मैच (13)
एशिया कप (1)
CPL (1)
ENG vs SA (1)
WCPL (1)
County DIV1 (5)
County DIV2 (4)
ख़बरें

खिलाड़ियों की इमेज राइट्स को लेकर ICC और WCA के बीच टकराव हो सकता है

WCA ने आरोप लगाया है कि वे तय शर्तों से आगे जाकर खिलाड़ियों के नाम, छवि और समानता के अधिकार अपने पास रखने की कोशिश कर रहे हैं

Posters featuring Virat Kohli and Rohit Sharma at  Nazara Technologies Ltd, a mobile cricket gaming app maker, Mumbai, March 19, 2021

मोबाइल गेमिंग की मार्केल लगातार बढ़ती जारी है और यह विवाद काफ़ी हद तक उसी से जुड़ा है  •  AFP/Getty Images

ICC और वर्ल्ड क्रिकेटर्स एसोसिएशन (WCA) के बीच खिलाड़ियों की इमेज लाइसेंसिंग राइट्स लेकर विवाद शुरू हो सकता है। पूरा मामला एक नए मोबाइल क्रिकेट गेम से जुड़ा है जिसे ICC जल्द लॉन्च करने की योजना बना रहा है।
ICC ने अप्रैल में पहली बार इस योजना के बारे में अपने सदस्यों को जानकारी दी थी। इसके बाद जुलाई में सिंगापुर में हुई AGM में कुछ सदस्य बोर्डों ने यह इच्छा जताई कि वे इन अधिकारों के मामले में सीधे अपने खिलाड़ियों से बात करना चाहते हैं।
WCA खिलाड़ियों का वैश्विक संगठन है और वे इसे एक "उल्लंघन" बता रहा है। यह उस समझौते के संदर्भ में है,जो उसने ICC के साथ किया था। उन्होंने ICC और "कुछ" सदस्य बोर्डों पर खिलाड़ियों के नाम, छवि और समानता के अधिकार सहमति से तय शर्तों से परे अपने पास रखने का आरोप लगाया है।
ICC की यह योजना खेल को विकसित करने के लिए है ताकि 2028-2031 चक्र में प्रसारण अधिकारों की क़ीमत में संभावित गिरावट की भरपाई हो सके। भारत में मोबाइल गेमिंग एक तेज़ी से बढ़ता हुआ बाज़ार है। 2024 में कई रिपोर्ट्स ने इसकी क़ीमत लगभग 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर आंकी थी। इसी वजह से ICC इसमें उतरना चाहता है।
WCA पहले ही इस क्षेत्र में आ चुका है और उसने तीन कंपनियों के साथ लाइसेंसिंग समझौते किए हैं, जिनमें रियल क्रिकेट भी शामिल है। यह सौदा अगस्त 2024 में घोषित किया गया था।
WCA का रियल क्रिकेट के साथ समझौता 250 से अधिक पेशेवर क्रिकेटरों के नाम, छवि और समानता को शामिल करेगा।
लेकिन अन्य मोबाइल गेमिंग समझौतों से खिलाड़ियों को मिलने वाली सालाना रॉयल्टी की भुगतान प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है।
WCA का दावा है कि भारत में कई कंपनियां खिलाड़ियों के अधिकारों का इस्तेमाल बिना अनुमति और बिना उन्हें राजस्व दिए कर रही हैं और इन्हीं राजस्व अधिकारों की रक्षा और पालन कराने के लिए WCA काफ़ी गंभीर है।
WCA से जुड़े 20 में से 15 शीर्ष देशों (भारत और पाकिस्तान इसमें शामिल नहीं हैं, क्योंकि उनके यहां खिलाड़ियों का संगठन नहीं है) के लगभग 600 खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए, वैश्विक खिलाड़ियों के संगठन ने उन्हें चेतावनी दी कि वे ICC या सदस्य बोर्डों से मोबाइल गेम को लेकर किसी भी अधिकार पर बातचीत न करें।
12 अगस्त को खिलाड़ियों को लिखे ईमेल में, जिसे ESPNcricinfo ने देखा है, WCA के सीईओ टॉम मोफ़ैट ने कहा, "ICC/राष्ट्रीय संस्थाएं आपके नाम, छवि और समानता पर आधारित एक वैश्विक मोबाइल गेम विकसित करने की कोशिश कर रही हैं, बिना खिलाड़ियों से सामूहिक रूप से शर्तें तय किए।"
"संक्षेप में कहें, तो ऐसा लगता है कि ICC वैश्विक स्तर पर आपके अधिकारों का इस्तेमाल और बिक्री करना चाहता है और नहीं चाहता कि आप और आपके साथी सामूहिक रूप से यह तय करें कि आपके अधिकारों का इस्तेमाल कैसे होगा और उसके लिए आपको भुगतान कैसे मिलेगा।" WCA ने इस मामले पर ICC से भी संवाद किया है।
मोफ़ैट ने खिलाड़ियों से कहा कि ICC दरअसल उस समझौते का उल्लंघन कर रहा है जो उसने WCA के साथ किया था, जिसमें खिलाड़ियों की छवि का ICC और उसके व्यावसायिक साझेदारों द्वारा अधिकृत इस्तेमाल शामिल था। यह दोनों संगठनों के बीच बार-बार उठने वाला मुद्दा रहा है।
उन्होंने कहा, "यह तरीका ICC और WCA के बीच हुए समझौते और स्क्वॉड टर्म्स का उल्लंघन होगा और यह दिखाता है: खिलाड़ियों के प्रति सम्मान की कमी, उनके व्यावसायिक अधिकारों की अनदेखी, और इस इच्छा को कि (कुछ राष्ट्रीय संस्थाओं सहित) आपको और आपके अधिकारों को हर संदर्भ में अपना बना लिया जाए। यहां तक कि मैदान से बाहर मिलने वाले अवसरों में भी, जो आपके अनुबंध या संस्थागत बौद्धिक संपदा से बाहर आते हैं।"
यह मुद्दा और पेचीदा होने वाला है।
इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया के डेली टेलीग्राफ और न्यूज़ीलैंड हेरल्ड में प्रकाशित रिपोर्ट्स में खुलासा हुआ था कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) और न्यूज़ीलैंड क्रिकेट (NZC) अपने खिलाड़ियों के साथ डिजिटल गेम्स में इमेज राइट्स को लेकर विवाद में हैं। खास तौर पर, दोनों देशों के बोर्ड अपने खिलाड़ी संगठनों के साथ रियल क्रिकेट ऐप में खिलाड़ियों की फ़ोटो के इस्तेमाल पर विवाद में थे।
समझा जाता है कि WCA ने NZC के साथ यह मामला सुलझा लिया है लेकिन CA के साथ विवाद अभी जारी है।
ESPNcricinfo ने ICC से इस पर टिप्पणी मांगी है लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।

Nagraj Gollapudi is news editor at ESPNcricinfo