मंज़िल के क़रीब पहुंचकर हार जाने का दु:ख अलग ही होता है। परीक्षा में एक नंबर से असफल हुए छात्र की पीड़ा कई नंबर से असफल होने वाले छात्र के मुक़ाबले कहीं ज़्यादा होती है।
हरमनप्रीत कौर की यात्रा कुछ ऐसी ही रही है।
अमीलिया कर ने जब अपना दूसरा चौका लगा कर आवश्यक रन को प्रति बॉल से कम कर दिया उस समय हरमनप्रीत का जोश देखते ही बन रहा था। मैदान में हरमनप्रीत के रन आउट से लेकर नैटली सिवर-ब्रंट के विनिंग शॉट तक, सब कुछ देखने लायक था।
विमेंस टी20 में भारतीय टीम ने हालिया दौर में अमूमन ऑस्ट्रेलिया को चुनौती दी है लेकिन भारत के खाते में कोई ट्रॉफ़ी नहीं आई है। चाहे वह कॉमनवेल्थ गेम्स का गोल्ड मेडल मैच हो या पिछले महीने विमेंस टी20 वर्ल्ड कप का सेमीफ़ाइनल हो, मेग लानिंग के सामने अमूमन हरमनप्रीत को चूकते ही देखा गया है। उन्हें पता है कि मुक़ाबले पर नियंत्रण हासिल करने के बाद पिछड़ जाने पर कैसा महसूस होता है।
मैच के बाद हुई प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान हरमनप्रीत ने कहा, "मैं इस पल का लंबे समय से इंतज़ार कर रही थी कि बतौर कप्तान वो जीत हासिल करूं जो कि विमेंस क्रिकेट के लिए महत्वपूर्ण हो। मैं भविष्य में इसे जारी रखना चाहती हूं। मैं एक बड़े स्तर पर टूर्नामेंट जीतने का इंतज़ार कर रही थी। इस टूर्नामेंट से मुझे जो भी अनुभव प्राप्त हुए हैं, उन्हें में अपनी भारतीय टीम की साथियों के साथ साझा करना चाहती हूं।"
अंतिम चार ओवर में 37 रनों का पीछा कर रही मुंबई इंडियंस की कप्तान हरमनप्रीत जब रन आउट हुईं तब ब्रेबोर्न स्टेडियम पर सन्नाटा पसर गया। इस रन आउट ने एक तरह से 'डेजा वू' का आभास करा दिया। हरमनप्रीत के रन आउट ने उनके विमेंस टी20 वर्ल्ड कप सेमीफ़ाइनल के रन आउट की याद दिला दी।
हरमनप्रीत ने कहा, "दोनों ही रन आउट काफ़ी दुर्भाग्यपूर्ण थे। हालांकि आज का दिन अलग था क्योंकि पिच पर सिवर-ब्रंट मौजूद थीं। वह सेट हो चुकी थीं और विपक्षी टीम की गेंदबाज़ी को अच्छी तरह से परख चुकी थीं। अमीलिया भी अच्छी लय में थीं। इन दोनों के अलावा पूजा (वस्त्रकर) और (इसी) वॉन्ग भी थीं। हम सकारात्मक सोच के साथ खेल रहे थे और यह सोच रहे थे कि मैच को एक या दो ओवर पहले ही समाप्त कर देंगे लेकिन मेरे रन आउट के बाद हमने परिस्थिति के हिसाब से खेलने का निर्णय किया।"
भारतीय टीम की कप्तान के तौर पर दिल्ली की राधा यादव और शिखा यादव के बल्ले के प्रदर्शन से भी प्रसन्न नज़र आईं। 16 ओवर में दिल्ली की टीम ने 79 के स्कोर पर नौ विकेट गंवा दिए थे लेकिन अंतिम चार ओवर में दोनों के बीच हुई अर्धशतकीय साझेदारी से दिल्ली ने स्कोर बोर्ड पर लड़ने लायक स्कोर टांग दिया। विमेंस प्रीमियर लीग में शिखा ने कुल दस विकेट झटके, वह सबसे ज़्यादा विकेट झटकने वाली तेज़ गेंदबाज़ों की सूची में तीसरे नंबर पर हैं। गुजरात जायंट्स के ख़िलाफ़ मिली क़रीबी हार में भी उन्होंने बल्ले से प्रभावित किया था।
हरमनप्रीत ने कहा, "जिस तरह से वे दोनों बल्लेबाज़ी कर रही थीं, मैं उन्हें देखकर वास्तव में प्रसन्न थी। मैं राधा से हमेशा कहती हूं कि उसे सिंगल्स लेने पर अधिक ध्यान नहीं देना चाहिए, सिंगल्स जिसका काम है, वो लेगा। जब उसने अंत में छक्के जड़े, मैं उसे देखकर काफ़ी खुश थी। मैच के बाद भी मैंने जब उससे बात की तो यही कहा कि भारतीय टीम के लिए भी मैं ऐसी ही बल्लेबाज़ी देखना चाहती हूं। शिखा ने इस पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन गेंदबाज़ी की और जब टीम को ज़रूरत महसूस हुई तो उन्होंने बल्लेबाज़ी में भी टीम का हाथ बंटाया।"
लानिंग की कप्तानी पर हरमनप्रीत ने कहा, "लानिंग ने काफ़ी सालों से अपने देश के लिए बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन यहां परिस्थिति अलग थी।"
विमेंस प्रीमियर लीग की इस जीत से हरमनप्रीत और भारत के लिए एक ऐसे दौर की शुरुआत हो सकती है, जहां वैश्विक स्तर के टूर्नामेंट में मंज़िल की दहलीज़ पर पहुंच कर मिलने वाली हार को दूर छोड़ आया जाए।