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भारत के डेथ ओवरों के नायक बनते अर्शदीप सिंह

रांची की असफलता को भुलाते हुए उन्होंने लखनऊ की जीत में अहम भूमिका निभाई

बुमराह की अनुपस्थिति में अच्‍छा अनुभव पा रहे हैं अर्शदीप सिंह  •  BCCI

बुमराह की अनुपस्थिति में अच्‍छा अनुभव पा रहे हैं अर्शदीप सिंह  •  BCCI

टी20 क्रिकेट में डेथ ओवर में गेंदबाज़ी करना सबसे मुश्किल कामों में से एक है और अक्सर ख़ुद पर गुस्सा करना इतना आसान होता है। यहां तक कि इन दिनों इस प्रारूप में सटीक यॉर्कर या मुश्किल लो फ़ुल टॉस पर भी बाउंड्री लगा दी जाती है। कई बार एक हल्‍का किनारा भी बल्‍लेबाज़ों को बाउंड्री दिला देता है। तब ऐसे भी दिन आते हैं जब ओस की वजह से आप यॉर्कर मिस कर देते हो और आप पर बाउंड्री लगती हैं। शुक्रवार का दिन अर्शदीप सिंह के लिए ऐसे ही दिनों में से एक था।

बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ ने 7 (नो बॉल), 6,6,4 रन लुटाए जिससे भारत ने आख़ि‍री ओवर में 27 रन ख़र्च किए। रांची में पहले टी20 के बाद यह ओवर भारत को और डराने लगा। लेकिन अर्शदीप ने खु़द को गिरने नहीं दिया और ना ही भारत के टीम प्रबंधन ने उन्‍हें गिरने दिया क्‍योंकि यह डेथ ओवरों में कभी भी किसी के साथ हो सकता है। ऐसा डेथ ओवरों के सर्वश्रेष्‍ठ गेंदबाज़ों में से एक ड्वेन ब्रावो और क्रिस जॉर्डन के साथ भी हुआ है। यहां तक कि इससे पहले अर्शदीप के साथ भी ऐसा हुआ है।

छोटे से करियर में अर्शदीप ने दिखाया है कि वह सीनियर जसप्रीत बुमराह की ही तरह तेज़ी से सीखते हैं। यही वजह है कि भारत अभी भी मुश्किल ओवर देने में अर्शदीप पर भरोसा जताता है।

भारत यहां तक कि उमरान मलिक की 150 किमी प्रति घंटा की गेंद को भी अर्शदीप के लिए क़ुर्बान करने को तैयार है। वे अपने लेग स्पिनर युज़वेंद्र चहल से भी लखनऊ की पिच पर गेंदबाज़ी करा सकते थे, लेकिन भारत डेथ ओवर में अर्शदीप के साथ गया और उन्‍होंने 2-0-7-2 का स्‍पेल डाला, जो बेहतर साबित हुआ क्‍योंकि टर्न होती पिच पर भारत भी 100 रन का पीछा करते हुए एक गेंद रहते ही जीता।

अर्शदीप को 18वें ओवर में आक्रमण पर लगाया गया और उन्‍होंने बाउंसर पर इसी ओवर में ईश सोढ़ी और लॉकी फ़र्ग्‍युसन के विकेट लिए। दोनों ही गेंद 130 किमी प्रति घंटा से कम थी लेकिन बल्‍लेबाज़ों की ओर स्किड हुई। अर्शदीप बाउंसर डालने के लिए अलग तरह का कोण निकाल सकते हैं। इसके साथ ही बांग्‍लादेश के मुस्‍तफ़‍िज़ुर रहमान की तरह गेंद की गति भी कम कर सकते हैं।

हां, सोढ़ी और फ़र्ग्‍युसन निचले क्रम के बल्‍लेबाज़ हैं, लेकिन अर्शदीप की बाउंसर इतनी सटीक थी कि बल्‍लेबाज़ों को इसे खेलने में दिक्‍कत होती। इसके बारे में आसिफ़ अली, मोहम्‍मद रिज़वान और काइल मेयर्स से पूछिए। ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के आंकड़ों के मुताबिक अर्शदीप के टी20 अंतर्राष्‍ट्रीय के 39 में से एक-तिहाई विकेट शॉर्ट या शॉर्ट ऑफ़ गुड लेंथ गेंदों पर आए हैं।

