किशन दिसंबर 2023 में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ टी20 श्रृंखला में भारतीय टीम का हिस्सा थे। लेकिन उन्हें किसी भी मैच में खेलने का मौक़ा नहीं मिला था। वह जुलाई में वेस्टइंडीज़ के टेस्ट दौरे पर भी भारतीय टीम के विकेटकीपर थे। किशन साउथ अफ़्रीका टेस्ट दौर पर भी भारतीय टीम के विकेटकीपर थे लेकिन उन्होंने बीसीसीआई से ब्रेक मांग लिया था। उन्होंने अंतिम बार प्रतिस्पर्धी क्रिकेट पिछले साल नवंबर महीने में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच में खेली थी। किशन ने रणजी ट्रॉफ़ी में भी एक भी मैच नहीं खेला है।
द्रविड़ ने कहा, "हर किसी के लिए वापसी के दरवाज़े खुले हुए हैं। हम किसी की वापसी की संभावना को ख़ारिज नहीं कर रहे हैं। मैं इस मसले पर अधिक कुछ नहीं कह सकता क्योंकि पहले ही इस मसले पर जितना बेहतर मैं समझा सकता था, समझा चुका हूं। उन्होंने ब्रेक की गुज़ारिश की थी और उन्हें ब्रेक देकर हम ख़ुश थे। मैंने यह नहीं कहा था कि उन्हें डोमेस्टिक क्रिकेट खेलना होगा। मैंने कहा था कि वह जब भी तैयार हों, वह थोड़ी बहुत क्रिकेट खेलकर वापस आ सकते हैं। फ़ैसला उनके ऊपर है।"
भारत ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ पहले दो टेस्ट मैचों के लिए केएस भरत, केएल राहुल और ध्रुव जुरेल को बतौर विकेटकीपर अपने दल में शामिल किया था। भरत ने दोनों टेस्ट मैच खेले और उन्होंने छह कैच पकड़ने के अलावा 41, 28, 17 और 6 रन की पारी खेली। हैदराबाद टेस्ट में टॉम हार्टली के ख़िलाफ़ भारतीय टॉप ऑर्डर के संघर्ष करने के बाद भरत की अंतिम पारी में मैच को क़रीब ले गए।
हालांकि भरत विशाखापटनम में पहले दिन एक अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर पाए। जबकि दूसरी पारी में वह एक ख़राब शॉट खेलकर आउट हो गए। द्रविड़ ने यह ज़रूर कहा कि भरत को अपनी बल्लेबाज़ी पर अभी और काम करने की ज़रूरत है लेकिन विकेटों के पीछे भरत के प्रदर्शन से वह संतुष्ट दिखाई दिए।
द्रविड़ ने कहा, "नए खिलाड़ियों को डेवलप होने में समय लगता है। हां, एक कोच के तौर पर आप ज़रूर यह अपेक्षा करते हैं कि नए खिलाड़ी मिलने वाले अवसरों को भुनाएं। टेस्ट मैचों में जहां तक उनकी कीपिंग की बात है तो उन्होंने वाकई अच्छा प्रदर्शन किया है। जहां तक बल्लेबाज़ी की बात है, तो मुझे लगता है कि वह भी इस बात से सहमत होंगे कि वह और बेहतर कर सकते थे। उनके पास मौक़े थे। हां, यह बात ज़रूर है कि उन्हें मुश्किल पिचों पर भी बल्लेबाज़ी करनी पड़ी थी लेकिन उनके पास और बेहतर योगदान देने के भी अवसर आए थे।"