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गोलापुड़ी : भारतीय टीम अब 11 नायकों की फ़िल्म है, एक स्टार पर नहीं है निर्भर

पहले ब्रिस्बेन और अब लॉर्ड्स से पता चलता है कि इस टीम में कुछ ख़ास है

सोमवार को जैसे ही अंपयार ने लंच की घोषणा की पविलियन में एक अदभुत माहौल देखने को मिला। मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह नाबाद रहते हुए पविलियिन की तरफ वापस लौट रहे थे और पूरी टीम लॉर्ड्स के पविलियन के विख्यात लॉन्ग रूम में कोच रवि शास्त्री की अगुआई में उनका स्वागत करने के लिए इंतजार कर रही थी और जैसे ही दोनों प्लेयर वहां प्रवेश करते हैं, तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया गया।
यह स्वागत दोनों पुछल्ले बल्लेबाज़ों की नौवीं विकेट के लिए 89 रनों की साझेदारी के लिए थी जिसने भारत को मुश्क़िल वक़्त से मैच को निकाल कर अपने पक्ष में करने में कारगर साबित हुई। इस स्वागत के तुरंत बाद दोनों गेंदबाज़ नई ऊर्जा लेकर मैदान पर उतरे और आते ही विकेट लिया।
कोहली ने बाद में कहा कि वह कम से कम 55 ओवर गेंदबाज़ी की उम्मीद कर रहे थे। विदेशी मैदान पर अपने गेंदबाज़ों पर इतना विश्वास शायद ही इतिहास में ज़्यादा कप्तानों ने जताया होगा।
बुमराह, शमी, इशांत शर्मा और मोहम्मद सिराज ने गति, अनुशासन, निरंतरता और चतुराई से इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों के आत्मविश्वास को नेस्तनाबूद कर दिया। चारों की गेंदबाज़ी इतनी पैनी और धारदार थी कि ड्रेसिंग रूम से जेम्स एंडरसन भी प्रभावित हुए होंगे।
इस खेल की शुरुआत जसप्रीत बुमराह ने रोरी बर्न्स को पहले ओवर में ही आउट कर के कर दिया था। इसके बाद खेल के आख़री आधा घंटा रहते सिराज ने एंडरसन के ऑफ़ स्टंप को पहले गेंद से और फिर ख़ुद अपने हाथों से उखाड़ के भारत का परचम लॉर्ड्स पर लहरा दिया।
भारत ने 2021 में दो ऐतिहासिक जीत हासिल कर लिए हैं। पहले ब्रिस्बेन में और अब लॉर्ड्स में टीम ने गजब का दम दिखाते हुए विरोधियों को चारों खाने चित्त कर दिया। दोनों जीत में एक समानता निखर कर सामने आती है और वह है- सामूहिक प्रयास। केएल राहुल और रोहित शर्मा ने शतकीय साझेदारी निभाई, कोहली ने जुझारू 42 रन बनाए। रवींद्र जाडेजा और ऋषभ पंत ने स्कोर को 350 के पार पहुंचाया। इंग्लैंड की बल्लेबाज़ी आते-आते पिच पर ज़्यादा जान नहीं बची थी, फिर भी जो रुट के अलावा तेज़ गेंदबाज़ों ने सभी बल्लेबाज़ों को क़ाबू में रखा।
चौथे दिन के खेल में चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे ने न सिर्फ़ भारत को बल्कि शायद अपने टेस्ट जीवन को भी मुसीबत से बचाया। जब मेज़बान को लगा कि मैच शायद उनके कब्ज़े में आ गया है तब किसी न किसी भारतीय खिलाड़ी ने प्रत्याघात किया और फिर आई वो साझेदारी जिसे आर अश्विन ने प्यार से 'शामराह' का नाम दे दिया है।
