इयन चैपल: स्मिथ और लायन को शांत रखने पर भारत का पलड़ा भारी रहेगा
ऑस्ट्रेलिया को घर में अच्छे प्रदर्शन से आत्मविश्वास मिला है, लेकिन भारत को भारत में हराना लगभग असंभव है
फिर भी यह एक कठिन चुनौती होगी। इसे ऑस्ट्रेलिया में "एवरेस्ट" समान माना जाता है। उसका कारण यह है कि भारतीय टीम ताक़तवर है और घरेलू परिस्थितियों में उसे हारना लगभग असंभव है।
भारत को घर में कोई टेस्ट सीरीज़ हारे एक दशक से भी ज़्यादा समय हो गया है पर ऑस्ट्रेलिया अपनी पिचों पर ज़बरदस्त प्रदर्शन करने के बाद आत्मविश्वास से लबरेज़ है। ऋषभ पंत की गंभीर चोट से उनका आत्मविश्वास और बढ़ गया है, जिसका मतलब है कि इस विकेटकीपर-बल्लेबाज़ के आक्रामक व्यक्तित्व की कमी खलेगी।
हालांकि ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों में बल्लेबाज़ी क्षमता पर भरोसा होना और पूरी तरह से अलग भारतीय पिचों पर अच्छा प्रदर्शन करने में बड़ा अंतर है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां स्टीवन स्मिथ को छोड़कर बाक़ी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों को ख़ुद को साबित करना है।
टेस्ट में 60 की औसत रखने वाले स्मिथ, भारत में 30 से अधिक की औसत से बल्लेबाज़ी करने वाले ऑस्ट्रेलियाई दल में एकमात्र बल्लेबाज़ हैं। अगर रवींद्र जाडेजा अपने सीनियर जोड़ीदार आर अश्विन के साथ पार्टनरशिप में अच्छी गेंदबाज़ी करते हैं, तो बल्लेबाज़ी में सफलता हासिल करना ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।
फिर बात आती है ऑस्ट्रेलिया के स्पिन विभाग की। नेथन लायन एकमात्र सफल गेंदबाज़ हैं, भले ही भारत में उनकी औसत 30 से अधिक है। लायन को लगता है कि उन्होंने उपमहाद्वीप में एक गेंदबाज़ के तौर पर सुधार किया है, उनको ऐश्टन एगार और मिचेल स्वेपसन जैसे गेंदबाज़ों से साथ मिलेगा, जिन्हें ख़ुद को साबित करना बाक़ी है।
ऑस्ट्रेलिया को दाएं और बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ योजना का पालन करने के किसी भी लालच को छोड़ने की ज़रूरत है और सिर्फ़ परिस्थितियों के अनुसार सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ों का चयन करना चाहिए। साथ ही उन्हें अपने तेज़ गेंदबाज़ों पर भी भरोसा बनाए रखने की ज़रूरत है। ऑस्ट्रेलियाई "बिग थ्री" पैट कमिंस, जॉश हेज़लवुड और मिचेल स्टार्क का भारत में 30 से ऊपर की औसत है और उन्हें यहां अच्छा परिणाम हासिल करने के लिए विशेष रूप से पुरानी गेंद से बेहतर प्रदर्शन करने की ज़रूरत होगी।
आम तौर पर चयनकर्ताओं ने फ़ॉर्म खिलाड़ियों को चुना है जिन्होंने दिखाया है कि वे ऑस्ट्रेलिया में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं लेकिन अब उन्हें पूरी तरह से अलग परिस्थितियों में सफल होना है।
सीरीज़ शुरू होने से पहले ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी संपत्ति उनका आत्मविश्वास है, जो स्थिरता से आया है। टीम के लिए बड़ी परीक्षा यह होगी कि वह भारत के दबाव में कब तक इस आत्मविश्वास को बरक़रार रख पाती है।
भारत को भी कुछ चीज़ों पर साबित करने की ज़रूरत है। पंत का रिप्लेसमेंट कैसा प्रदर्शन करेगा यह मुद्दा नहीं है। उनकी अनुपबलब्धता से भारत जो सबसे बड़ी चीज़ खोएगा वह है अच्छा रन रेट, जो उनकी जूझारू आक्रामकता से आया है। गेंदबाज़ों पर हावी होने की पंत की ख़ूबी को कोई रिप्लेस नहीं कर सकता, लिहाज़ा भारत को अपने शीर्ष बल्लेबाजों पर न सिर्फ़ अच्छे प्रदर्शन के लिए बल्कि अच्छे स्ट्राइक रेट के लिए भी निर्भर रहना होगा।
रोहित शर्मा, विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा जैसे भारतीय खिलाड़ियों के लिए मुख्य कामों में से एक होगी लायन पर मानसिक श्रेष्ठता कायम करना। अगर ऑस्ट्रेलिया लायन पर भरोसा नहीं करता है, तो उनकी गेंदबाज़ी काफ़ी हद तक "बिग थ्री" पर निर्भर करेगी।
भारतीय गेंदबाज़ों का मुख्य काम होगा बड़े स्कोर करने वाले स्मिथ को जल्दी आउट करने का तरीक़ा खोजना। अगर भारत स्मिथ और लायन को सफल नहीं होने देता है तो वह मैचों को जीतने की राह पर होगा।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल स्तंभकार हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के एडिटोरियल फ़्रीलांसर कुणाल किशोर ने किया है।