जो गेंद उन्‍होंने 2022 टी20 विश्‍व कप में आसिफ़ को की वह यादगार गेंदों में से एक है। अर्शदीप ने 17वें ओवर में पाकिस्‍तान की पारी में ओवर द विकेट आते हुए लेग स्‍टंप पर कंधे की ऊंचाई की गेंद डाली। आसिफ़ के पास डक या हुक करने का कोई समय नहीं था। आसिफ़ विकेटकीपर दिनेश कार्तिक को कैच दे गए। छक्‍के लगाने में माहिर आसिफ़ कीपर को भी पार नहीं कर सके। आसिफ़ के रिएक्‍शन से लगा कि उन्‍होंने इस तरह की बाउंसर कभी झेली नहीं थी।

यही विविधता अर्शदीप की विशेषता है और पंजाब किंग्‍स के पूर्व कोच अनिल कुंबले उनकी प्रगति से बेहद प्रभावित हैं और उन्‍हें लगता है कि जो ज़हीर ख़ान ने भारत के लिए किया वह यह कर सकते हैं।

पिछले साल अक्‍तूबर में ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के ओपन माइक प्रोग्राम में कुंबले ने कहा था, "मैं अर्शदीप से बेहद प्र‍भावित था, जिस तरह से वह प्रगति कर रहे हैं। मैंने उनके साथ तीन साल काम किया और मैं उनकी प्रगति देख सकता हूं टी20 प्रारूप में और पिछले साल का आईपीएल इसका बेहतरीन उदाहरण था।"

कुंबले ने आगे कहा था, "उन्‍होंने मुश्किल ओवर डाले और आप टी20 प्रारूप में हमेशा विकेट को नहीं देख सकते हो बल्कि देखते हो कि किस परिस्थिति में गेंदबाज़ ने कैसी गेंदबाज़ी की। और जो टेंपरामेंट उन्‍होंने दिखाया है वह शानदार है। हमने यह दोबारा भारत बनाम पाकिस्‍तान मैच में देखा जहां पर एमसीजी में 90,000 दर्शकों के सामने यह हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है।"

इस तरह की तुलना और चोट की वजह से बुमराह की अनुपस्थिति भी दबाव को आमंत्रित कर सकती है लेकिन अर्शदीप के पास टी20 क्रिकेट जैसे चंचल खेल में भी उस भूमिका को निभाने का कौशल और आत्मविश्वास है।

पिछले साल डेथ ओवर गेंदबाज़ी पर अर्शदीप ने कहा था, "मुझे लगता है कि सबसे पहले आपमें आत्‍मविश्‍वास होना ज़रूरी है। तभी दूसरे लोग आप में विश्‍वास दिखाएंगे। जब भी आप मैदान में उतरते हो तो आपको आत्‍मविश्‍वास के साथ उतरना होता है फ‍िर चाहे सामने कोई भी हो, आपको अपने कौशल पर भरोसा करते हुए टीम के लिए अच्‍छा करना होता है। आप इस स्‍तर तक तभी पहुंच सकते हो अगर आपके अंदर यह कौशल है। इसके बाद आप परिस्‍थति से सामंजस्‍य बैठाते हुए काम कर सकते हो।"

लखनऊ में भारत को टी20 सीरीज़ में बराबरी कराने के बाद अर्शदीप के पास अहमदाबाद में उत्कृष्टता हासिल करने और सीरीज़ जिताने का मौक़ा है। ठीक है, भले ही वह बुधवार को बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं करते हैं और अंत के ओवरों में बहुत अधिक रन देते हैं, भारत जानता है कि यह एक व्यावसायिक ख़तरा है। भारत यह भी जानता है कि वह असफलताओं से पीछे हट सकते हैं और एक बार फिर मौत के मुंह में जाकर कठिन काम कर सकते हैं।

देवरायण मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।