़रिए भारत के हौसलों को मैच में कभी पस्त नहीं होने दिया। शाकिब को आउट करने के लिए उनका एक हाथ से लिया गया डाइविंग कैच मैच के मुख्य अंश में ज़रूर आएगा।
श्रेयस अय्यर, 6: श्रेयस की शुरुआत अच्छी रही थी और तेज़ गेंदबाज़ी पर उन्होंने एक ज़बरदस्त ऑन ड्राइव लगाया था। इबादत की शॉर्ट गेंद पर वह आउट हुए और यह एक रणनीति है जिसका हर प्रारूप में विरोधी टीम उनके ख़िलाफ़ ज़रूर उपयोग करेगा।
के एल राहुल, 8: राहुल ने सेट होने के लिए पर्याप्त समय लिया और स्पिन और पेस के विरुद्ध कुछ अच्छे शॉट लगाए। उनका आउट होना एक ख़राब शॉट से आया - इबादत के ओवर में वह 10 रन बटोर चुके थे और दूसरे छोर पर सिराज विश्वसनीय बल्लेबाज़ी कर रहे थे। मेहदी को 15 पर शार्दुल की गेंद पर ड्रॉप करना भी महंगा पड़ा।
वॉशिंगटन सुंदर, 7.5: बल्ले के साथ सुंदर को 12 पर जीवनदान मिला लेकिन वह न्यूज़ीलैंड के फ़ॉर्म को बरक़रार नहीं रख पाए। गेंदबाज़ी में सुंदर ने कप्तान लिटन कुमार दास और शाकिब के बड़े विकेट लिए। हालांकि उनकी फ़ील्डिंग आज साधारण रही।
शाहबाज़ अहमद, 6.5: शाहबाज़ ने कुछ किफ़ायती ओवर डाले और अपने पहले ही ओवर में लिटन को स्लिप पर लगभग कैच करवा बैठे थे। हालांकि आज उन्होंने बल्ले से निराश किया और भारत के लिए 34 रनों पर छह विकेट गिरने के सिलसिले का हिस्सा रहे।
शार्दुल ठाकुर, 8.5: बल्ले के साथ आज शार्दुल, शाकिब के एक बहुत अच्छी गेंद का शिकार बने। गेंद से छठे गेंदबाज़ के तौर पर उनकी शुरुआत ज़बरदस्त थी। रन गति पर अंकुश लगाते हुए उन्होंने महमुदउल्लाह को आउट करके भारत की उम्मीदों को प्रज्जवलित किया। राहुल ने उनकी गेंद पर कैच लपका होता तो भारत इस मैच को 31 रन से जीत गया होता।
दीपक चाहर, 7: मैच के अंत में दीपक, मेहदी के दबाव और ओस के असर को नहीं झेल पाए। दूसरे स्पेल में उन्होंने 12 गेंदों पर 23 रन दिए लेकिन भारत को मैच में बनाए रखने में नई गेंद से उनकी गेंदबाज़ी (6-1-9-1) को नज़रअंदाज़ करना बेमानी होगी। उन्होंने पहली गेंद पर नाजमुल हसन शांतो का विकेट झटका और लगातार स्विंग और सटीक लंबाई से बल्लेबाज़ों को परेशान किया।
मोहम्मद सिराज, 9: सिराज ने बल्ले से परिपक्वता का परिचय दिया और एक समय पर वह राहुल के होते हुए भी स्ट्राइक लगातार अपने पास रख रहे थे। उनकी गेंदबाज़ी उम्मीद के अनुसार पैनी थी और उन्होंने परिस्थितियों का अच्छा उपयोग किया। उनके तीन विकेट में एक खिलाड़ी बोल्ड था और दूसरा पगबाधा, जिसका अर्थ है उन्होंने अच्छी गति के साथ दिशा पर भी नियंत्रण रखा।
कुलदीप सेन, 7: कुलदीप ने अच्छी गति से गेंदबाज़ी की और पहले तीन ओवरों में इस गति का बल्लेबाज़ों ने भी फ़ायदा उठाया। उनकी सबसे तेज़ गेंद 144.2 किमी प्रति घंटा पर रिकॉर्ड हुई थी। दूसरे स्पेल में अफ़ीफ़ हुसैन और इबादत के विकेट लेकर उन्होंने भारत को जीत के क़रीब ला खड़ा किया था लेकिन कप्तान रोहित ने इसके बाद गेंद शार्दुल को थमाना सही समझा। शायद कुलदीप अपनी गति से आख़िरी विकेट को निकालने के लिए बेहतर विकल्प होते। उम्मीद की जा सकती है कि उन्हें इस सीरीज़ में लगातार मौक़े मिलते रहेंगे।

देबायन सेन ESPNcricinfo हिंदी के सीनियर सहायक एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख हैं।