मैच के बाद कोहली ने बीसीसीआई टीवी को कहा, "उन्हें लगा कि वह हमें पहले बल्लेबाज़ी के लिए आमंत्रित करने के बाद हम पर दबाव डालेंगे। पांचवें दिन के आसान से पिच पर 60 ओवर में किसी टीम को आउट करना, इस टीम के आत्मविश्वास और दृढ़ता को दर्शाता है। हमने विदेशी धरती पर कई जीत हासिल किए हैं लेकिन यह जीत यादगार रहेगा।"
कप्तान ने शमी और बुमराह की साझेदारी को भी ख़ूब सराहा। "हमें लगा था ऋषभ शायद हमें कुछ रन बना कर देंगे। हम 200 की लीड से ख़ुश थे और यह मान रहे थे कि 175-180 से भी लड़ लेंगे," कोहली ने कहा। "मगर 280 तो हमने सोचा ही नहीं होगा। यह बस दर्शाता है कि अगर आप हौसलों को बुलंद रखें तो मैदान पर कुछ भी मुमक़िन है। जसप्रीत और शमी ने मैच का रुख़ ही पलट दिया। हमें पता था कि अब इंग्लैंड सिर्फ़ मैच बचाने के लिए खेलेगा और हमने मौक़े भुनाएं तो उनके लिए मुश्क़िलें बढ़ेंगीं।"
कोहली के व्यवहार को शायद सब पसंद नहीं करते लेकिन उनकी बल्लेबाज़ी की तरह ही उनकी कप्तानी की शैली का मक़सद सिर्फ़ जीतना है। अब उनके पास एक टीम है जिसे उन्होंने अपने सांचे में ढाला है। शमी ने मैच के बाद कहा कि कोई भी गेंदबाज़ लॉर्ड्स में टेस्ट जीतने का ऐसा सुनेहरा मौक़ा गंवाना नहीं चाहता था।" पिच पर गति और उछाल दोनों कम थे। हमने तय कर लिया कि हम स्टंप्स पर गेंद रखेंगे। सबसे ख़ास बात है कि हम अब सीरीज़ में आगे हैं।"
टीम की सामूहिक शक्ति नए खिलाड़ियों को भी विश्वास से परिपूर्ण कर देती है। सिराज हैदराबाद में टेनिस बॉल क्रिकेट खेलते हुए, लॉर्ड्स में गेंदबाज़ी करने का सपना देखते थे। लॉर्ड्स के स्लोप ने अच्छे-अच्छों को छकाया है लेकिन अपने पहले ही लॉर्ड्स टेस्ट में सिराज मैच के सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ बनें। "मैं तो बचपन से लॉर्ड्स टेस्ट देखता था। यहां आकर अपने देश के जीत में अच्छी बोलिंग करना मुझे हमेशा याद रहेगा."
अब कोहली से सिर्फ़ स्टीव वॉ, रिकी पोंटिंग और ग्रैम स्मिथ ने बतौर कप्तान ज़्यादा टेस्ट जीते हैं। इसके बावजूद अब भी वह सीखने की कोशिश करते हैं। हाल में वो रहाणे, रोहित, बुमराह, इशांत और अश्विन से फ़ील्ड सजावट और गेंदबाज़ी के प्लान बनाने में मदद लेने लगे हैं। रोहित ने रहाणे की भी ऑस्ट्रेलिया में भरपूर सहायता की थी और बतौर बल्लेबाज़ वो पंत और शुभमन गिल को भी काफ़ी कुछ सिखा रहें हैं।
लॉर्ड्स के जीत के बाद रोहित ने कहा, "ऐसे मैच को जीतने के लिए आप के टीम में व्यक्तित्व की ज़रुरत होती है और सबने यही दिखाया। एक या दो खिलाड़ियों ने नहीं बल्कि सभी 11 खिलाड़ियों ने अपने ज़िम्मेदारी को निभाया। इस टीम के लिए यह एक अच्छा संकेत है।"
मंगलवार को शास्त्री ने लॉर्ड्स के मेहमान ऑनर्स बोर्ड के तले पूरी टीम का एक फ़ोटो शेयर किया। उस फ़ोटो में जितने भी चेहरे थे, जीत की चमक सभी पर लगभग एक ही जितनी थी। क्योंकि एक यादगार जीत में पसीना भी लगभग सभी ने एक जितना ही बहाया था।

नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्यूज एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सीनियर सहायक एडिटर और स्थानीय भाषा लीड देबायन सेन (@debayansen) ने किया है।